जानिए निहंग कौन होते हैं? और वह हमेशा नील कपड़े क्यों पहनते हैं?

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Who are Nihang Sikh – दोस्तों आज के इस आर्टिकल में हम निहंग सिखों के बारे में बात करेंगे. सिख धर्म में निहंग सिखों को बहुत ही आदर और सम्मान की नजरों से देखा जाता है. सिख धर्म से जुड़े लोग निहंग सिखों के बारे में अच्छे से जानते ही है. लेकिन अन्य धर्म के लोगों के मन में निहंग सिख को लेकर कई तरह के सवाल उठते हैं. जैसे – निहंग कौन होते हैं? (Who are Nihangs) या निहंग सिख क्या होते हैं? (What are Nihang Sikhs), निहंग का मतलब (meaning of nihang), निहंग नील कपड़े क्यों पहनते हैं? (Why do Nihangs wear blue) और निहंग कैसे बन सकते हैं? (how to become nihang) आज के इस आर्टिकल में हम इन्हीं सवालों के जवाब जानेंगे. तो चलिए शुरू करते है.

निहंग का मतलब (Meaning of Nihang)

सबसे हम आपको यह बताएंगे कि निहंग शब्द का मतलब क्या होता है? एक आम धारणा है कि निहंग शब्द संस्कृत के नि:शंक से आया है. इसका मतलब यह होता है कि, ‘किसी बात की शंका या भय न होना.’ पूर्ण योद्धा के लिए भी निहंग शब्द उपयोग किया जाता है. इसके अलावा निहंग शब्द का जिक्र श्री गुरु ग्रन्थ साहिब में भी हुआ है, लेकिन वहां इसका मतलब और संदर्भ अलग था.

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निहंग सिख कौन होते हैं? (Who are Nihang Sikh)

निहंग सिख को सिखों की एक धर्मरक्षक सेना माना जाता है. यह नीले रंग के कपड़े पहनते है. इनके पास हमेशा आधुनिक और पारंपरिक हथियार होते है. इनके हाथों में लोहे का कड़ा होता है. साथ ही इनके पास तलवारें या कृपाण, भाले और हाथ में छोटा खंजर भी होता है. इन सब के अलावा निहंग पीछे की ओर ढाल के तौर पर खाल और गले में चक्रम और लोहे की जंजीरें भी पहनते हैं.

निहंग नील कपड़े क्यों पहनते हैं? (Why do Nihangs wear blue)

मान्यता है कि एक बार सिखों के दसवें गुरु ‘गुरु गोबिंद सिंह’ की तीन पुत्र अजीत सिंह, जुझार सिंह और जोरावर सिंह युद्ध कला का अभ्यास कर रहे थे. इसी दौरान गुरु गोबिंद सिंह का चौथा पुत्र फ़तेह सिंह भी वहां पहुंचा और अपने भाईयों से कहा कि मुझे भी अभ्यास में शामिल कर लो. इन पर उनके भाईयों ने यह कहते हुए मना कर दिया कि तुम अभी बहुत छोटे हो. इसके बाद फ़तेह सिंह घर के अंदर गए और नीले रंग का चोला पहन लिया. साथ ही उन्होंने सिर पर दुमाला और चक्कर लगाया, किरपाण उठाई, भाला पकड़ा और दौड़कर अपने भाईयों के बीच पहुँच गए. कहा – अब तो छोटा नहीं हूं न मैं. कहा जाता है कि निहंगों का आज जो पहनावा है वह यहीं से शुरू हुआ था.

क्या निहंग सिख शादी करते हैं? (Do nihang sikh marry?)

निहंग में भी 2 समूह होते है. एक समूह ऐसा होता है, जो ब्रह्मचर्य का पालन करता है. वहीँ दूसरा समूह ऐसा होता है, जो गृहस्थ जीवन जीते है. ऐसे निहंग की पत्नी और बच्चे होते है और वह भी वेश धारण करते हैं, जो निहंग करते हैं.

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निहंग का कार्य (work of nihangs)

जैसा कि हमनें आपको बताया था कि निहंग सिख को सिखों की एक धर्मरक्षक सेना माना जाता है. यह अक्सर भ्रमण करते रहते हैं. धर्म की रक्षा करना, किसी मजबूर, गरीब या कमजोर को प्रताड़ना से बचाना, उसकी रक्षा करना ही इनका काम है. निहंग सिखों के त्योहारों पर यह अपनी कला का प्रदर्शन भी करते रहते हैं.

निहंग के नियम (rules of nihang)

निहंग हमेशा अपनी निर्धारित वेशभूषा में रहते है. वह रोजाना गुरबानी का पाठ करते हैं.

सभी निहंग शस्त्र विधा में निपूर्ण होते है. इसमें किसी का बचाव करना और किसी पर हमला करना, दोनों तरीके शामिल है.

निहंग सिख गुरु ग्रंथ साहिब के अलावा श्री दशम ग्रन्थ साहिब और सरबलोह ग्रन्थ को भी मानते हैं.

निहंग सिख आमतौर पर अमृत धारण किए होते हैं.

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निहंगों ने की थी अयोध्या की रक्षा (Nihangs had protected Ayodhya)

यह बात उस समय की है जब दिल्ली और आगरा पर मुगल शासक औरंगजेब का शासन हुआ करता था. एक बार औरंगजेब ने अपनी शाही सेना को अयोध्या पर हमला करने का आदेश दिया. इस बात की खबर जब चिमटाधारी साधु बाबा वैष्णव दास को लगी उन्होंने गुरु गोबिंद सिंह से मदद मांगी. इसके बाद गुरु गोबिंद सिंह ने बिना समय गवाएं अपनी निहंग सिख सेना को रामजन्मभूमि की रक्षा के लिए भेज दिया. इसके बाद निहंग सिख और साधुओं ने मिलकर औरंगजेब की शाही सेना का ना सिर्फ सामना किया बल्कि उन्हें युद्ध के मैदान से खदेड़ दिया. खुद शासक औरंगजेब भी निहंग सिख और साधुओं की वीरता से इतना प्रभावित और भयभीत हुआ कि उसने फिर काफी समय तक अयोध्या पर हमला करने की हिम्मत नहीं दिखाई.

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