जानिए कौन है दत्तात्रेय होसबोले, बने RSS के सरकार्यवाह

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राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (RSS) में अब नंबर दो की पोजीशन पर कौन होगा, इसका चयन हो चुका है. बेंगलुरू में आरएसएस की अखिल भारतीय प्रतिनिधि सभा की बैठक में दत्तात्रेय होसबोले को राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (RSS) का सरकार्यवाह (महासचिव) चुना गया है. दत्तात्रेय होसबोले, सुरेश भैयाजी जोशी की जगह लेंगे. सुरेश भैयाजी जोशी साल 2009 से संघ के सरकार्यवाह की जिम्मेदारी निभा रहे थे, वहीँ दत्तात्रेय होसबोले साल 2009 से संघ के सह सरकार्यवाह का दायित्व निर्वहन कर रहे थे. दत्तात्रेय होसबोले के चयन के साथ ही यह साफ़ हो गया है कि साल 2024 के आम चुनावों और साल 2025 में संघ के स्थापना के शताब्दी वर्ष के कार्यक्रम के दौरान दत्तात्रेय होसबोले ही संघ के संगठनात्मक ढांचे को कंट्रोल करेंगे.

RSS में नंबर दो की पोजीशन

राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (RSS) में संघ सरकार्यवाह का पद बहुत ही महत्वपूर्ण होता है. इसे RSS में नंबर दो की पोजीशन माना जाता है. दरअसल RSS संघ प्रमुख या सरसंघचालक का चयन चुनाव से नहीं होता बल्कि संघ प्रमुख अपने उत्तराधिकारी की नियुक्ति करते हैं. संघ प्रमुख का कार्य मार्गदर्शन का होता है जबकि सरकार्यवाह ही RSS का सारा कामकाज देखता है.

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तीन साल का होता है कार्यकाल

संघ सरकार्यवाह का कार्यकाल तीन साल का होता है. हर तीन साल में अखिल भारतीय प्रतिनिधि सभा की बैठक में संघ सरकार्यवाह का चयन किया जाता है. साल 2009 से अब तक यह पद सुरेश भैय्याजी जोशी संभाल रहे थे. उन्हें लगातार 4 बार यह जिम्मेदारी सौंपी गई थी.

कैसे होता है आरएसएस के सरकार्यवाह का चुनाव

आरएसएस में नंबर दो की पोजीशन माने जाने वाले सरकार्यवाह के चुनाव की प्रक्रिया हर तीन साल में एक बार होती है. तीन साल में होने वाली आरएसएस की अखिल भारतीय प्रतिनिधि सभा की बैठक में सरकार्यवाह का चुनाव होता है. चुनाव की प्रक्रिया में पूरी केंद्रीय कार्यकारिणी, क्षेत्र व प्रांत के संघचालक, कार्यवाह व प्रचारक और संघ की प्रतिज्ञा किए हुए सक्रिय स्वयंसेवकों की ओर से चुने गए प्रतिनिधि शामिल होते हैं.

कौन है दत्तात्रेय होसबोले

दत्तात्रेय होसबोले का जन्म 1 दिसंबर 1955 को हुआ था. दत्तात्रेय कर्नाटक के शिमोगा के रहने वाले हैं. वह 13 साल की उम्र से ही आरएसएस से जुड़े रहे है. साल 1972 में दत्तात्रेय अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद् (एबीवीपी) से भी जुड़े. साल 1975-77 के जेपी आंदोलन दत्तात्रेय दो वर्ष तक ‘मीसा’ के अंतर्गत जेल में रहे. अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद् में रहने के दौरान दत्तात्रेय एबीवीपी कर्नाटक के प्रदेश संगठन मंत्री, बीवीपी के राष्ट्रीय मंत्री और सह संगठन मंत्री की जिम्मेदारी निभा चुके है. उन्हें साल 2003 में आरएसएस का अखिल भारतीय सह बौद्धिक प्रमुख बनाया गया. साल 2009 से वह आरएसएस के सह सरकार्यवाह की जिम्मेदारी निभा रहे थे. होसबोले ने बैंगलोर यूनिवर्सिटी से अंग्रेजी से स्नातकोत्तर किया।

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दत्तात्रेय होसबोले को क्यों बनाया गया सरकार्यवाह

मीडिया के अनुसार दत्तात्रेय को सरकार्यवाह बनाने के कई कारण है. पहला कारण तो यह है कि वह साल 2009 से वह आरएसएस के सह सरकार्यवाह की जिम्मेदारी निभा रहे थे. इसके अलावा एक कारण यह भी मना जा रहा है कि आरएसएस अब दक्षिण भारत पर भी फोकस कर रहा है. ऐसे में दक्षिण भारत के कर्नाटक से ताल्लुक रखने वाले दत्तात्रेय इसमें मददगार साबित हो सकते है. साथ ही दत्तात्रेय ने ABVP में भी लंबे समय तक कार्य किया है. ऐसे में उनमें संगठन चलाने का कौशल भी है.

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