जानिए IAS ऑफिसर सुहास यथिराज कौन है?, पैरालिंपिक में देश के लिए जीता मेडल

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Suhas Yathiraj Biography – दोस्तों आज के इस आर्टिकल में हम टोक्यो पैरालिंपिक 2020 (tokyo paralympics 2020) में सिल्वर मेडल जीतने वाले भारत के पैरा बैडमिंटन खिलाड़ी, IAS ऑफिसर और नोएडा के कलेक्टर सुहास यथिराज के बारे में बात करेंगे. सुहास यथिराज देश के करोड़ों युवाओं के सामने एक मिसाल है. दाहिने पैर से विकलांग होने के बावजूद सुहास यथिराज ने कभी भी अपनी कमजोरी का रोना नहीं रोया और अपनी मेहनत से पहले IAS ऑफिसर बने और फिर टोक्यो पैरालिंपिक में सिल्वर मेडल जीतकर देश का नाम रोशन किया.

दोस्तों हम सब यह तो जान ही चुके हैं कि सुहास यथिराज कौन है? (Who is Suhas Yathiraj) आगे इस आर्टिकल में हम सुहास यथिराज के संघर्ष (Suhas Yathiraj Struggle), सुहास यथिराज के करियर (Suhas Yathiraj career) और सुहास यथिराज की उपलब्धियों (Suhas Yathiraj achievements) सहित अन्य चीजों के बारे में जानेंगे. तो चलिए शुरू करते हैं सुहास यथिराज का जीवन परिचय.

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सुहास यथिराज जीवनी (Suhas Yathiraj Biography)

दोस्तों सुहास यथिराज का जन्म 02 जुलाई 1983 को कर्नाटक के छोटे से शहर शिगोमा में हुआ था.

सुहास यथिराज बचपन से ही दाहिने पैर से विकलांग थे. इसके बावजूद उनकी बचपन से ही खेल-कूद में दिलचस्पी थी.

समाज के तानो के बावजूद सुहास यथिराज के परिजनों ने उन्हें खेलने से नहीं रोका और सुहास जो भी खेल खेलना चाहते थे, उसमें उनकी मदद की.

पिता के बार-बार ट्रांसफर होने के कारण सुहास यथिराज ने अलग-अलग शहरों से अपनी स्कूली शिक्षा हासिल की है.

सुहास यथिराज ने नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ टेक्नॉलजी से कम्प्यूटर साइंस में इंजिनियरिंग पूरी की है.

इंजिनियरिंग करने के बाद सुहास यथिराज ने बैंगलोर की एक कंपनी में नौकरी करना शुरू कर दी, लेकिन उनके मन में हमेशा ही समाज के लिए कुछ ना कर पाने का मलाल रहता.

साल 2005 में पिता की मृत्यु ने सुहास यथिराज को अंदर से तोड़ दिया. लेकिन इसी बीच उन्होंने समाज की भलाई के लिए सिविल सर्विस ज्वाइंन करने का निर्णय लिया.

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सुहास यथिराज ने दिन-रात UPSC की परीक्षा की तैयारी करने में लगा दिया. आख़िरकार  साल 2007 में सुहास यथिराज को सफलता मिली.

साल 2007 में सुहास यथिराज यूपी कैडर से IAS अधिकारी बन गए.

सुहास यथिराज की पहली पोस्टिंग आगरा में हुई. इसके बाद सुहास यथिराज ने जौनपुर, सोनभद्र, आजमगढ़, हाथरस, महाराजगंज, प्रयागराज, गौतमबुद्धनगर में काम किया.

सुहास यथिराज की गिनती देश के तेज-तर्रार आईएएस अधिकारी में होती है. खासकर सुहास यथिराज के कोरोना मैंनेजमेंट की केंद्र सरकार ने भी तारीफ़ की है.

IAS अधिकारी की नौकरी के दौरान ही सुहास यथिराज ने समय निकालकर बैडमिंडन खेलना भी शुरू कर दिया था. धीरे-धीरे वह प्रोफेशनल तरीके से बैडमिंटन खेलने लगे.

साल 2016 में सुहास यथिराज ने अपना पहला इंटरनेशनल मैच खेला, लेकिन उन्हें सफलता नहीं मिली.

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हालांकि इसके बाद सुहास यथिराज ने कभी भी पीछे मुड़कर नहीं देखा और कई राष्ट्रीय और अंतराष्ट्रीय मेडल अपने नाम किए.

38 साल के सुहास यथिराज ने 5 सितंबर 2021 को टोक्यो पैरालिंपिक 2020 में बैडमिंटन की एसएल-4 कैटगिरी में सिल्वर मेडल अपने नाम किया.

नोएडा के कलेक्टर सुहास यथिराज अब तक छह स्वर्ण और 2 रजत पदक अपने नाम कर चुके हैं.

सुहास यथिराज देश के एकमात्र कलेक्टर है, जिन्होंने पैरालिंपिक जैसी अंतराष्ट्रीय प्रतियोगिता में देश के लिए मेडल जीता.

सुहास यथिराज को उत्तरप्रदेश सरकार द्वारा दिसंबर 2016 में यश भारती अवॉर्ड से सम्मानित किया जा चुका है.

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