Maha Shivratri : क्यों मनाते हैं महाशिवरात्रि ? कैसे करें महाशिवरात्रि की पूजा ?

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Maha Shivratri in Hindi –

महाशिवरात्रि का पर्व देशभर में धूमधाम से मनाया जाता है. इस दिन भगवान शिव के भक्त विशेष प्रकार से भगवान की पूजा अर्चना करते और भोलेनाथ का आशीर्वाद प्राप्त करते हैं. देशभर में मनाए जाने वाले इस त्यौहार को फाल्गुन माह के कृष्ण पक्ष की चतुर्दशी तिथि को मनाया जाता है. इस त्यौहार की झलक हर शिव मंदिर में देखने को मिलती है. धार्मिक मान्यता के अनुसार इस दिन भगवान शिव की पूरे विधि विधान से पूजा अर्चना की जाती है. भक्त अपने भगवान से अपने खुशहाल जीवन की कामना करते हैं और आशीर्वाद लेते हैं.

आज हम महाशिवरात्रि क्यों मनाई जाती है ? महाशिवरात्रि का क्या महत्व है ? शिवरात्रि और महाशिवरात्रि में क्या अंतर है ? महाशिवरात्रि की पूजा कैसे की जाती है ? आदि के बारे में विस्तार से बात करने वाले हैं. तो चलिए जानते हैं महाशिवरात्रि पर्व के बारे में.

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क्यों मनाई जाती है महाशिवरात्रि ? why Maha Shivratri is celebrated ?

महाशिवरात्रि पर्व को मनाने को लेकर यह मान्यता है कि इस दिन ही भगवान शिव और माता पार्वती का विवाह (Lord Shiva and Parvati Marriage) हुआ था. जबकि शास्त्र यह कहते हैं कि महाशिवरात्रि की रात को भगवान शिव अपने ज्योतिर्लिंग (Lord Shiva Jyotirlinga) वाले रूप में प्रकट हुए थे. और इसे देखते हुए ही प्रत्येक वर्ष में फाल्गुन मास के कृष्ण पक्ष की चतुर्दशी के दिन ही महाशिवरात्रि का त्यौहार धूमधाम से मनाया जाता है.

महाशिवरात्रि का क्या अर्थ होता है ? Story behind MahaShivratri ?

कहा जाता है कि यह भगवान शिव के दिव्य अवतरण का मंगल सूचक है और इसलिए इसका भगवन शिव से घनिष्ठ संबंध है. मान्यता है कि इस रात्रि में भोलेनाथ का निराकार से साकार रूप में अवतरण हुआ था. इस रात्रि को ही महाशिवरात्रि कहा जाता है. महाशिवरात्रि पर्व को करने से शिव अपने भक्तों को कई विकारों से मुक्त करके सुख, संपत्ति और ऐश्वर्य प्रदान करते हैं.

महाशिवरात्रि का क्या महत्व है ? importance of Mahashivratri ?

इस दिन भगवान शिव के भक्त उपवास रखते हैं और भगवान के शिवलिंग रूप के दर्शन करते हैं. देशभर में इस पावन दिन भगवान शिव के स्वरूप की पूजा की जाती है और शिवालयों में दूध, बेलपत्र, धतूरा, दही आदि का अभिषेक किया जाता है. महाशिवरात्रि को हर जगह एक उत्सव के रूप में सेलिब्रेट किया जाता है. महादेव के विवाद के इस दिन को सभी हर्षोल्लास के साथ मनाते हैं.

शास्त्रों में यह कहा जाता है कि महाशिवरात्रि का व्रत करने से मोक्ष की प्राप्ति होती है. इस व्रत को काफी कल्याणकारी माना जाता है और कहा जाता है कि भगवान शिव (Bhagwan Shiva Pooja) की साधना करने से जीवन में कभी धन, सुख, सौभाग्य, समृद्धि की भी कमी कभी नहीं होती है.

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शिवरात्रि और महाशिवरात्रि में क्या अंतर है ? difference between Shivratri and Mahashivratri ?

हम में से कई लोग ऐसे हैं जो यह समझते हैं कि शिवरात्रि और महाशिवरात्रि दोनों एक ही होते हैं. लेकिन आपको बता दें कि ऐसा बिलकुल भी नहीं है क्योंकि शिवरात्रि और महाशिवरात्रि दोनों ही पर्व अलग-अलग महीनों में आते हैं और अलग दिनों में होते हैं. तो चलिए जानते हैं महाशिवरात्रि और शिवरात्रि के बीच का अंतर.

शिवरात्रि : हर महीने की कृष्ण पक्ष की चतुर्दशी के दिन मनाए जाने वाले पर्व को शिवरात्रि कहा जाता है. सभी शिव भक्तों के लिए यह पर्व भी किसी त्यौहार से कम नहीं होता है. इसे शिवरात्रि के रूप में मनाया जाता है.

महाशिवरात्रि : हर साल में फाल्गुन मास में कृष्ण पक्ष की चतुर्दशी के दिन मनाए जाने वाले पर्व को महाशिवरात्रि कहा जाता है. यह साल में केवल एक ही बार आती है. इस दिन को सभी लोग किसी बड़े त्यौहार की तरह मनाते हैं और भगवान शिव और माता पार्वती की पूजा करते हैं.

महाशिवरात्रि की पूजा कैसे की जाती है ? Maha Shivratri Pooja Vidhi ?

भगवान शिव की पूजा करने के लिए आपको कई तरीके मिल जाएँगे. हर तरीके से पूजा करने पर भगवान प्रसन्न होते हैं और अपने भक्त को आशीर्वाद देते हैं. इन्हीं में से आपको आज हम एक तरीका बताने जा रहे हैं.

1. सबसे पहले हमें किसी बड़े पात्र में मिट्टी या फिर किसी धातु से निर्मित शिवलिंग की स्थापना करना है. बता दें कि महाशिवरात्रि के दिन चार पहर की पूजा होती है.

2. महाशिवरात्रि के दिन सर्वप्रथम शिवलिंग पर चंदन का लेप लगाएं.

3. लेप के बाद पंचामृत से शिवलिंग को स्नान कराना चाहिए.

4. इसके बाद कपूर और दीप का प्रज्वलन करें.

5. ध्यान रहे कि पूजा करते समय “ॐ नमः शिवाय” मंत्र का जाप करना है.

6. दीप जलाने के बाद आपको शिवलिंग पर बेल पत्र और फूल अर्पित करना चाहिए.

7. पूजा करने के बाद गोबर और लकड़ी की अग्नि जलाना चाहिए और तिल, चावल और घी की आहुति देना चाहिए.

8. हवन के बाद एक फल भी चढ़ाना चाहिए (आप नारियल की आहुति भी दे सकते हैं).

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