Somnath Mali Success Story – खेतों में मजदूरी करने वाले माता-पिता का बेटा बना ISRO का सीनियर साइंटिस्ट

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Somnath Mali Success Story – दोस्तों कहते है ना कि ‘सफलता सुविधाओं की मोहताज नहीं होती है.’ इस कहावत को सच करके दिखाया है महाराष्ट्र के सोलापुर जिले के रहने वाले सोमनाथ माली ने. एक गरीब माता-पिता के बेटे सोमनाथ माली ने जो कर दिखाया है, उसके बाद उसकी चर्चा महाराष्ट्र ही नहीं बल्कि पूरे देश में हो रही है. अपने मेहनत और माता-पिता के संघर्षों की बदौलत सोमनाथ आज ISRO में सीनियर वैज्ञानिक बन चुके है।

हालाँकि मजदूर माता-पिता के बेटे सोमनाथ के लिए वैज्ञानिक बनना कभी भी आसान नहीं रहा. यह सफलता पाने के लिए सोमनाथ ने ही नहीं बल्कि उनके साथ उनके माता-पिता और भाई ने भी कड़ा संघर्ष किया है. तो दोस्तों चलिए आज हम जानते हैं कि कैसे मजदूर माता-पिता के बेटे सोमनाथ माली इसरो में सीनियर साइंटिस्ट बन गए है.

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दोस्तों सोमनाथ माली महाराष्ट्र के सोलापुर जिले के पंढरपुर तहसील स्थित सरकोली गाँव के रहने वाले है. सोमनाथ के परिवार की आर्थिक स्थिति अच्छी नहीं थी. उनके माता-पिता दूसरों के खेत में मजदूरी करने का काम करते थे. सोमनाथ के माता-पिता ने उनका दाखिला गाँव के ही एक सरकारी स्कूल में करवा दिया. सोमनाथ ने उस स्कूल से 7वीं और उसके बाद सेकेन्डरी स्कूल से 10वीं की परीक्षा पास की.

10वीं की परीक्षा पास करने के बाद सोमनाथ ने आगे की पढ़ाई के लिए पंढरपुर स्थित केबीपी कॉलेज में दाखिला ले लिया. हालाँकि माता-पिता के पास इतना भी पैसा नहीं था कि वे अपने बच्चे को पढ़ा सके. ऐसे में उनके माता-पिता और भाई ने मजदूरी करके जैसे-तैसे करके सोमनाथ की पढ़ाई के लिए पैसों की व्यवस्था की. सोमनाथ भी अपने परिवार के संघर्ष को अच्छी तरह से समझते थे और उन्होंने भी पढ़ाई करने में कोई कसर नहीं छोड़ी.

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सोमनाथ माली ने साल 2011 में 81 फीसदी अंकों के साथ 12वीं की परीक्षा पास की. फिर सोमनाथ बीटेक की पढ़ाई के लिए मुंबई चले गए. इसके बाद सोमनाथ ने गेट परीक्षा दी, जिसमें उन्हें पूरे भारत में 916वां स्थान प्राप्त हुआ. यहीं से सोमनाथ का चयन आईआईटी दिल्ली में मकैनिकल डिजाइनर के रूप में हुआ. सोमनाथ ने आईआईटी दिल्ली से एमटेक की पढ़ाई की है. आईआईटी दिल्ली में पढ़ाई के दौरान सोमनाथ को एयरक्राफ्ट इंजन को डिजाइन करने का काम मिला था.

इसके बाद सोमनाथ ने साल 2016 में बीटेक के आधार पर इसरो की परीक्षा दी थी, लेकिन उन्हें इस परीक्षा में सफलता नहीं मिली. इस बीच उन्होंने कुछ दिन इन्फोसिस में नौकरी भी की. सोमनाथ ने साल 2019 में एक बार फिर से ISRO में सीनियर साइंटिस्ट की वैकेंसी के लिए आवेदन किया. इस बार सोमनाथ की मेहनत रंग लाई और अब वह इसरो के लिए सीनियर वैज्ञानिक चुने गए हैं.

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सोमनाथ माली की इस सफलता से उनके माता-पिता ही नहीं बल्कि पूरे गाँव के लोग खुश है. सोमनाथ माली ने अपनी मेहनत और लगन से अपने गाँव का नाम पूरे देश में रोशन किया है. सोमनाथ माली की इस सलफता पर गाँव के लोगों ने उनका सम्मान किया और उन्हें बधाई भी दी.

अपनी इस उपलब्धी पर सोमनाथ माली भी काफी खुश है. देश के कई वैज्ञानिकों की तरह ही सोमनाथ माली भी देश के पूर्व राष्ट्रपति और मिसाइल मैन कहे जाने वाले डॉ एपीजे अब्दुल कलाम को अपना आदर्श मानते है. सोमनाथ को कलाम की जीवनी पढ़कर ही प्रेरणा मिली है. इसरो इस समय कई महत्वपूर्ण प्रोजेक्ट पर काम कर रहा है. सोमनाथ को उम्मीद है कि उन्हें भी जल्द ही किसी महत्वपूर्ण प्रोजेक्ट में काम करने का मौका मिलेगा.

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