शिवाजी महाराज की कहानी लोगों तक पहुंचाने वाले लेखक बाबासाहेब पुरंदरे की कहानी….

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Babasaheb Purandare Biography – दोस्तों आज के इस आर्टिकल में हम मराठी साहित्यकार, नाटककार, इतिहासकार और वक्ता शिवशाहीर बाबासाहेब पुरंदरे (Shivshahir Babasaheb Purandare) के बारे में बात करेंगे. बाबासाहेब पुरंदरे का असली नाम मोरेश्वर पुरंदरे था, लेकिन महाराष्ट्र के लोग उन्हें बाबासाहेब पुरंदरे के नाम से जानते थे. बाबासाहेब पुरंदरे ने अपने जीवनकाल में कई रचनाएँ की थी, जिनमें से ज्यादातर रचनाएँ मराठा साम्राज्य के 17वीं शताब्दी के संस्थापक छत्रपति शिवाजी महाराज के जीवन से संबंधित थी.

दोस्तों यह तो हम जान ही चुके हैं कि बाबासाहेब पुरंदरे कौन थे? (Who was Babasaheb Purandare) आगे इस आर्टिकल में हम बाबासाहेब पुरंदरे का शुरुवाती जीवन (Babasaheb Purandare  Early Life), बाबासाहेब पुरंदरे  की शिक्षा ( Babasaheb Purandare Education), बाबासाहेब पुरंदरे के परिवार (Babasaheb Purandare Family), बाबासाहेब पुरंदरे के करियर (Babasaheb Purandare Career), बाबासाहेब पुरंदरे की रचनाओं ( Babasaheb Purandare literary) और बाबासाहेब पुरंदरे के पुरस्कार (Babasaheb Purandare Awards) सहित अन्य चीजों के बारे में बात करेंगे. तो चलिए शुरू करते है बाबासाहेब पुरंदरे का जीवन परिचय.

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बाबासाहेब पुरंदरे जीवनी (Babasaheb Purandare Biography)

दोस्तों बाबासाहेब पुरंदरे का जन्म 29 जुलाई 1922 को महाराष्ट्र के पुणे जिले के सासवड में हुआ था. बाबासाहेब पुरंदरे के पिता का नाम मोरेश्वर पुरंदरे था. बाबासाहेब पुरंदरे के पिता पेशे से शिक्षक थे. बाबासाहेब पुरंदरे की पत्नी का नाम निर्मला पुरंदरे है. उनकी पत्नी निर्मला पुरंदरे एक अनुभवी सामाजिक कार्यकर्ता थी. बाबासाहेब पुरंदरे की बेटी का नाम माधुरी पुरंदरे और बेटों के नाम प्रसाद पुरंदरे व अमृत ​​पुरंदरे है.

बाबासाहेब पुरंदरे  की शिक्षा (Babasaheb Purandare Education)

बाबासाहेब पुरंदरे ने अपनी स्कूली शिक्षा पुणे के एक स्कूल से पूरी की है. इसके बाद बाबासाहेब पुरंदरे ने सर परशुरामभाऊ कॉलेज से कला में स्नातक किया. महज 16 की उम्र में ही बाबासाहेब पुरंदरे ने छत्रपति शिवाजी महाराज और महाराष्ट्र के इतिहास और संस्कृति पर शोध करना शुरू कर दिया था.

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बाबासाहेब पुरंदरे का करियर (Babasaheb Purandare Career)

बाबासाहेब पुरंदरे को बचपन से कविताएं लिखने का शौक था. जब वह पढ़ाई करते थे, तभी वह कविताएं लिखकर समाचार पत्र में प्रकाशित करवाते थे. साल 1946 तक बाबासाहेब पुरंदरे की जल्य थिंग्या पुस्तक पूरी हो गई थी. यह पुस्तक शिवाजी महाराज के जीवन की कहानियों का संकलन पर आधारित थी. बाबासाहेब पुरंदरे ने शिवाजी और अन्य ऐतिहासिक विषयों पर कई किताबें लिखी है. बाबासाहेब पुरंदरे ने विभिन्न किलों पर भी किताबें लिखी है. जाने-माने अभिनेता और निर्माता रमेश देव ने पुरंदरे के उपन्यास शेलारखिंड पर सरजा फिल्म बनाई थी. लिखने के अलावा बाबासाहेब पुरंदरे ने शिवाजी के जीवन पर भारत और दुनिया भर में 15,000 से अधिक व्याख्यान दिए है.

बाबासाहेब पुरंदरे की रचनाएँ (Babasaheb Purandare literary)

आगरा, कलावंतिनी की सजावट, राजा जानता है, पन्हालगड, पुरंदरी, पुरंदरी के गढ़ से, पुरंदर का सरकारवाड़ा, पुरंदरी की बारी, प्रतापगढ़ी, कुसुमित, महाराज, मुजरा का मानक, राजगड़ी, राजा शिवछत्रपति पूर्वार्ध और उत्तरार्ध लालमहली, शिलांग सोना, शेलारखिंड, सावित्री, सिंहगढ़.

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बाबासाहेब पुरंदरे के पुरस्कार (Babasaheb Purandare Awards)

साल 1963 में सतारा की राजमाता सुमित्राराजे भोसले द्वारा बाबासाहेब पुरंदरे को शिवशहर की उपाधि से भी नवाजा गया था.

उनकी पुस्तक राजा शिवछत्रपति के लिए उन्हें महाराष्ट्र सरकार द्वारा सम्मानित किया गया था.

साल 2012 में उन्हें प्रिंसिपल शिवाजीराव भोसले मेमोरियल अवार्ड से सम्मानित किया गया था.

साल 2013 में अभिमत विश्वविद्यालय ने उन्हें डी. लिट से सम्मानित किया था.

साल 2015 में महाराष्ट्र सरकार ने बाबासाहेब पुरंदरे को महाराष्ट्र भूषण पुरस्कार से सम्मानित किया था.

साल 2016 में बाबासाहेब पुरंदरे को गार्जियन-गिरिप्रेमी लाइफटाइम अचीवमेंट अवार्ड से सम्मानित किया गया था.

साल 2019 में भारत सरकार ने बाबासाहेब पुरंदरे को पद्म विभूषण से सम्मानित किया था.

बाबासाहेब पुरंदरे का निधन (Babasaheb Purandare died)

15 नवंबर 2021 को निमोनिया से पीड़ित होने के बाद पुणे के एक अस्पताल में बाबासाहेब पुरंदरे का 99 वर्ष की उम्र में निधन हो गया था.

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