किसानों के मसीहा बनकर उभरे हैं Gurnam Singh Chaduni

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Gurnam Singh Chaduni Biography in Hindi –

भारतीय किसान यूनियन के अध्यक्ष (Indian Farmer Union President Gurnam Singh Chaduni) के रूप में खुद का नाम शुमार कर चुके गुरनाम सिंह चढूनी आज किसी परिचय के मोहताज नहीं रह गए हैं. गुरनाम सिंह चढूनी को हम उनके कामों के चलते जानते हैं. उनका नाम हमने सबसे अधिक किसान आंदोलन (Kisan Andolan) के साथ जुड़ते हुए देखा है. किसानों की तरफ से सरकार से बात करने की जिम्मेदारी भी गुरनाम सिंह चढूनी की ही देखी जाती है.

गुरनाम सिंह चढूनी कौन हैं ? Who is Gurnam Singh Chaduni ? यह तो आप जान ही चुके हैं. लेकिन इसके साथ ही गुरनाम सिंह चढूनी के बारे में कई ऐसी बातें हैं जिनके बारे में हम नहीं जानते हैं. तो चलिए बात करते हैं गुरनाम सिंह चढूनी की बायोग्राफी (Gurnam Singh Chaduni Biography), गुरनाम सिंह चढूनी की फैमिली (Gurnam Singh Chaduni Family), गुरनाम सिंह चढूनी का करियर (Gurnam Singh Chaduni Career) आदि के बारे में.

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1. गुरनाम सिंह चढूनी का जन्म साल 1959 में हुआ था और उनकी उम्र 62 साल (Gurnam Singh Chaduni date of birth and age) हो चुकी है. कुरुक्षेत्र के रहने वाले गुरनाम सिंह चढूनी एक जाना माना बन चुके हैं.

2. राजनीति के क्षेत्र में भी गुरनाम सिंह चढूनी (Gurnam Singh Chaduni in Politics) एक बड़ा नाम हैं. राजनीति में हाथ आजमाते हुए गुरनाम ने बीते साल में हरियाणा से निर्दलीय विधानसभा चुनाव भी लड़ा था. हालाँकि उन्हें इस चुनाव में हार का सामना करना पड़ा क्योंकि इस समय वे इतने लोकप्रिय नहीं थे.

3. गुरनाम सिंह चढूनी की पत्नी का नाम बलविंदर कौर (Gurnam Singh Chaduni wife Balwinder Kaur) है. उनके साथ ही उनकी पत्नी बलविंदर भी राजनीति के क्षेत्र में काफी एक्टिव हैं. चढूनी को साल 2019 के दौरान लोकसभा चुनाव में आम आदमी पार्टी ने टिकट दिया था. उन्होंने इसके साथ ही चुनाव भी लड़ा लेकिन उन्हें हार मिली.

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4. किसान आंदोलन 2020 (Indian farmers’ protest 2020) के साथ ही गुरनाम सिंह चढूनी का नाम किसानों के मसीहा के रूप में सामने आया. यह कहा जाता है कि किसान आंदोलन में गुरनाम सिंह चढूनी का सबसे अधिक सहयोग रहा है. उनके कारण ही किसान आंदोलन ने इतना अधिक तुल पकड़ा.

5. गुरनाम सिंह चढूनी (Gurnam Singh Chaduni) कोई भी फैसला लेने से पहले सभी किसान नेताओं के साथ बैठते हैं और बात करते हैं.जब वे किसी निर्णय पर आते हैं तब सरकार से इस बारे में बात करते हैं. किसानों की बात सरकार तक और सरकार की बात किसानों तक पहुँचाना गुरनाम सिंह चढूनी की ही जिम्मेदारी है. पीपली पर किसानों पर हुए लाठीचार्ज के बाद गुरनाम सिंह चढूनी का नाम काफी अधिक चर्चा में आया था.

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