मेजर ध्यान चंद खेल रत्न पुरस्कार : क्या होता है ? किसे मिलता है ? क्यों मिलता है ?

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Major Dhyan Chand Khel Ratna Award in Hindi –

भारत के सबसे बड़े खेल पुरस्कार मेजर ध्यान चंद खेल रत्न पुरस्कार (Major Dhyan Chand Khel Ratna Award) को पाने का सपना तो हर खिलाडी का होता है. लेकिन हर किसी के लिए इसे पाना आसान बात नहीं है. मालूम हो कि मेजर ध्यान चंद खेल रत्न पुरस्कार को सबसे बड़ा खेल रत्न कहे जाने के पीछे कई वजहें हैं और इन वजहों के चलते ही हर खिलाडी का यह सपना होता है कि उसे जीवन में एक बार मेजर ध्यान चंद खेल रत्न पुरस्कार जरुर प्राप्त हो.

मेजर ध्यान चंद खेल रत्न पुरस्कार (Major Dhyan Chand Khel Ratna Award) को देश ही नहीं बल्कि विश्व में हॉकी के सबसे बड़े ख़िलाड़ी मेजर ध्यानचंद (Hockey Player Major Dhyan Chand) के नाम पर रखा गया है. ध्यानचंद एक नहीं बल्कि तीन बार ओलंपिक में (Major Dhyan Chand in Olympics) भारत के लिए गोल्ड मैडल लाने वाली भारतीय हॉकी टीम का हिस्सा रहे थे. इस दौरान उनका प्रदर्शन कमाल रहा.

हॉकी के जादूगर कहे जाने वाले मेजर ध्यान चंद ने भारत का नाम विश्व में रोशन किया. आज हम आपको मेजर ध्यान चंद खेल रत्न पुरस्कार क्या है ? मेजर ध्यान चंद खेल रत्न पुरस्कार क्यों दिया जाता है ? मेजर ध्यान चंद खेल रत्न पुरस्कार किसे मिलता है? आदि सवालों के बारे में विस्तार से बात करने जा रहे हैं. तो चलिए जानते हैं : 

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बात करें मेजर ध्यान चंद खेल रत्न पुरस्कार की तो यह हर वर्ष के दौरान खेल एवं युवा मंत्रालय (Ministry of Sports and Youth) अपने खिलाडियों को सम्मानित करते हुए देता है. इस अवार्ड को प्राप्त करना ख़िलाड़ी के लिए सम्मान की बात है. जिन खिलाडियों को यह पुरस्कार दिया जाता है उनका चयन खेल मंत्रालय (sports ministry) के द्वारा गठित की जाने वाली एक समिति के द्वारा होता है.

मेजर ध्यान चंद खेल रत्न पुरस्कार (Khel Ratna Award) को देने से पहले उक्त खिलाडी का बीते चार वर्षों का इंटरनेशनल स्तर पर खेल प्रदर्शन देखा जाता है और सबसे अच्छे प्रदर्शन के लिए सम्मान के रूप में अवार्ड प्रदान किया जाता है. इस अवार्ड में ख़िलाड़ी को एक पदक के साथ ही एक प्रशस्ति पत्र और कुछ पुरस्कृत राशि भी दिए जाते हैं.

पुरस्कृत राशि के बारे में बता दें कि साल 2018 तक यह राशि 7.5 लाख रुपए हुआ करती थी जिसे बदलकर 25 लाख रुपए कर दिया गया है. पत्र, पदक और राशि के साथ ही सम्मानित खिलाडियों को इंडियन रेलवे की तरफ से फ्री पास भी दिए जाते हैं. जिनकी मदद से मेजर ध्यान चंद खेल रत्न पुरस्कार पाने वाले खिलाड़ी राजधानी और शताब्दी एक्सप्रेस में फर्स्ट और सेकंड क्लास एसी कोच में फ्री सफ़र कर सकते हैं.

मेजर ध्यान चंद खेल रत्न पुरस्कार की स्थापना (Establishment of Major Dhyan Chand Khel Ratna Award in 1991-92) सन 1991-92 के दौरान की गई थी और पहले के समय में इस यह पुरस्कार किसी भी प्लेयर को एक साल में अपने अच्छे प्रदर्शन के लिए दिया जाता था. लेकिन बाद में साल 2014 के दौरान पुरस्कार चयन समिति ने इसमें बदलाव के कुछ सुझाव सबके सामने रखे और फरवरी 2015 के दौरान पुरस्कार के मानदंडों में कई संशोधन किए गए.

इसके बाद से ही अब समिति के द्वारा चयनित खिलाड़ी के लिए 12 सदस्यों की समिति निर्धारित है जो ओलंपिक, पैरालम्पिक, एशियाई और राष्ट्रमंडल खेलों के दौरान इंटरनेशनल आयोजनों के अंतर्गत खिलाडियों के प्रदर्शन का आंकलन करती है और इसके बाद खेल एवं युवा राज्यमंत्री के समक्ष अपनी सिफारिशें भेजती हैं. बता दें कि किसी भी वर्ष के लिए नामांकन का समत 30 अप्रैल तक या अप्रैल माह का अंतिम कार्य दिवस होता है. जिस दौरान एक खेल प्रकार के दो खिलाडियों से अधिक का नामांकन नहीं होता है.

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मेजर ध्यान चंद खेल रत्न पुरस्कार को पाने वाले पहले व्यक्ति शतरंज के ग्रैंडमास्टर कहलाने वाले विश्वनाथन आनंद (Viswanathan Anand) रहे हैं. उन्हें साल 1991-92 के दौरान चेस में अपने बेहतरीन प्रदर्शन के लिए इस पुरस्कार से सम्मानित किया गया था. जिसके बाद यह सम्मान कई महान हस्तियों को दिया जा चुका है. इनमें अभिनव बिंद्रा (Abhinav Bindra) का भी नाम शामिल है. अभिनव का नाम सबसे कम उम्र के पुरस्कार पाने वाले खिलाडी में शामिल है. दीपा मलिक और बजरंग पूनिया को भी यह पुरस्कार दिया जा चुका है.

केंद्र सरकार (Government of India) के द्वारा साल 2021 के अगस्त माह के दौरान इसके नाम को लेकर बड़ा बदलाव किया गया. पहले इस अवार्ड को पूर्व दिवंगत प्रधानमन्त्री राजीव गाँधी  के नाम पर दिया जाता था. जिसे केंद्र सरकार ने बदलकर मेजर ध्यानचंद खेल रत्न पुरस्कार (Rajiv Gandhi Khel Ratna Award) कर दिया.

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