जुड़वा बच्चों का गांव कहलाता है केरल का कोदिन्ही, 220 से भी अधिक बच्चे हैं जुड़वा

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हमारा भारत देश कई रोचक बातों और रहस्यों से भरा हुआ है. जैसे आज हम बात कर रहे हैं भारत के ही एक ऐसे गांव की जहां ज्यादातर पैदा होने वाले बच्चे जुड़वा हैं. जी हाँ, इस कारण ही इस गाँव को जुड़वा बच्चों का गाँव भी कहा जाता है. यह गाँव हमारे देश के केरल राज्य में स्थित है. चलिए जानते हैं केवल के इस जुड़वाँ बच्चो वाले गाँव के बारे में विस्तार से :

भारत का जुड़वा बच्चों वाला यह गाँव केरल के मलापुरम जिले में स्थित है और इस गाँव का नाम कोदिन्ही है. इस गाँव की खासियत के बारे में तो हम आपको पहले ही बता चुके हैं कि यह जुड़वाँ बच्चों वाला गाँव है. गाँव के बारे में बता दें कि यह गाँव कुल 2000 परिवार की आबादी वाला गाँव है. इस गाँव में पैदा होने वाले अधिकतर बच्चे जुड़वाँ पैदा होते हैं और यह बात ही इस गाँव को दूसरे गांवों से अलग बनती है.

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एक रिपोर्ट में यह बात भी सामने आई थी कि इस गाँव में अब तक करीब 220 से भी अधिक जुड़वाँ बच्चों का जन्म हुआ है. यहाँ तक कि देश में पैदा होने वाले बच्चों की तुलना में इस गाँव में पैदा होने वाले जुड़वा बच्चों की दर भी काफी अधिक है. इस बात को ध्यान में रखते हुए ही भारत का पहला जुड़वा-रिश्तेदार संघ भी इस गाँव में बनाया गया है.

जुड़वा बच्चों का इतिहास :

कोदिन्ही गाँव में सबसे पहले जिस जुड़वाँ जोड़ी का जन्म हुआ था इसकी शुरुआत साल 1949 में हुई थी. यह पहली बार होने पर किसी को बी इस बारे में संदेह नहीं हुआ लेकिन देखते ही देखते यह जुड़वाँ बच्चों के पैदा होने के केस बढ़ते ही चले गए.

यह सिलसिला अब भी ऐसे ही बरक़रार है और देखने को मिल रहा है हर साल यह संख्या बढती ही जा रही है. कहा जाता है शून्य से लेकर 10 साल तक के दायरे में आने वाले जुड़वाँ बच्चों की इस गाँव में करीब 80 जोदितन मौजूद हैं.

जुड़वा बच्चों पर हो चुकी है रिसर्च :

जुड़वा बच्चों की इस गुत्थी को सुलझाने के लिए कई बार रिसर्च भी की जा चुकी है लेकिन कभी कुछ सामने नहीं आया. बताया जाता है कि जर्मनी और ब्रिटे से भी एक डाल यहाँ रिसर्च के लिए आ चुका है.

उन्होंने अपनी रिसर्च के लिए कई लोगों के DNA सैंपल लिए और उनको साथ लेकर गए. लेकिन जुड़वा बच्चों के इस तर्क के पीछे क्या था इस बारे में उससे भी साफ नहीं हो पाया है.

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इस गाँव की आबादी के बारे में बात करें तो यह सामने आया है कि गाँव में रहने वाले करीब 85 फीसदी नागरिक मुस्लिम हैं. मगर ऐसा बिलकुल भी नहीं देखा गया कि जुड़वा पैदा होने वाले बच्चे मुस्लिम फैमिली से ही हो. हिन्दू फैमिली से भी जुड़वा बच्चों के पैदा होने की बातें सामने आती रहती हैं.

यह हैरान करने वाली बात है कि यहाँ पैदा होने वाले प्रत्येक एक हजार बच्चों में से करीब 42 बच्चे जुड़वा होते हैं. सभी दूसरे गांवों की तरह ही इस गाँव में भी सामान्य जन-व्यवहार देखने को मिलता है. लेकिन यहाँ पैदा होने वाले बच्चों के रहस्य के बारे में अभी तक कोई खबर सामने नहीं आई है और यह अब तक रहस्य ही बना हुआ है.

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