Pragya Thakur Biography – मालेगांव बम ब्लास्ट से लेकर सुनील जोशी हत्याकांड, जानिए प्रज्ञा सिंह के विवाद

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Sadhvi Pragya Thakur Biography – नमस्कार दोस्तों! आज के इस आर्टिकल में हम भाजपा नेता और राजनीति के एक विवादित चेहरे प्रज्ञा सिंह ठाकुर (Pragya Singh Thakur) के बारे में बात करेंगे. उनके समर्थक उन्हें साध्वी प्रज्ञा ठाकुर (Sadhvi Pragya Thakur) भी कहते है. प्रज्ञा ठाकुर को भाजपा का फायरब्रांड नेता माना जाता है, लेकिन वह अक्सर अपने बयानों से पार्टी को मुश्किल में डालती रहती है. भाजपा नेता के अलावा साध्वी प्रज्ञा की पहचान मालेगांव बम ब्लास्ट (Malegaon Bomb Blast) के आरोपी के तौर पर भी की जाती है.

दोस्तों साध्वी प्रज्ञा ठाकुर कौन है? (Who is Sadhvi Pragya Thakur?) यह तो हम सभी जान ही चुके हैं. आगे इस आर्टिकल में हम साध्वी प्रज्ञा ठाकुर के परिवार (Sadhvi Pragya Thakur Family), साध्वी प्रज्ञा ठाकुर की शिक्षा (Sadhvi Pragya Thakur Education), साध्वी प्रज्ञा ठाकुर के राजनीतिक करियर (Sadhvi Pragya Thakur political career), साध्वी प्रज्ञा ठाकुर की नेट वर्थ (Sadhvi Pragya Thakur net worth) और साध्वी प्रज्ञा ठाकुर के विवादों (Sadhvi Pragya Thakur controversies) सहित अन्य चीजों के बारे में बात करेंगे. तो चलिए शुरू करते है साध्वी प्रज्ञा ठाकुर का जीवन परिचय.

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साध्वी प्रज्ञा ठाकुर जीवनी (Sadhvi Pragya Thakur Biography)

दोस्तों साध्वी प्रज्ञा ठाकुर का जन्म 2 फरवरी 1970 को मध्य प्रदेश के भिंड जिले के लाहर में हुआ था. साध्वी प्रज्ञा ठाकुर का असली नाम प्रज्ञा सिंह ठाकुर है.

साध्वी प्रज्ञा ठाकुर का परिवार (Sadhvi Pragya Thakur Family)

साध्वी प्रज्ञा ठाकुर के पिता का नाम डॉक्टर चंद्रपाल सिंह है. चंद्रपाल सिंह पेशे से एक आयुर्वेदिक डॉक्टर थे. प्रज्ञा ठाकुर की माता का नाम सरला देवी है. प्रज्ञा ठाकुर के पिता राष्ट्रीय स्वयं सेवक संघ से जुड़े हुए थे. प्रज्ञा ठाकुर बचपन में रोजाना अपने पिता के साथ गीता पाठ करती थी. यहीं कारण है कि उनका बचपन से ही आध्यात्म की ओर झुकाव बढ़ने लगा था.

साध्वी प्रज्ञा ठाकुर शिक्षा (Sadhvi Pragya Thakur Education)

साध्वी प्रज्ञा ठाकुर ने अपनी स्कूली शिक्षा भिंड से पूरी की है. इसके बाद प्रज्ञा ठाकुर ने इतिहास में स्नातक की शिक्षा हासिल की. उन्होंने भोपाल से इतिहास में पोस्ट ग्रेज्युएशन किया हैं. प्रज्ञा ठाकुर आल इंडिया स्टूडेंट काउंसिल में भी सक्रिय रही है. साथ ही कॉलेज के समय प्रज्ञा ठाकुर ABVP से भी जुड़ी हुई थी. वह अपने कॉलेज के समय में एक अच्छी अधिवक्ता मानी जाती थी.

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साध्वी प्रज्ञा ठाकुर करियर (Sadhvi Pragya Thakur career)

बचपन से ही आध्यात्म की ओर झुकाव होने के कारण प्रज्ञा ठाकुर ने आजीवन विवाह ना करने और आध्यात्म के मार्ग पर चलने का निर्णय लिया. इस बीच प्रज्ञा ठाकुर राष्ट्रीय स्वयं सेवक संघ से भी जुड़ी. प्रज्ञा ठाकुर एक अच्छी वक्ता थी. वह इस्लामिक आतंकवाद और कश्मीर के मुद्दों को लेकर सख्ती से अपनी बात रखती थी. इस कारण वह अक्सर अपने विरोधियों के निशाने पर रही, लेकिन इसके जरिए उनके प्रसिद्धि भी मिली.

नेशनल जागरण मंच (National Jagran Manch)

प्रज्ञा ठाकुर ने साल 2002 में जय वन्दे मातरम जन कल्याण समिति का गठन किया. इसके बाद प्रज्ञा ठाकुर स्वामी अवधेशानंद के सम्पर्क में आई. इसके बाद उन्होंने नेशनल जागरण मंच भी बनाया. साथ ही प्रज्ञा ठाकुर विश्व हिन्दू परिषद् की महिला शाखा दुर्गा वाहिनी से भी जुड़ी हुई थी.

मालेगांव बम ब्लास्ट (Malegaon Bomb Blast)

29 सितम्बर 2008 को मालेगांव की एक मस्जिद में मोटरसाइकिल में रखे बम से धमाका हो गया. इस धमाके में 100 से ज्यादा लोग घायल हो गए. यह मोटरसाइकिल प्रज्ञा ठाकुर के नाम पर रजिस्टर थी. ऐसे में इस मामले में प्रज्ञा ठाकुर को मुख्य आरोपी बनाया गया. इस मामले के बाद ही देश में हिन्दू आतंकवाद शब्द भी गढ़ा गया था. प्रज्ञा ठाकुर इस मामले में करीब 10 साल जेल में रही. साल 2017 में प्रज्ञा ठाकुर को अदालत ने जमानत दे दी. जेल से बाहर आने के बाद प्रज्ञा ठाकुर ने आरोप लगाए थे कि जेल में उन्हें बेहद यातनाएं दी गई थी. उनकी मर्जी के बिना उनका नार्को टेस्ट और लाइ-डिटेक्टर टेस्ट किया गया था.

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लोकसभा चुनाव 2019 (Lok Sabha Elections 2019)

साल 2019 में हुए लोकसभा चुनाव से ठीक पहले 17 अप्रैल 2019 को प्रज्ञा ठाकुर ने भाजपा की सदस्यता ग्रहण कर ली. भाजपा ने इस चुनाव में प्रज्ञा ठाकुर को भोपाल से टिकट दिया. कांग्रेस ने भी बड़ा दाँव खेलते हुए पूर्व मुख्यमंत्री दिग्विजय सिंह को प्रज्ञा ठाकुर के खिलाफ भोपाल से मैदान में उतार दिया. हालांकि इस चुनाव में दिग्विजय सिंह को प्रज्ञा ठाकुर के सामने हार का सामना करना पड़ा. इस तरह प्रज्ञा ठाकुर भाजपा की संसद बनी.

सुनील जोशी हत्याकांड (Sunil Joshi murder case)

29 दिसंबर 2007 को मध्यप्रदेश के देवास में आरएसएस के प्रचारक सुनील जोशी की हत्या कर दी गई. उनका नाम समझौता ब्लास्ट में सामने आया था. इस मामले में पुलिस ने प्रज्ञा ठाकुर सहित अन्य लोगों को गिरफ्तार किया था. पुलिस को शक था कि समझौता ब्लास्ट की साजिश का भंडाफोड़ होने के डर से प्रज्ञा ठाकुर और उनके साथियों ने ही सुनील जोशी की हत्या की है. हालांकि बाद में सभी आरोपियों को बरी कर दिया गया. कुछ मीडिया रिपोर्ट के अनुसार सुनील जोशी, प्रज्ञा ठाकुर से विवाह करना चाहते थे और उहोने प्रज्ञा ठाकुर के सामने विवाह का प्रस्ताव भी रखा था, लेकिन प्रज्ञा ठाकुर ने मना कर दिया.

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साध्वी प्रज्ञा ठाकुर के विवाद (Sadhvi Pragya Thakur controversies)

साल 2018 में प्रज्ञा ठाकुर के एक बयान पर विवाद खड़ा हो गया था. प्रज्ञा ठाकुर ने अपने बयान में कांग्रेस नेता सोनिया गाँधी को इटली वाली बाई कहा था.

साल 2019 के लोकसभा चुनाव में प्रज्ञा ठाकुर ने मोडल कोड ऑफ़ कंडक्ट का उल्लंघन करते हुए लोगों से धर्म के आधार पर वोट देने की अपील की थी. इसके बाद चुनाव आयोग ने उनके 72 घंटे तक चुनाव लड़ने पर भी प्रतिबंध लगा दिया था.

प्रज्ञा ठाकुर ने एक बार बाबरी मस्जिद विध्वंस को लेकर कहा था कि हमने देश पर से एक धब्बा हटाया हैं, हम इस पर गर्व करते हैं. उनके इस बयान को लेकर भी काफी विवाद हुआ था.

प्रज्ञा ठाकुर ने मुंबई आतंकी हमले में शहीद हुए हेमंत करकरे को लेकर विवादित बयान दिया था. उन्होंने अपने बयान में कहा था कि हेमंत करकरे ने मालेगांव बम ब्लास्ट के बाद उन्हें बिना सबूत जेल में बंद रखा. इस कारण उन्होंने हेमंत करकरे श्राप दिया था. इसी कारण हेमंत करकरे का मुंबई हमले में निधन हो गया. हालांकि बाद में प्रज्ञा ठाकुर ने अपने बयान पर खेद जताते हुए माफ़ी मांगी थी.

साल 2019 में जब कमल हासन ने नाथूराम गोडसे को देश का पहला आतंकवादी बताया था तो इसके जवाब में प्रज्ञा ठाकुर ने कहा था कि, ‘गोडसे देशभक्त थे, गोडसे देशभक्त हैं और देशभक्त ही रहेंगे.’ उनके इस बयान को लेकर भी काफी विवाद हुआ था. खुद प्रधानमंत्री और भाजपा ने अन्य नेताओं ने उनके बयान पर आपत्ति दर्ज करवाई थी. इसके बाद प्रज्ञा ठाकुर को अपने बयान को लेकर माफ़ी मांगनी पड़ी.

साध्वी प्रज्ञा ठाकुर नेट वर्थ (Sadhvi Pragya Thakur net worth)

एक वेबसाइट के अनुसार साल 2019 में हुए लोकसभा चुनाव के दौरान दाखिल हलफनामे में प्रज्ञा ठाकुर ने अपनी सम्पत्ति के बार में जानकारी दी थी. उस समय प्रज्ञा ठाकुर के पास 4.44 लाख रूपए की सम्पत्ति थी.

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