क्या है LBSNAA ? सिविल सेवा पास करने वाले से क्या है LBSNAA का संबंध ?

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सिविल सेवा परीक्षा यानि UPSC के क्षेत्र में LBSNAA का नाम ना हो ऐसा काफी मुश्किल है. LBSNAA का पूरा नाम है लाल बहादुर शास्त्री नेशनल अकेडमी ऑफ़ एडमिनिस्ट्रेशन (Lal Bahadur Shastri National Academy of Administration). यहाँ से सिविल सेवा परीक्षा यानि की UPSC की एग्जाम को पास करने वाले को ट्रेनिंग दी जाती है. यहाँ पहुंचना हर UPSC Aspirant का सपना होता है.

LBSNAA इसी ट्रेनिंग के लिए काफी फेमस भी है. यह अकादमी उत्तराखंड के मसूरी में है. LBSNAA का जैसा नाम है वैसा ही काम भी है. यहाँ की ट्रेनिंग तो मजबूत है ही साथ ही यहाँ के कायदे कानून उससे भी मुश्किल या कड़े हैं. तो चलिए जानते हैं LBSNAA के बारे में विस्तार से :

कैसे हुई LBSNAA की शुरुआत ?

सिविल सेवा को हमारे देश में शुरुआत से ही तवज्जो दी गई है और इस बात से हम वाकिफ हैं ही. इसे देखते हुए ही 15 अप्रैल, 1958 को तत्कालीन केंद्रीय गृह मंत्री पंडित गोविंद बल्लभ पंत ने इस दिशा में कदम बढाया और सिविल सेवा () के सभी रंगरूटों को प्रशिक्षित करने के लिए मसूरी के चारलेविल एस्टेट में नेशनल अकेडमी बनाने का निर्णय किया.

शुरुआत में LBSNAA का नाम नेशनल अकेडमी ऑफ़ एडमिनिस्ट्रेशन (NAA) रखा गया था. लेकिन कुछ ही सालों में इसे बदल दिया गया. साल 1972 में नेशनल अकेडमी ऑफ़ एडमिनिस्ट्रेटर का नाम बदलकर LBSAA  यानि लाल बहादुर शास्त्री अकादमी ऑफ़ एडमिनिस्ट्रेशन रख दिया गया.

हालाँकि इस नाम में भी कुछ संशोधन किया गया और साल 1973 के दौरान इसमें नेशनल शब्द और जोड़ दिया गया. और इसके साथ ही यह हो गया लाल बहादुर शास्त्री नेशनल अकादमी ऑफ़ एडमिनिस्ट्रेशन LBSNAA .

LBSNAA का गीत :

LBSNAA का एक गीत भी है जो कि काफी प्रचलित भी है और अकेडमी में सबके लिए काफी मायने भी रखता है. इस LBSNAA के अकेडमी गीत को प्रख्यात बंगाली संगीतकार, गीतकार और गायक अतुल प्रसाद सेन ने कंपोज किया है. यह एक बंगाली गाना है, जिसे राजेश्वर प्रसाद के कार्यकाल के दौरान अकेडमी ने स्वीकार किया था. राजेश्वर प्रसाद के बारे में बता दें कि वे 11 मई 1973 से 11 अप्रैल 1977 तक अकेडमी ने निदेशक के रूप में कार्यरत रहे.

LBSNAA की ट्रेनिंग में शामिल हैं कई देश :

यहाँ के बारे में एक काफी हैरान करने वाली बात यह है कि यहाँ भारत के साथ ही कुछ और भी देश हैं जहाँ के सिविल सर्वेन्ट्स की ट्रेनिंग होती है. जी हाँ, भारत के साथ ही LBSNAA में बांग्लादेश, भूटान, म्यंमार और मालदीव के सिविल सर्वेन्ट्स भी मौजूद रहते हैं और यहाँ सभी को एक साथ ट्रेनिंग दी जाती है.

इन सभी सिविल सर्वेन्ट्स को भारतीय समकक्षों के साथ शुरुआत के तीन महीनों के फाउंडेशन कोर्स प्रशिक्षण में भाग लेने दिया जाता है जो कि काफी रोचक है.

LBSNAA का लोगों मौजूद हर सामान पर :

जैसा कि अकेडमी के बारे में अब तक हम पढ़ रहे हैं और यहाँ के अलग-अलग पहलुओं को जान रहे है तो इनमे एक और पहलु जोड़ते हैं LBSNAA के लोगो का. यहाँ ऑफिसर्स के लिए एक सौवेनियर शॉप बनाई गई है. इस शॉप पर फिजिकल एक्टिविटीज के लिए सभी चीजों को रखा जाता है. इसके साथ ही यहाँ स्टेशनरी भी है और साथ ही सिविल सेर्वेट्स के लिए जरुरत का सभी सामान भी रखा जाता है. इस बीच खास बात यह है कि हर सामान पर LBSNAA का लोगो होता है.

आम लोगों की है अकेडमी में जाने पर मनाही :

बात सिविल सर्वेन्ट्स की है तो यहाँ आम व्यक्ति का जाना मना है. आम लोगों को LBSNAA में जाने के लिए परमिशन नहीं होती है. यहाँ अंदर जाने के लिए भी दो रास्ते हैं लेकिन वे भी हर किसी के लिए नहीं हैं. पहला रास्ता है जब अकेडमी आपको खुद बुलाए यानि अगर आप यहाँ गेस्ट स्पीकर के रूप में आमंत्रित हैं तब आप जा सकते हैं.

और दूसरा है जब आपका कोई अपना इस अकेडमी में ट्रेनिंग ले रहा हो तब. ये दो ही अवसर हैं जिनमें आप इस अकेडमी को देख सकते हैं.

ड्रेस कोड का पालन होता है LBSNAA में अनिवार्य :

अकेडमी में ट्रेनिंग के दौरान ऑफिसर्स को केवल फॉर्मल कपडे पहनने के लिए कहा जाता है. जब भी वे परिसर में होते हैं तो केवल फॉर्मल ड्रेस में ही नजर आते हैं. केवल ट्रेनिंग के दौरान ही नहीं बल्कि खाना खाने के लिए मेस तक में ड्रेस कोड का पालन करना बेहद जरुरी होता है.

यदि आप अपने रूम के बाहर भी घूम रहे हैं तब भी आप प्रॉपर ड्रेस कोड का पालन करेंगे और आप बाथरूम स्लीपर्स या सैंडल पहनकर भी नहीं रह सकते हैं. यदि कोई भी ऑफिसर ऐसा करता हुआ पाया जाता है तो उसे दंड भुगतना होता है.

कोड के बारे में बता दें कि जब ऑफिसर अपनी क्लास में होते हैं तब उन्हें गर्मी में नेकटाई के साथ फुल स्लीव शर्ट और पेंट पहनना होता है. जबकि सर्दी के मौसम में नेकटाई के साथ फुल स्लीव शर्ट, जैकेट और पेंट पहनना अनिवार्य है. जबकि आपको हमेशा लैदर शूज तो पहनना ही है.

यदि ऑफिसर महिला है तो उन्हें साड़ी या सलवार-कमीज या चूड़ीदार या वेस्टर्न बिज़नेससूट पहनना अनिवार्य है. इसके साथ ही महिला ऑफिसर को जूते या सैंडल पहनना अनिवार्य है.

LBSNAA से ट्रेनिंग क्लियर करने पर मिलती है MA की डिग्री :

यहाँ सभी ऑफिसर्स की दो साल की ट्रेनिंग की जाती है. इस ट्रेनिंग में जो कोई भी पास होता है उस ऑफिसर को जवाहरलाल नेहरू विश्वविद्यालय (JNU) से मान्यता प्राप्त MA (पब्लिक मैनेजमेंट) की डिग्री दी जाती है. खास बात यह है कि यह डिग्री केवल उन ही ऑफिसर को मिलती है जिन्होंने UPSC सिविल सर्विस की परीक्षा क्लियर की हो.

LBSNAA में ही उन ऑफिसर्स को भी ट्रेनिंग दी जाती है जिनका स्टेट सर्विस से प्रमोशन हुआ हो और वे IAS बने हो.

किन चीजों की है LBSNAA में मनाही :

LBSNAA में ट्रेनिंग के दौरान अकेडमी में कोई भी अपने मोबाइल का इस्तेमाल नहीं कर सकता है. इसके अलावा यहाँ पर धुम्रपान और मदिरा का सेवन भी वर्जित है. कोई भी आम आदमी यहाँ बाहर से अंदर नहीं आ सकता है. मॉडर्न वेस्टर्न कपडे यहाँ नहीं पहन सकते हैं. 

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