सिंधु जल समझौता क्या है? सिंधु जल समझौते की शर्ते? क्या भारत तोड़ सकता है सिंधु जल समझौता?

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भारत और पाकिस्तान के बीच रिश्तों का जब भी जिक्र होता है तो सिंधु जल समझौते की बात जरूर होती है. जब देश में पुलवामा हमला हुआ, जिसके विरोध में भारत सरकार ने पाकिस्तान से ‘मोस्ट फेवर्ड नेशन’ का दर्जा वापस लेने की अपील की तो उस समय देश के अंदर से सिंधु जल समझौते को समाप्त करने की आवाजें भी उठने लगी. भारत में कई लोगों ने सरकार से मांग की थी कि भारत को पाकिस्तान के साथ सिंधु जल समझौता समाप्त कर देना चाहिए. उनका मानना है कि इस समझौते से पाकिस्तान को ज्यादा फायदा हुआ है. तो चलिए आज हम सिंधु जल समझौते से जुड़े कुछ सवालों के जवाब जानते हैं.

सिंधु जल समझौता क्या है? (What is Indus Water Convention?)

यहां सबसे पहला सवाल यह है कि आखिर सिंधु जल समझौता है क्या? और सिंधु जल समझौता कब हुआ था? तो बता दे कि सिंधु जल समझौता 19 सितंबर 1960 को हुआ था. दरअसल जब देश आजाद हुआ और भारत पाकिस्तान का बंटवारा हुआ तो दोनों देशों के बीच पानी को लेकर विवाद गहरा गया. इसके बाद भारत और पाकिस्तान के इंजीनियर मिले और एक ‘स्टैंडस्टिल समझौते’ पर हस्ताक्षर किए. यह समझौता 31 मार्च 1948 तक के लिए ही था. समझौते के तहत भारत से पाकिस्तान की तरफ जाने वाली दो नदियों का पानी उन्हें लगातार मिलता रहेगा. 1 अप्रैल 1948 को जैसे ही यह समझौता खत्म हुआ, भारत ने दोनों नहरों का पानी रोक दिया. इससे पाकिस्तान के पंजाब प्रान्त में 17 लाख एकड़ ज़मीन सुखी रह गई और वहां अकाल जैसी स्थिति बन गई. हालांकि बाद में समझौते के बाद भारत ने आपूर्ति वापस शुरू कर दी.

साल 1951 में भारत के तत्कालीन प्रधानमंत्री जवाहरलाल नेहरु ने टेनसी वैली अथॉरिटी के पूर्व प्रमुख डेविड लिलियंथल को भारत आमंत्रित किया. इसके बाद लिलियंथल ने भारत के साथ-साथ पाकिस्तान का भी दौरा किया और वापस अमेरिका लौटकर सिंधु नदी के बंटवारे पर एक लेख लिखा. इस लेख को पढने के बाद तत्कालीन विश्व बैंक अध्यक्ष ने भारत और पाकिस्तान से बात कर मध्यस्थता करने का ऑफर दिया. उनकी मध्यस्थता के चलते 19 सितंबर 1960 को भारत और पाकिस्तान के बीच सिंधु जल समझौता हुआ। इस दिन भारत के तत्कालीन प्रधानमंत्री जवाहरलाल नेहरु और पाकिस्तान के तत्कालीन राष्ट्रपति अयूब खान ने सिंधु जल समझौते पर हस्ताक्षर किए.

सिंधु जल समझौते की शर्ते (Indus water agreement terms)

भारत और पाकिस्तान के बीच 19 सितंबर 1960 को हुए सिंधु जल समझौते के तहत यह तय हुआ कि भारत पूर्वी नदियों यानी सतलज, ब्यास और रावी नदियों का पानी बिना किसी रोक-टोक के इस्तेमाल कर सकता है जबकि पश्चिमी नदियों यानी झेलम, चेनाब और सिंधु नदियों का पानी पाकिस्तान के लिए होगा. हालांकि भारत पश्चिमी नदियों के पानी का इस्तेमाल बिजली बनाने, कृषि के लिए सीमित पानी जैसी चीजों पर कर सकेगा. इसके साथ ही एक स्थायी सिंधु आयोग की स्थापना भी की गई. इसके तहत दोनों देशों के अधिकारी समय-समय एक-दूसरे से मिलेंगे और परेशानी पर बात करेंगे. इसके अलावा अगर कोई एक देश किसी प्रोजेक्ट पर काम करता है और दूसरे देश को उस पर आपत्ति है तो दोनों पक्ष बैठक करके उसे सुलझाएँगे. इसके साथ ही विवाद को सुलझाने के लिए विशेषज्ञ की मदद लेने या कोर्ट ऑफ़ आर्ब्रिट्रेशन में जाने का भी खुला है.

क्यों होता है सिंधु जल समझौते का विरोध (Why there is opposition to Indus Water Agreement)

भारत में एक बड़े वर्ग का मानना है कि सिंधु जल समझौते से भारत को काफी नुकसान हो रहा है. जम्मू कश्मीर सरकार के अनुसार इस समझौते के कारण राज्य को हर साल करोड़ो का आर्थिक नुकसान हो रहा है. हालांकि कुछ लोगों का कहना है कि तत्कालीन प्रधानमंत्री जवाहरलाल नेहरु ने यह सोचकर सिंधु जल समझौते पर हस्ताक्षर किए थे कि भारत की दरियादिली के बदले पाकिस्तान शांत हो जाएगा और भारत के खिलाफ काम नहीं करेगा. लेकिन हुआ इसका ठीक उलट. इस समझौते के पांच साल बाद ही 1965 में पाकिस्तान ने भारत पर हमला कर दिया. आज भी भारत में होने वाली आतंकी घटनाओं में पाकिस्तान का हाथ होने की बात सामने आती रहती है. यहीं कारण है कि लोग चाहते है कि भारत इस समझौते को रद्द कर दे.

क्या भारत सिंधु जल समझौते से पीछे हट सकता है? (Can India back out of the Indus Water Agreement?)

सिंधु जल समझौते को लेकर पाकिस्तान की तरफ से कहा जाता है कि इस समझौते के अनुसार कोई भी देश एकतरफा न सिंधु जल समझौते से पीछे हट सकता है? और ना ही इसमें कोई बदलाव कर सकता है. वहीं दूसरी तरफ कुछ जानकारो का कहना है कि भारत समझौते के लॉ ऑफ़ ट्रीटीज़ की धारा 62 के अंतर्गत यह कहकर इस समझौते से पीछे हट सकता है कि पाकिस्तान चरमपंथी गुटों का उसके ख़िलाफ़ इस्तेमाल कर रहा है. अंतरराष्ट्रीय न्यायालय ने भी कहा है कि अगर मूलभूत स्थितियों में परिवर्तन हो तो किसी संधि को रद्द किया जा सकता है.

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