जानिए राष्ट्रपति शासन क्या होता है? यह कब लगाया जाता है? भारत में कितनी बार लगा है राष्ट्रपति शासन

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पश्चिम बंगाल में विधानसभा चुनाव के नतीजे सामने आने के बाद से ही बड़े पैमाने पर राजनीति हिंसा का दौर शुरू हो चुका है. भारतीय जनता पार्टी का आरोप है कि टीएमसी के समर्थक जगह-जगह उनके कार्यालय और उनके समर्थकों पर हमला कर रहे हैं. दूसरी तरफ टीएमसी हिंसा के लिए भाजपा पर ही आरोप लगा रही हैं. टीएमसी ने हिंसा को भाजपा की अंतर कलह का नतीजा बताया है. पश्चिम बंगाल में हो रही चुनावी हिंसा को लेकर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने पश्चिम बंगाल के राज्यपाल जगदीप धनखड़ से बातचीत की और राज्य में हो रही राजनीतिक हिंसा पर गहरी चिंता जाहिर की. पश्चिम बंगाल में हो रही हिंसा को लेकर सोशल मीडिया पर एक बड़ा वर्ग में राज्य में राष्ट्रपति शासन लगाने की मांग कर रहा है. भाजपा समर्थित लोगों का कहना है कि चुनाव जीतने के बाद टीएमसी के कार्यकर्ता बदला लेने के लिए भाजपा कार्यकर्ताओं पर हमले कर रहे हैं. ऐसे में राज्य में राष्ट्रपति शासन लगा देना चाहिए. बंगाल में राष्ट्रपति शासन लगाने की मांग को लेकर सुप्रीम कोर्ट में याचिका भी दाखिल की गई है. ऐसे में आज हम बात करेंगे राष्ट्रपति शासन के बारे में. राष्ट्रपति शासन क्या होता है? शासन कब लगाया जाता है? राष्ट्रपति शासन को लेकर हमारे संविधान में क्या प्रावधान है?

हमारे भारतीय संविधान में आर्टिकल 352 से 360 साल तक आपातकालीन बंधुओं के बारे में प्रावधान दिए गए है. हमारे संविधान में तीन प्रकार के आपातकाल की बात कही गई हैं. पहला है राष्ट्रीय आपातकाल, दूसरा है राष्ट्रपति शासन और तीसरा है वित्तीय आपातकाल. आज हम बात करेंगे राष्ट्रपति शासन के. संविधान के आर्टिकल 356 में राष्ट्रपति शासन लगाने का प्रावधान है.

राष्ट्रपति शासन कब लगाया जाता है? When is President’s rule imposed?

आर्टिकल 356 का उपयोग कर किसी भी राज्य में राष्ट्रपति शासन तब लगाया जाता है जब उस राज्य का शासन संविधान के अनुसार नहीं चल रहा हो.

अगर कोई राज्य सरकार केंद्र सरकार के निर्देशों का पालन नहीं करती है तो ऐसी स्थिति में उस राज्य में राष्ट्रपति शासन लगाया जा सकता है.

अगर कोई राज्य सरकार अपने राज्य में नागरिक अशांति जैसे कि दंगे आदि से निपटने में विफल हो जाती है तो ऐसी स्थिति में उस राज्य में राष्ट्रपति शासन लगाया जा सकता है.

अगर राज्य की विधानसभा में किसी भी पार्टी या गठबंधन के पास बहुमत नहीं हो तो राज्यपाल छह महीने के लिए राज्य में राष्ट्रपति शासन लगा सकता है.

राज्य में राष्ट्रपति शासन लगाने के बाद 2 महीने के अंदर देश के दोनों सदनों में उसका अनुमोदन होना अनिवार्य है. संसद के दोनों सदनों द्वारा इसका अनुमोदन कर दिया जाता है तो राज्य में राष्ट्रपति शासन 6 महीने तक चलता रहता है. इस प्रकार छ-छ महीने करके इसे 3 साल तक बढ़ाया जा सकता है.

राष्ट्रपति शासन क्यों कहा जाता है? Why is it called President’s Rule?

दरअसल जब भी किसी राज्य में राष्ट्रपति शासन लगाया जाता है तो ऐसी स्थिति में राज्य का नियंत्रण मुख्यमंत्री की जगह सीधे भारत के राष्ट्रपति के अधीन आ जाता है. यही कारण है कि इसे राष्ट्रपति शासन कहा जाता है.

राष्ट्रपति शासन में क्या बदलाव होते हैं? What changes happen in President’s rule?

राष्ट्रपति शासन लगने की स्थिति में राष्ट्रपति मुख्यमंत्री के नेतृत्व वाली मंत्रिपरिषद को भंग कर देता है.

राष्ट्रपति शासन लगने की स्थिति में राज्य का कामकाज राष्ट्रपति के अधीन आ जाता है.

राष्ट्रपति शासन लगने की स्थिति में राज्य का कामकाज राज्य का राज्यपाल राष्ट्रपति के नाम पर राज्य सचिव की सहायता से या फिर राष्ट्रपति द्वारा नियुक्ति किसी सलाहकार की सहायता से करता है.

राष्ट्रपति शासन के दौरान राष्ट्रपति यह घोषणा कर सकते हैं कि राज्य विधायीका की शक्तियों का प्रयोग संसद करेगी.

ऐसी स्थिति में संसद ही राज्य के विधेयक और बजट को पारित करती हैं.

देश की संसद को यह अधिकार होता है कि वह राज्य के लिए कानून बनाने की शक्ति राष्ट्रपति या उसके किसी नामित अधिकार को दे सकती हैं.

राष्ट्रपति शासन के दौरान देश की संसद नहीं चल रही हो तो राष्ट्रपति आर्टिकल 356 के तहत राज्य के लिए कोई अध्यादेश जारी कर सकता है.

राष्ट्रपति शासन के दौरान किसी राज्य के लिए बनाया गया कानून राष्ट्रपति शासन हटने के बाद भी प्रभावी रहता है. हालांकि राज्य की विधायिका उस कानून को संशोधित या पुनः लागू कर सकती हैं.

किसी भी राज्य में राष्ट्रपति शासन लगने के दौरान राष्ट्रपति के पास उस राज्य की उच्च न्यायालय की शक्तियां प्राप्त नहीं होती हैं. राष्ट्रपति उच्च न्यायालय से संबंधित प्रावधानों को निलंबित नहीं कर सकता है.

भारत में अब तक कितनी बार राष्ट्रपति शासन लगाया जा चुका है? maximum time president rule in which state

भारत में साल 1950 से साल 2018 तक 125 बार राष्ट्रपति शासन लगाया जा चुका है.

भारत के सभी राज्यों में अब तक एक या एक से अधिक बार राष्ट्रपति शासन लगाया जा चुका है.

भारत में सबसे पहले राष्ट्रपति शासन साल 1951 में पंजाब में लगा था.

भारत में अब तक सबसे अधिक 10 बार मणिपुर में राष्ट्रपति शासन लगाया जा चुका है.

उत्तर प्रदेश और जम्मू कश्मीर में 9-9 बार राष्ट्रपति शासन लगाया जा चुका है.

पंजाब और बिहार में अब तक आठ आठ बार राष्ट्रपति शासन लग चुका है.

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