जानिए किसान आंदोलन के चेहरा रहे राकेश टिकैत कौन है, 2 बार लड़ चुके हैं चुनाव

Rakesh Tikait Biography -

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Rakesh Tikait Biography – दोस्तों आज के इस आर्टिकल में हम किसान नेता राकेश टिकैत के बारे में बात करेंगे. राकेश टिकैत तीन कृषि कानूनों के विरोध में चले किसानों आन्दोलन का प्रमुख चेहरा है. किसानों आन्दोलन के चलते अगर मोदी सरकार ने तीनों विवादित कृषि कानून वापस लेने का फैसला लिया तो इसमें राकेश टिकैत की बड़ी भूमिका थी. आज के इस आर्टिकल में हम जानेंगे कि राकेश टिकैत कौन है? (Who is Rakesh Tikait?) तो चलिए शुरू करते है राकेश टिकैत की जीवनी (Rakesh Tikait Biography)

कौन हैं राकेश टिकैत ?

सबसे पहले तो आपको यह बता दें कि राकेश टिकैत भारतीय किसान यूनियन के राष्ट्रीय प्रवक्ता के तौर पर कार्यरत हैं. राकेश के साथ ही उनके बड़े भाई नरेश टिकैत भी किसानों के साथ हैं और भारतीय किसान यूनियन के अध्यक्ष भी हैं. बता दें कि राकेश टिकैत बीकेयू अध्यक्ष के तौर पर कार्य कर चुके दिवंगत महेंद्र सिंह टिकैत के बेटे हैं. राकेश टिकैत किसानों के हक़ के लिए कई बार सामने आ चुके हैं, वे एक मशहूर किसान नेता हैं.

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राकेश टिकैत की पढ़ाई कहाँ से हुई है ?

जानकारी देते हुए आगे बता दें कि राकेश टिकैत की पढ़ाई उत्तर प्रदेश से ही हुई है. जी हाँ. राकेश टिकैत का जन्म मुजफ्फरनगर में 1975 में हुआ था. उनकी शुरूआती शिक्षा सर ताशी नामग्याल हाई स्कूल से और इसके बाद की पढ़ाई भी उत्तर प्रदेश से हुई है. बता दें फ़िलहाल राकेश टिकैत आरजेडी के नेता हैं. वे उत्तर प्रदेश के मुजफ्फरनगर में सशक्त नेता के रूप में काम करते हैं.

राकेश टिकैत और पुलिस कांस्टेबल की नौकरी :

दोस्तों राकेश का जन्म उत्तर प्रदेश के के मिडिल क्लास परिवार में हुआ था. राकेश टिकैत की परवरिश भी मध्यमवर्गीय माहौल में ही हुई है. राकेश ने अपनी पढाई का स्नातक पूरा करने के बाद मेरठ यूनिवर्सिटी से एमए किया. एमए करने के बाद वे एलएलबी करने के लिए आगे बढे और अपनी पढ़ाई में इस एक डिग्री को भी शामिल किया. पढ़ाई के बाद राकेश ने दिल्ली पुलिस में कॉन्स्टेबल के रूप में ड्यूटी ज्वाइन की.

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साल 1993-94 की बात है जब राकेश के पिता के नेतृत्व में किसान आंदोलन जोरों पर बढ़ता जा रहा था. दिल्ली पुलिस के अधिकारियों की कोशिशों के बाद भी किसान आंदोलन की रफ़्तार को लगाम नहीं लगाई जा सकी तो उन्होंने राकेश पर इसके लिए दबाव बनाना शुरू कर दिया. लेकिन जब राकेश पर इस आंदोलन को बंद करवाने के लिए दबाव अधिक हुआ तो उन्होंने अपनी नौकरी को छोड़ दिया.

राकेश टिकैत के पिता का स्वर्गवास और उनका किसान यूनियन का हिस्सा बनना :

अपनी पुलिस की नौकरी छोड़ने के बाद खुद राकेश ने भी पिता की तरह ही किसानों का समर्थन किया और किसान यूनियन का हिस्सा बन गए. लेकिन इस दौरान राकेश के पिता ने इस दुनिया को अलविदा कह दिया था. पिता की मौत हो जाने के बाद राकेश और उनके भाई ने भारतीय किसान यूनियन का मोर्चा संभाल उसे आगे बढ़ाया.

आपको बता दें कि राकेश की फैमिली बालियान खाप से है और यहाँ एक नियम है. नियम के अनुसार यदि पिता की मृत्यु हो जाए तो घर का बड़ा सदस्य ही फैमिली का मुखिया बनता है. और नरेश, राकेश से बड़े हैं इसलिए उन्हें बीकेयू का अध्यक्ष बनाया गया. हालाँकि कहा यह भी जाता है कि राकेश इस पार्टी से जुड़े सभी फैसले लेते हैं. नरेश केवल नाम के लिए पार्टी के अध्यक्ष हैं.

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राकेश टिकैत का राजनैतिक सफ़र कैसा रहा ?

राकेश टिकैत के बारे में बता दें कि उन्होंने किसान यूनियन के सहारे राजनीति में भी अपने कदम ज़माने की काफी कोशिश की है. वे साल 2007 में खतौली विधानसभा सीट से निर्दलीय चुनाव लड़े थे जिसमें उन्हें हार का सामना करना पड़ा. इसके अलावा वे साल 2014 में अमरोहा से लोकसभा चुनाव भी लड़े थे लेकिन इस बार भी उन्हें हार का ही सामना करना पड़ा.

दोस्तों ! आपको यह जानकारी कैसी लगी हमें कमेंट्स के माध्यम से जरुर बताएं.

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