पर्यावरण और पशु संरक्षण के लिए मिला है Himmata Ram Bhambhu को पद्मश्री

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Padma Shri Himmata Ram Bhambhu Biography in hindi –

हिम्मत राम भांभू आज एक ऐसा नाम बन चुके हैं जिनके बारे में जानने के लिए हरकोई उत्सुक है. दरअसल हिम्मत राम भांभू को समाज सेवा के क्षेत्र में अपने योगदान के लिए पद्मश्री से सम्मनित किया गया है. हिम्मत राम भांभू राजस्थान रहने वाले एक किसान हैं और पर्यावरण और पशुओं से बेहद प्रेम करते हैं. उन्हें अपने कामों के लिए राष्ट्रपति राम नाथ कोविंद (Ramnath Kovind) ने राष्ट्रपति भवन में आयोजित समारोह में पद्मश्री से सम्मानित किया.

हिम्मत राम भांभू (Himmata Ram Bhambhu) के बारे में बता दें कि वे पर्यावरण प्रेमी होने के साथ ही निस्वार्थ भाव से पर्यावरण संरक्षण का कार्य करते हैं. वे रेगिस्तानी इलाकों में रहते हैं और यहाँ अब तक हजारों नहीं बल्कि लाखों पेड़ लगा चुके हैं. उनका पर्यावरण के लिए लिए यह प्रेम हम सभी के लिए एक मिसाल है. इसके साथ ही हिम्मत राम पशुओं क्रूरता के खिलाफ भी लड़ रहे हैं.

आज हम आपको हिम्मत राम भांभू कौन हैं ? हिम्मत राम भांभू की बायोग्राफी, हिम्मत राम भांभू का जीवन, हिम्मत राम भांभू का पद्मश्री का सफ़र आदि के बारे में बताने वाले हैं. तो चलिए जानते हैं हिम्मत राम भांभू की जीवनी को करीब से.

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कौन हैं हिम्मत राम भांभू ? Who is Himmata Ram Bhambhu ?

हिम्मत राम भांभू एक राजस्थानी किसान हैं और पर्यावरण और पशु संरक्षण के लिए काम करते हैं. उन्होंने अपने जीवन में अब तक रेगिस्तानी इलाकों में लाखों पेड़ लगाए हैं. पर्यावरण संरक्षण के इस जज्बे को देखते हुए भारत सरकार ने हिम्मत राम भांभू को पद्मश्री से सम्मानित किया है. (Himmata Ram Bhambhu is a nature activist, wildlife conservationist and environmental activist)

हिम्मत राम भांभू की बायोग्राफी : Himmata Ram Bhambhu Biography :

पद्मश्री हिम्मत राम भांभू का जन्म राजस्थान के नागौर जिले में स्थित सुखवासी गांव में हुआ था. उनका जीवन पर्यावरण संरक्षण और पशुओं की रक्षा और पशु क्रूरता के खिलाफ लड़ते हुए ही निकला है. वे काफी लम्बे समय से इस दिशा में काम कर रहे हैं और कई पशुओं की सेवा कर चुके हैं. इसके साथ ही वे जहां भी सही जगह दिखाई देती हैं वहां पेड़ लगा देते हैं.

ऐसा नहीं है कि हिम्मत राम भांभू को पद्मश्री से पहले कोई सम्मान नहीं मिला. दरअसल हिम्मत राम को देशभर में कई राज्यों में भारत सरकार के साथ ही कई संस्थाओं ने भी कई बार सम्मानित किया है. उन्हें मिले सम्मान की लिस्ट भी काफी लम्बी हो चली है.

हिम्मत राम भांभू ने बीते 30 सालों में 5 लाख से भी अधिक पौधे लगाने का काम किया है. उन्होंने जो पौधे लगाए थे उनमें से करीब साढ़े तीन लाख पौधे तो पेड़ का रूप ले चुके हैं. इन पौधों की संख्या भी अब बढती ही जा रही है और उनका नाम भी बना रही है.

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नागौर के रहने वाले हिम्मत राम ने यहाँ से कुछ दूरी पर ही हरिमा गांव के नजदीक करीब 25 बीघा जमीन भी खरीदी है और यहाँ पर करीब 11 हजार पौधे लगाकर इसे एक जंगल में तब्दील कर दिया है. वे कहते हैं कि उनके ऐसा करने से लोगों में भी पर्यावरण के लिए जागरूकता आएगी और वे प्रकृति के महत्व को समझ पाएंगे.

पर्यावरण संरक्षण के लिए काम करने वाले हिम्मत राम भांभू इसके अलावा वन्य जीवों के लिए भी काम करते हैं. वे इन पशुओं की सुरक्षा के लिए काम करते हैं और किसी भी समय जानवरों के लिए तैयार रहते हैं. हिम्मत राम भांभू आज वन विभाग के कर्मचारियों से भी अधिक सक्रीय हैं और जानवरों का शिकार करने वालों के खिलाफ लड़ रह हैं.

हिम्मत राम भांभू शिकारियों के खिलाफ कोर्ट में मुकदमे भी लड़ते हैं. कई बार तो ऐसा भी देखने को मिलता है कि वन विभाग अपने कदम पीछे कर लेता है लेकिन हिम्मत राम भांभू पीछे नहीं हटते हैं.

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