Jyotiraditya Scindia Biography – 400 कमरों वाले शाही महल में रहते है सिंधिया, चांदी की ट्रेन से परोसा जाता है खाना

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Jyotiraditya Scindia Biography – दोस्तों आज के इस आर्टिकल में हम बात करेंगे भाजपा के राज्यसभा सांसद ज्योतिरादित्य सिंधिया के बारे में. वैसे ज्योतिरादित्य सिंधिया आज किसी पहचान के मोहताज नहीं है. उनका नाम देश के बड़े नेताओं में लिया जाता है. हम सभी जानते ही है कि किसी समय ज्योतिरादित्य सिंधिया कांग्रेस के कद्दावर नेताओं में से एक हुआ करते थे, लेकिन साल 2020 में ज्योतिरादित्य सिंधिया ने कांग्रेस छोड़कर भाजपा में शामिल हो गए. ज्योतिरादित्य सिंधिया के कांग्रेस छोड़ने से मध्यप्रदेश में कांग्रेस की सरकार भी गिर गई थी.

ज्योतिरादित्य सिंधिया कौन है? यह ऐसा सवाल है, जिसका जवाब हम सभी जानते हैं. लेकिन ज्यादातर लोग ज्योतिरादित्य सिंधिया के राजनीतिक सफ़र के बारे में कम ही जानते है. तो इस आर्टिकल के जरिए हम जानेंगे ज्योतिरादित्य सिंधिया के अब तक के राजनीतिक सफ़र के बारे में. साथ ही जानेंगे कि ज्योतिरादित्य सिंधिया की पत्नी कौन है?, ज्योतिरादित्य सिंधिया की सम्पत्ति कितनी है? और भी ढेर सारी चीजे. तो चलिए शुरू करते है ज्योतिरादित्य सिंधिया का जीवन परिचय.

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ज्योतिरादित्य सिंधिया की जीवनी (Jyotiraditya Scindia Biography)

ज्योतिरादित्य सिंधिया का जन्म 1 जनवरी 1971 को ग्वालियर के प्रसिद्द सिंधिया परिवार में हुआ था. ज्योतिरादित्य सिंधिया का पूरा नाम ज्योतिरादित्य माधवराव सिंधिया है. ज्योतिरादित्य सिंधिया के पिता (Jyotiraditya Scindia Father) का नाम स्वर्गीय श्री माधवराव जे. सिंधिया है. ज्योतिरादित्य सिंधिया की माता (Jyotiraditya Scindia Mother) का नाम श्रीमती माधवी राजे सिंधिया है.

ज्योतिरादित्य सिंधिया की शिक्षा (Jyotiraditya Scindia Education)

ज्योतिरादित्य सिंधिया ने अपनी स्कूली शिक्षा मुंबई के कैंपियन स्कूल एवं दून स्कूल से पूरी की है. इसके बाद सिंधिया ने हार्वर्ड विश्वविद्यालय से अर्थशास्त्र में स्नातक किया है. इसके बाद सिंधिया ने स्टैनफोर्ड ग्रेजुएट स्कूल ऑफ बिजनेस से MBA की पढ़ाई की है.

ज्योतिरादित्य सिंधिया के परिवार का इतिहास (Jyotiraditya Scindia Family History)

ज्योतिरादित्य सिंधिया के परिवार में सबसे पहले उनकी दादी ने राजनीति में कदम रखा था. ज्योतिरादित्य सिंधिया की दादी का नाम विजय राजे सिंधिया था और वह जनसंघ की बड़े नेताओं में से एक थी. विजय राजे सिंधिया भले ही जनसंघ में थी, लेकिन उनके बेटे माधवराव सिंधिया कांग्रेस में शामिल हो गए. माधवराव सिंधिया कांग्रेस के बड़े नेताओं में से एक थे. अपने पिता की तरह ज्योतिरादित्य सिंधिया भी कांग्रेस में शामिल हो गए.

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ज्योतिरादित्य सिंधिया की राजनीतिक करियर (Jyotiraditya Scindia Political Career)

साल 2002 में एक हेलीकॉप्टर दुर्घटना में माधवराव सिंधिया का निधन हो गया था. अपने पिता के निधन के बाद ज्योतिरादित्य सिंधिया ने अपने पिता के संसदीय क्षेत्र गुना से लोकसभा चुनाव लड़ने का निश्चय किया. गुना की जनता ने उन्हें भारी मतों से विजय बनाया. साल 2004 में हुए लोकसभा चुनाव में ज्योतिरादित्य सिंधिया ने एक बार फिर से गुना से लोकसभा चुनाव लड़ा और जीत हासिल की.

साल 2007 में ज्योतिरादित्य सिंधिया मनमोहन सिंह सरकार में केंद्रीय राज्यमंत्री बने. इसके बाद साल 2009 में हुए लोकसभा चुनाव में ज्योतिरादित्य सिंधिया ने तीसरी बार गुना से जीत दर्ज की और सांसद बने. साल 2009 में सिंधिया को वाणिज्य और उद्योग राज्य मंत्री बनाया गया. साल 2012 में ज्योतिरादित्य सिंधिया विद्युत राज्य मंत्री बने. साल 2013 में ज्योतिरादित्य सिंधिया मध्य प्रदेश में चुनाव अभियान समिति का प्रमुख बनाया गया. हालाँकि उनके बाद हुए विधानसभा चुनाव में कांग्रेस की मध्यप्रदेश में बुरी तरह से हार हुई.

ज्योतिरादित्य सिंधिया और कांग्रेस का रिश्ता अच्छा चल ही रहा था कि साल 2018 में मध्यप्रदेश में विधानसभा चुनाव हुए. इस चुनाव में कांग्रेस पार्टी ने शिवराज सरकार को सत्ता से बेदखल कर दिया. कांग्रेस पार्टी की इस जीत में कमलनाथ और ज्योतिरादित्य सिंधिया की अहम् भूमिका थी. चुनाव में जीत के बाद कमलनाथ और ज्योतिरादित्य सिंधिया दोनों ही मुख्यमंत्री बनना चाहते थे, लेकिन शीर्ष नेतृत्व ने कमलनाथ के नाम पर मुहर लगाई और ज्योतिरादित्य सिंधिया की उम्मीदे टूट गई.

इसके बाद साल 2019 में लोकसभा चुनाव हुआ, जिसमें ज्योतिरादित्य सिंधिया ने चौथी बार गुना से लोकसभा चुनाव लड़ा. लेकिन इस चुनाव में ज्योतिरादित्य सिंधिया को बीजेपी के कृष्ण पाल सिंह यादव से चुनाव में हार का सामना करना पड़ा. इस हार से ज्योतिरादित्य सिंधिया को जबरदस्त झटका लगा.

मीडिया रिपोर्ट के अनुसार लोकसभा चुनाव में मिलीं हार के बाद ज्योतिरादित्य सिंधिया मध्यप्रदेश कांग्रेस का अध्यक्ष बनना चाहते थे, लेकिन उन्हें नहीं बनाया गया. इसके बाद किसानों के मुद्दे को लेकर ज्योतिरादित्य सिंधिया ने कमलनाथ सरकार के खिलाफ सड़क पर उतरने की बाद कही थी, जिसका भी असर कांग्रेस पार्टी नहीं पड़ा. इसके बाद आख़िरकार ज्योतिरादित्य सिंधिया ने कांग्रेस पार्टी से बगावत करके भाजपा में शामिल हो गए. ज्योतिरादित्य सिंधिया के साथ मध्यप्रदेश कांग्रेस के कई विधायक भी भाजपा में शामिल हो गए, जिससे कमलनाथ सरकार अल्पमत में आ गई. भाजपा में आने के बाद ज्योतिरादित्य सिंधिया को राज्यसभा भेजा गया. फ़िलहाल ज्योतिरादित्य सिंधिया नरेंद्र मोदी की कैबिनेट में मंत्री है.

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ज्योतिरादित्य सिंधिया का परिवार (jyotiraditya scindia family)

ज्योतिरादित्य सिंधिया के परिवार में उनकी मां के अलावा उनकी पत्नी और दो बच्चे हैं. ज्योतिरादित्य सिंधिया की पत्नी (jyotiraditya scindia wife) का नाम प्रियदर्शनी राजे है. ज्योतिरादित्य सिंधिया और प्रियदर्शनी राजे का विवाह 12 दिसंबर 1994 को हुआ था. ज्योतिरादित्य सिंधिया और प्रियदर्शनी राजे के दो बच्चे भी है. ज्योतिरादित्य सिंधिया के बेटे (jyotiraditya scindia son) का नाम महानारयमन सिंधिया है. ज्योतिरादित्य सिंधिया की बेटी (jyotiraditya scindia daughter) का नाम अनन्या सिंधिया है.

ज्योतिरादित्य सिंधिया की संपत्ति (jyotiraditya scindia property)

ज्योतिरादित्य सिंधिया की संपत्ति को लेकर लोगों के मन में अक्सर ही सवाल रहता है. बता दे कि ज्योतिरादित्य सिंधिया देश के सबसे अमीर सांसदों में से एक है. मीडिया रिपोर्ट के अनुसार सिंधिया राजवंश के पास बेहिसाब सम्पत्ति है. वहीं ज्योतिरादित्य सिंधिया की बात की जाए तो चुनावी हलफनामे के अनुसार ज्योतिरादित्य सिंधिया के पास लगभग 33 करोड़ रुपए की सम्पत्ति है. उनके पास एक पैतृक बीएमडब्ल्यू कार भी है.

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ज्योतिरादित्य सिंधिया जयविलास पैलेस में रहते है. यह एक राजमहल है, जिसे साल 1874 में तैयार किया गया था. कहते है इस शाही महल में 400 कमरे है. 40 कमरों में म्यूजियम है. जयविलास पैलेस 1,240,771 वर्ग फीट क्षेत्र में फैला हुआ है. कहा जाता है कि यहाँ भोजन परोसने के लिए चांदी से बनी ट्रेन चलती है. महल में 3500 किलों चांदी के झूमर है.

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