Cabinet Minister vs Minister of State – कैबिनेट मंत्री क्या होता है?, जानिए कैबिनेट मंत्री और राज्यमंत्री में अंतर

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Cabinet Minister vs Minister of State – दोस्तों अक्सर हम जब भी किसी सरकार का शपथ ग्रहण समारोह देखते हैं तो उसमें हमने देखा होगा कि पहले कैबिनेट मंत्री शपथ होती है, उसके बाद राज्य मंत्री (स्वतंत्र प्रभार) और फिर आखिरी में राज्य मंत्री शपथ लेते है. शपथ ग्रहण समारोह को देखकर मैंने मन में अक्सर यह ख़याल आता है कि आखिर मंत्री कितने प्रकार के होते है?, कैबिनेट मंत्री क्या होता है?,  राज्य मंत्री स्वतंत्र प्रभार क्या होता है? और राज्य मंत्री क्या होता है? क्या आपको पता है कि कैबिनेट मंत्री और राज्य मंत्री में क्या अंतर (Cabinet Minister vs Minister of State) होता है? तो दोस्तों चलिए आज के इस आर्टिकल में हम इन्ही सभी सवालो के जवाब जानने की कोशिश करेंगे. साथ ही जानेंगे कि मंत्री परिषद में अधिकतम कितने सदस्य हो सकते है?

कैबिनेट में कितने तरह के मंत्री होते है? (types of ministers)

केंद्रीय मंत्रिमंडल में मंत्रालयों के महत्व और कार्यभार के आधार पर मंत्रियों को तीन भागो में बांटा गया है. पहला है कैबिनेट मंत्री, दूसरा है राज्य मंत्री (स्वतंत्र प्रभार) और तीसरा है राज्य मंत्री. किसी भी मंत्रिमंडल में इन तीन तरह के मंत्री होते है.

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कैबिनेट मंत्री क्या होता है? (What is cabinet minister)

कैबिनेट मंत्री किसी भी सरकार का महत्वपूर्ण अंग होता है. कैबिनेट मंत्री अपने मंत्रालय के ये हेड होते हैं और यह अपने काम की रिपोर्ट सीधे प्रधानमंत्री को देते है. इसके अलावा सरकार के सभी फैसलों में कैबिनेट मंत्री शामिल होते हैं. जैसे कोई अध्यादेश, नया कानून, कानून संसोधन जैसी चीजों के लिए कैबिनेट की मंजूरी लेनी होती है. संसद में कोई भी बिल पेश करने से पहले कैबिनेट की मंजूरी लेना जरूरी है.

राज्य मंत्री (स्वतंत्र प्रभार) क्या होता है? (What is a Minister of State (Independent Charge))

कैबिनेट मंत्री के बाद नम्बर आता है राज्य मंत्री (स्वतंत्र प्रभार) का. वैसे तो हर मंत्रालय महत्वपूर्ण होता है, लेकिन कुछ मंत्रालय ऐसे होते हैं, जिनकी जिम्मेदारी कम होती है. ऐसे मंत्रालयों को राज्यमंत्री (स्वतंत्र प्रभार) की बदौलत चलाया जाता है. कैबिनेट मंत्री की तरह इनके पास भी अपने मंत्रालय की पूरी जिम्मेदारी होती है और यह भी सीधे प्रधानमंत्री को रिपोर्ट करते हैं. लेकिन यह कैबिनेट की बैठक में शामिल नहीं होते है. हालांकि इन्हें खास मौकों पर कैबिनेट की बैठक में शामिल किया जाता है.

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राज्य मंत्री कौन होता है? (Who is the Minister of State)

राज्यमंत्री को कैबिनेट मंत्री का सहयोगी कहा जाता है. राज्यमंत्री सीधे प्रधानमंत्री को नहीं बल्कि कैबिनेट मंत्री को रिपोर्ट करते है. यानि राज्यमंत्री कैबिनेट मंत्री के अधीन काम करते है. एक कैबिनेट मंत्री के अंडर में एक या उससे ज्यादा राज्य मंत्री हो सकते है. जैसे किसी कैबिनेट मंत्री के पास एक से अधिक विभाग की जिम्मेदारी है तो अलग-अलग विभागों के लिए राज्य मंत्री हो सकते है. सीधे शब्दों में कहे तो राज्य मंत्री मंत्रालय चलाने के लिए कैबिनेट मंत्री का सहयोग करते है.

कैबिनेट मंत्री और राज्यमंत्री में अंतर (Difference between cabinet minister and minister of state)

जैसे कि हम बता चुके हैं कि कैबिनेट मंत्री सरकार का सबसे महत्वपूर्ण अंग होता है और वह सीधे प्रधानमंत्री को रिपोर्ट करते हैं जबकि राज्यमंत्री कैबिनेट मंत्री को रिपोर्ट करते है. कैबिनेट मंत्री किसी भी मंत्रालय का प्रमुख होता है जबकि राज्यमंत्री कैबिनेट मंत्री के अधीन रहकर उन्हें सरकार चलाने में मदद करता है.

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मंत्री परिषद में अधिकतम कितने सदस्य हो सकते है?

दोस्तों अब एक सवाल यह भी उठता है कि एक मंत्री परिषद में अधिकतम कितने मंत्री हो सकते है. तो दोस्तों बता दे कि एक मंत्री परिषद में अधिकतम कितने मंत्री हो सकते हैं इसका उल्लेख हमारे संविधान में किया गया है. भारतीय संविधान के अनुसार किसी भी कैबिनेट में उसके कुल सदस्यों के 15 फीसदी सदस्य ही मंत्री बन सकते हैं. जैसे हमारी लोकसभा में सदस्यों की संख्या 552 है. ऐसे में मंत्रिमंडल में 82 मंत्री शामिल हो सकते है. यहीं नियम राज्यों में भी लागू होता है.

कैबिनेट मंत्री की सैलरी व सुविधाएं  (cabinet minister salary and facilities)

अब बात करते है कि कैबिनेट मंत्री को कितनी सैलरी और सुविधाएं दी जाती है. दोस्तों बता दे कि एक कैबिनेट मंत्री को हर महीने 1,00,000 रुपए सैलरी के रूप में दिया जाता है. इसके अलावा उन्हें 70,000 रुपए निर्वाचन क्षेत्र भत्ता, 60,000 रुपए कार्यालय भत्ता, 2,000 रुपए सत्कार भत्ता दिया जाता है. इसके अलावा उन्हें संसद सदस्य की तरह की यात्रा भत्ता/यात्रा सुविधाएं, रेल यात्रा सुविधाएं, स्टीमर पास, आवास, टेलीफोन सुविधाएं और वाहन क्रय हेतु अग्रिम राशि मिलती है.

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