छत्तीसगढ़ के अंबिकापुर में है गार्बेज कैफ़े, प्लास्टिक कचरा लाओ मुफ्त में खाना खाओ

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कभी सुना है आपने ‘कचरा लाओ खाना खाओ’! शायद नहीं, लेकिन हम आपको बता दें दरअसल एक ऐसी जगह है जहां यह कांसेप्ट हैं कि प्लास्टिक का कचरा ले जाने पर आपको भरपेट भोजन मिलता है. कहने और सुनने में यह थोडा सा अजीब जरुरु लगता है लेकिन यह सच है. छत्तीसगढ़ में एक ऐसा गार्बेज कैफे है जहां यह कांसेप्ट है. तो चलिए जानते हैं ‘प्लास्टिक लाओ खाना खाओ’ के बारे में विस्तार से :

यह कैफ़े छत्तीसगढ़ के अंबिकापुर शहर में मौजूद है जिसे गार्बेज कैफे के नाम से जाना जाता है. इस गार्बेज कैफ़े को देश का पहला ऐसा कैफ़े भी कहा जाता है जहां प्लास्टिक का कचरा लिया जाता है और इसके बदले में लोगों को फ्री में खाना खिलाया जाता है. इस पहल को नगर निगम की एक लाजवाब कोशिश के रूप में देखा जा रहा है. सफाई के मामले में इंदौर नंबर वन है तो दूसरे नंबर पर अंबिकापुर का नाम ही आता है.

यह गार्बेज कैफ़े अंबिकापुर के प्रतीक्षा बस स्टैंड पर खोला गया है. गार्बेज कैफ़े की शुरुआत साल 2018 में की गई थी. इसका उद्घाटन टीएस सिंहदेव ने किया था.इसे लेकर अच्छी बात यह रही कि पहले ही दिन यहाँ 5 लोग प्लास्टिक का कचरा लेकर पहुँच गए थे.

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सभी ने नगर निगम की इस पहल को काफी पसंद किया है. यहाँ के लोग कहते हैं कि इससे प्लास्टिक का काफी संरक्षण हो जाता है और साथ ही पूरे देश को एक अच्छा सन्देश भी जाता है.

कितने कचरे पर मिलता है खाना ? क्या मिलता है खाने में ?

गार्बेज कैफ़े में यदि आप 1 किलो प्लास्टिक का कचरा लेकर जाते हैं तो आपको खाना दिया जाता है जबकि आप यदि यहाँ पर आधा किलो कचरा लेकर पहुँचते हैं तो आपको नाश्ता करवाया जाता है.   

नाश्ते में आपको यहाँ समोसा, आलू चाप, ब्रेड चाप, इडली दी जाती है तो वहीं इसे अलावा जब आप खाने के लिए लिए जाते हैं तो आपको खाने में 2 सब्जी, 4 रोटी, हाफ प्लेट चावल, दाल, सलाद, अचार, पापड़, मीठा दही आदि दिया जाता है.

इसके अलावा यदि आप पैसे देकर खाना खाने यहाँ जाते हैं तो आपको इन दरों पर खाना मिलता है :

थाली : सब्जी, एक प्लेट चावल, दाल, अचार, सलाद केवल 40 रुपए में.

थाली : 2 सब्जी, 4 रोटी, हाफ प्लेट चावल, दाल, सलाद, अचार, पापड़ केवल 50 रुपए में.

थाली : पनीर की सब्जी, 2 सादा सब्जी, 4 रोटी, हाफ चावल, दाल, अचार, सलाद केवल 70 रुपए में.

स्पेशल थाली : 2 पनीर की सब्जी, एक सादा सब्जी, 4 घी लगी रोटी, हाफ जीरा राइस, दाल, फ्राई, सलाद, अचार, पापड़, मीठा दही केवल 100 रुपए में.

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कैसे हुई इस ‘प्लास्टिक कचरा लाओ, भरपेट खाना खाओ’ मुहीम की शुरुआत ?

यहाँ के नगर निगम के द्वारा स्वच्छता की दिशा में काफी काम किया जा रहा है और इस कारण ही अंबिकापुर देश में सफाई के मामले में दूसरे नंबर पर पहुँच चुका है. नगर निगम यहाँ काफी लम्बे समय से सिटी में भूखे पेट रहने और सोने वाले लोगों के साथ ही गरीबो को फ्री में खाना खिलाने की योजना पर विचार किया जा रहा था.

नगर निगम के द्वारा सदन में इस प्रस्ताव को पेश किया गया, जिसपर यह निष्कर्ष निकला की सभी को फ्री में खाना देना कोई समाधान नहीं है. इसके चलते कोई और रास्ता निकालने के लिए निगम से कहा गया.

देश में सफाई के मामले में दूसरे नंबर पर होने का बावजूद भी यहाँ कचरे की समस्या बनी हुई है. और इसी को ध्यान में रखते हुए गार्बेज कैफ़े के बारे में विचार किया गया. शहर से प्लास्टिक के कचरे को हटाने के लिए इस मुहीम की शुरुआत की गई.

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गार्बेज कैफ़े की शुरुआत को लेकर लोगों को जागरूक किए जाने के साथ ही यह भी बताया गया कि प्लास्टिक का कचरा यहाँ लाने पर मुफ्त में भोजन और नाश्ता करवाया जाता है. जिसे सुनकर लोगों में काफी जोश पैदा हुआ और लोग यहाँ प्लास्टिक का कचरा लेकर आने लगे और खाना खाने लगे.

मालूम हो कि इससे पहले मध्य प्रदेश में भी इस तरह की योजना को शुरू किया जा चुका है. मध्य प्रदेश के छिंदवाड़ा में ‘कचरा लाओ, भोजन पाओ’ योजना की शुरुआत की गई थी. इस योजना के अंतर्गत प्लास्टिक का कचरा लाने पर मुफ्त में भोजन करवाया जाता है.

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