Yogi Adityanath Biography : अपने निडर फैसलों के लिए जाने जाते हैं योगी आदित्यनाथ

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Yogi Adityanath Biography – योगी आदित्यनाथ (Yogi Adityanath) यूपी राजनीति (Politics) के सबसे चर्चित नेता है यह उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री (UP chief minister yogi adityanath) हैं. आदित्यनाथ 19 मार्च 2017 को उत्तर प्रदेश के विधानसभा चुनावों में भारतीय जनता पार्टी (Bhartiya Janta Party) की बड़ी जीत के बाद यहाँ के 21 वें मुख्यमंत्री बने हैं.

योगी साल 1998 से ही लगातार भारतीय जनता पार्टी के टिकट पर गोरखपुर लोकसभा का प्रतिनिधित्व कर रहे थे. यूपी के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ (Yogi Adityanath) गोरखनाथ मंदिर के पूर्व महंत अवैद्यनाथ (Mahant Avaidyanath) के उत्तराधिकारी हैं और हिन्दू युवाओं के सामाजिक सांस्कृतिक और राष्ट्रवादी समूह हिन्दू युवा वाहिनी के संस्थापक भी हैं.

मुख्यमंत्री योगी एक ऐसे नेता हैं जिन्होंने केवल यूपी ही नहीं बल्कि पूरे भारतवर्ष में अपनी ललकार दिखाई हैं. वे एक ऐसे मुख्यमंत्री के रूप में उभरे हैं जिन्होंने कई बड़े फैसले निडरता के साथ लिए हैं. योगी के बारे में ऐसी कई जानकारियां हैं जिनसे आप भी अब तक अंजान होंगे.

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तो चलिए बताते हैं आपको योगी आदित्यनाथ (Yogi Adityanath) कौन है ? से लेकर योगी आदित्यनाथ (Yogi Adityanath) कैसे बने यूपी के मुख्यमंत्री ? और योगी आदित्यनाथ (Yogi Adityanath history) का इतिहास, योगी आदित्यनाथ (Yogi Adityanath biography in hindi) का जीवन परिचय, योगी आदित्यनाथ (Yogi Adityanath) की हिस्ट्री जैसे सभी सवालों के जवाब इस आर्टिकल में :

योगी आदित्यनाथ (Yogi Adityanath)  का परिवार और जन्मतिथि :

यूपी के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ (Yogi Adityanath) का जन्म 5 जून 1972 (yogi adityanath date of birth) को हुआ था. योगी का जन्म उत्तराखंड के पौड़ी गढ़वाल के पंचुर गाँव में एक राजपूत परिवार में हुआ था. उनके पिता का नाम आनंद सिंह बिष्ट है जो एक फ़ॉरस्ट रेंजर थे. वहीँ योगी की माता का नाम सावित्री देवी है. मुख्यमंत्री अपने तीन बड़ी बहनों व एक बड़े भाई के बाद में पांचवे नंबर आते है, उनके बाद उनके बाद दो छोटे भाई और हैं.

योगी आदित्यनाथ (Yogi Adityanath) की पढ़ाई :

उनकी शुरूआती यानि स्कूल की पढ़ाई टिहरी के गजा स्कूल से हुई है. योगी ने साल 1989 में ऋषिकेश के श्री भरत मंदिर इण्टर कॉलेज से इंटरमीडिएट की परीक्षा पास की थी. इसके बाद योगी ने ग्रेजुएशन की पढाई के साथ-साथ अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद का हाथ भी थाम लिया और इस दिशा की ओर अपने कदम बढ़ाए.

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अजय सिंह कैसे बने योगी आदित्यनाथ (Yogi Adityanath) ?

हमेशा अपने काम के लिए और अपने फैसलों के लिए चर्चो में रहने वाले यूपी के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ (Yogi Adityanath) का वास्तविक नाम अजय सिंह है. गढ़वाल विश्वविध्यालय से गणित में बीएससी करने के बाद में अजय यानि योनी ने गोरखपुर में एक गुरु गोरखनाथ जी पर अपना शोध करना शुरू कर दिया था. इस कारण ही गोरक्षनाथ पीठ के महंथ अवैद्यनाथ की नजरें योगी पर पड़ी.

बस यहीं से मंहत जी ने योगी को आध्यात्म की तरफ मोड़ना शुरू किया और उन्हीं के प्रभाव में अजय का पूरा ध्यान आध्यात्म की और झुकने लगा. आध्यात्म की तरफ मुड़ने के बाद करीब 22 साल की उम्र में ही योगी ने अपना सांसारिक जीवन त्याग दिया था और सन्यासी का रूप ग्रहण कर लिया था. आध्यात्म की तरफ बढ़ने के बाद महंत ने अजय सिंह को नया नाम दिया जोकि योगी आदित्यनाथ (Yogi Adityanath) है.

योगी आदित्यनाथ (Yogi Adityanath political career) का राजनैतिक कैरियर :

साल 1998 में मंहत अवैद्यनाथ ने सेवानिवृत्त होने के बाद योगी आदित्यनाथ (Yogi Adityanath) को ही अपने उत्तराधिकारी के रूप में स्थापित किया. इसके बाद से ही योगी आदित्यनाथ (Yogi Adityanath) अपने पूज्य गुरुदेव के आदेश पालन करते है और गोरखपुर संसदीय क्षेत्र की जनता के अनुरोध से गोरखपुर के 12वें लोकसभा के चुनाव को जीतकर सबसे कम उम्र वाले सांसद भी बन गए.

योगी आदित्यनाथ (Yogi Adityanath and bjp) का भाजपा से संबंध :

भाजपा यानि भारतीय जनता पार्टी और योगी आदित्यनाथ (Yogi Adityanath) का संबंध काफी पुराना रहा है. वे काफी लम्बे समय से बीजेपी से जुड़े हुए हैं. योगी आदित्यनाथ (Yogi Adityanath) पूर्वी उत्तर प्रदेश में भाजपा से बेहद प्रभाव रखते हैं. उनके पहले उनके पुर्विधिकारी और गोरखनाथ मठ के महंत अवैद्यनाथ भी भारतीय जनता पार्टी के टिकट पर लोकसभा चुनाव जीत चुके थे.

योगी आदित्यनाथ (Yogi Adityanath) का राजनैतिक विवाद :

हिन्दू और मुस्लिमों के बीच मुहर्रम के दौरान कुछ विवाद हुए थे. इस विवाद में युवा वाहिनी का एक सदस्य राज कुमार अग्रहरी भी था, जिसके बाद में जिलाधीश ने योगी जी को कहा कि उन्हें उस जगह पर नहीं जाना चाहिए. लेकिन योगी आदित्यनाथ (Yogi Adityanath) कहां किसी की सुनने वाले थे. वे उस जगह पर गए और उन्होंने इसके साथ ही वहां से कर्फ्यू को हटाने की मांग की.

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इसके अगले दिन योगी आदित्यनाथ ने एक श्रद्धांजली सभा का आयोजन करने के लिए कहा, लेकिन जिलाधिकारी ने इसे स्वीकार नहीं किया. इसे अस्वीकार करते हुए बाद में योगी आदित्यनाथ (Yogi Adityanath) को उन्होंने अरेस्ट भी करवा दिया था. योगी आदित्यनाथ (Yogi Adityanath) पर सीआरपीसी की धारा लगाते हुए उन्हें जेल भेज दिया गया. इसका असर देखने को मिला गोरखपुर गोदाम एक्सप्रेस के कुछ डिब्बे जलाने के रूप में, इसका आरोप भी योगी के संगठन हिन्दू युवा वाहिनी पर लगाया गया था.

योगी आदित्यनाथ (chief minister Yogi Adityanath) और मुख्यमंत्री चुनाव :

19 मार्च 2017 को योगी आदित्यनाथ (Yogi Adityanath) ने उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री के तौर पर शपथ ली थी. इस शपथ समारोह को लखनऊ के कांशीराम स्म्रति उपवन में आयोजित किया गया था. योगी आदित्यनाथ (Yogi Adityanath) के साथ दो उप-मुख्यमंत्री भी बनाए गए. यूपी की राजनीती में यह पहली बार हुआ जब दो उप-मुख्यमंत्री बने और इस समारोह में प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी, बीजेपी अध्यक्ष शाह और पार्टी के कई नेता भी सम्मिलित हुए थे.

दोबारा सरकार बनाकर रचा इतिहास

साल 2022 में उत्तरप्रदेश में हुए विधानसभा चुनाव में भाजपा ने योगी आदित्यनाथ के नेतृत्व में ही चुनाव लड़ा और प्रचंड जीत हासिल की. उत्तरप्रदेश के इतिहास में यह पहला मौका है जब किसी मुख्यमंत्री ने पांच साल का कार्यकाल पूरा करने के बाद अगले चुनाव में वापस अपनी पार्टी को बहुमत दिलवाया हो. साल 2022 में मिली प्रचंड जीत ने योगी आदित्यनाथ को पूरे देश में एक बड़े नेता के रूप में स्थापित कर दिया.

मुख्यमंत्री बनने के बाद कुछ ख़ास फैसले :

• योगी आदित्यनाथ (Yogi Adityanath) ने बीजेपी के चुनाव घोषणा पत्र में अवैधानिक कसाई खानों को बंद कराने के मामलों में सबसे पहले दावा पेश किया था. और जैसे ही योगी आदित्यनाथ (Yogi Adityanath) मुख्यमंत्री बने उन्होंने कई पुलिस कर्मचारियों को यूपी में अवैध कसाई खानों को बंद करने का आदेश दिया.

• उनका फैसला है कि किसी भी सरकारी कार्यालयों में किसी भी कर्मचारी को पान और तम्बाकू खाने की बिल्कुल भी इजाजत नहीं दी जाएगी. सरकारी कार्यालयों के साथ-साथ ही हर स्कूल, कॉलेज और अस्पतालों में भी यह नियम लागू किया गया है.

• VIP कल्चर को हटाने के लिए योगी आदित्यनाथ (Yogi Adityanath) का बड़ा फैसला यह है कि अपनी निजी गाड़ियों में लाल बत्ती का उपयोग न किया जाए.

• योगी आदित्यनाथ (Yogi Adityanath) ने यूपी में लड़कियों को छेड़ने वाले मनचलों के विरोध में यूपी पुलिस को एक एंटी रोमियो स्क्वाड नाम की टीम का गठन करने का आदेश दिया. यह टीम लखनऊ के ग्यारह जिलों में सभी स्कूलों और कॉलेजों के बाहर नियुक्त की गई है.

• योगी आदित्यनाथ (Yogi Adityanath) ने गैर सरकारी सलाहकारों को नौकरी से हटाने का फैसला लिया. इनमें अतिरिक्त अध्यक्ष, उपाध्यक्ष, निगम सदस्य, अनावश्यक समितियां आदि शामिल हैं.

• योगी आदित्यनाथ (Yogi Adityanath) यूपी के पुलिस आधिकारियों को आदेश दिया है कि वे लगातार सोशल मीडिया से जुड़े रहें ताकि कोई भी घटना हो तो पुलिस बिना टाइम गवाएं घटना स्थल पर पहुँच कर उस मामले को संभाल सकें.

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योगी आदित्यनाथ और अयोध्या का राम मंदिर निर्माण (Yogi Adityanath and Ayodhya Ram Mandir) :

योगी आदित्यनाथ (Yogi Adityanath) जिस गोरक्ष पीठ के महंत हैं. उस पीठ के द्वारा राम मंदिर आंदोलन में बेहद ही महत्वपूर्ण भूमिका निभाई गई है. हालाँकि मुख्यमंत्री ना उस वक्त मठ में थे और ना ही वे राजनीती में सक्रीय थे, इस कारण ही सीधे तौर पर योगी आदित्यनाथ (Yogi Adityanath) का राम मंदिर आंदोलन में योगदान नहीं है.

और यह एक संयोग ही है कि 9 नवंबर 2019 का एतिहासिक दिन जब सुप्रीम कोर्ट के द्वारा अयोध्या में राम मंदिर के निर्माण को लेकर फैसला सुनाया गया. और विवादित जमीन को रामलला को सौंपने का आदेश दिया गया. तब गोरखनाथ पीठ के मौजूदा महंत योगी आदित्यनाथ (Yogi Adityanath) ही उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री थे.

यह देखा गया है कि जब कभी अयोध्या के विवाद को लेकर कोई भी बता की गई तब गोरखनाथ मठ हमेशा से सामने आया है. अब चाहे वह विवाद कोई भी हो लेकिन मठ ने हमेशा से इसमें बढ़-चढ़कर हिस्सा लिया. यह कहें कि गोरखनाथ मठ की तीन पीढ़ियां राम मंदिर आंदोलन से जुड़ी रही हैं तो कुछ गलत नहीं होगा.

इस मठ के महंत दिग्विजयनाथ ने अयोध्या राम मंदिर आंदोलन में बड़ी भूमिका निभाई थी. उनके जाने के बाद उनके शिष्य महंत अवैद्यनाथ उत्तराधिकारी बने और उन्होंने आन्दोलन में अपनी भूमिका अदा की. जिसके बाद योगी आदित्यनाथ (Yogi Adityanath) मठ के लिए योगदान दे रहे हैं.

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