Mohan Bhagwat Biography – सरकारी नौकरी से सरसंघचालक तक, जानिए मोहन भागवत कैसे बने RSS प्रमुख

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Mohan Bhagwat Biography – दोस्तों आज के इस आर्टिकल में हम बात करेंगे हिन्दू राष्ट्रवादी संगठन राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (Rashtriya Swayamsevak Sangh) यानि RSS के वर्तमान प्रमुख या सरसंघचालक मोहन भागवत के बारे में. महाराष्ट्र के एक छोटे से गांव में जन्में मोहन भागवत वर्तमान में दुनिया के सबसे बड़े संगठन कहे जाने वाले आरएसएस के प्रमुख है. आरएसएस प्रमुख होने के नाते मोहन भागवत आज देश के सबसे ताकतवर लोगों में से एक है. मोहन भागवत अक्सर अपने बयानों को लेकर सुर्ख़ियों में रहते हैं.

दोस्तों वैसे तो मोहन भागवत के बारे में हम सभी जानते हैं, लेकिन कम ही लोग हैं जो मोहन भागवत के परिवार या उनके सफ़र के बारे में जानते होंगे. दोस्तों आज इस आर्टिकल में हम जानेंगे कि मोहन भागवत कौन है?, मोहन भागवत के परिवार में कौन-कौन है?, मोहन भागवत कैसे RSS के सरसंघचालक बने? तो चलिए दोस्तों शुरू करते हैं मोहन भागवत का जीवन परिचय.

मोहन भागवत जीवनी (Mohan Bhagwat Biography)

मोहन भागवत का जन्म 11 सितम्बर 1950 को महाराष्ट्र के चन्द्रपुर नामक एक छोटे से नगर में हुआ था. मोहन भागवत का पूरा नाम मोहनराव मधुकरराव भागवत है. मोहन भागवत के पिता का नाम मधुकरराव भागवत है. मोहन भागवत की माता का नाम मालतीबाई है. मधुकरराव भागवत और मालतीबाई के तीन बेटे और एक बेटी हुई, जिनमें मोहन भागवत सबसे बड़े हैं.

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मोहन भागवत शिक्षा (Mohan Bhagwat Education)

मोहन भागवत ने चन्द्रपुर के लोकमान्य तिलक विद्यालय से अपनी स्कूली शिक्षा पूरी करने के बाद चन्द्रपुर के जनता कॉलेज से बीएससी की शिक्षा हासिल की. मोहन भागवत ने पंजाबराव कृषि विद्यापीठ, अकोला से पशु चिकित्सा और पशुपालन में स्नातक की डिग्री हासिल की.

तीन पीढ़ी पुराना है संघ से नाता

मोहन भागवत का आरएसएस से रिश्ता तीन पीढ़ी पुराना है. मोहन भागवत के दादा नारायण भागवत और मोहन भागवत के पिता मधुकर भागवत का RSS से जुड़ाव रहा है. मधुकर भागवत ने गुजरात में कुछ साल आरएसएस के प्रचारक के तौर पर भी काम किया. कहा जाता है कि मधुकर भागवत ने ही लालकृष्ण आडवाणी का आरएसएस से परिचय करवाया था.

सरकारी ऑफिसर बने मोहन भागवत

पढ़ाई पूरी करने के बाद मोहन भागवत ने सरकारी नौकरी करना शुरू की. मोहन भागवत एनिमल हसबेंडरी विभाग में बतौर वेटनरी ऑफिसर काम करने लगे. शुरुआत में मोहन भागवत की पोस्टिंग चंद्रपुर में ही थी, लेकिन बाद में उनका ट्रांसफर 90 किलोमीटर दूर चमोर्शी कर दिया गया.

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आपातकाल ने बदली जिंदगी

इस बीच साल 1974 में जब मोहन भागवत पोस्ट ग्रेजुएशन के लिए अकोला गए तब कुछ दिनों बाद साल 1975 में देश में आपातकाल लगा दिया गया. ऐसे में मोहन भागवत ने अपनी पढ़ाई बीच में छोड़ दी और संघ के प्रचारक बन गए. आपातकाल के दौरान मोहन भागवत के माता-पिता को जेल में डाल दिया गया. ऐसे में आपातकाल के दौरान मोहन भागवत अज्ञातवास में रहे.

संघ के सरसंघचालक बने

साल 1991 में मोहन भागवत आरएसएस के शारीरिक प्रशिक्षण कार्यक्रम के अखिल भारतीय प्रमुख बने. साल 1999 तक मोहन भागवत इस पद पर रहे. इसी वर्ष मोहन भागवत को पूरे देश के संघ प्रचारकों का प्रमुख बनाया गया. साल 2000 में तत्कालीन संघ प्रमुख राजेन्द्र सिंह और तत्कालीन सरकार्यवाह एच. वी. शेषाद्री ने स्वास्थ्य कारणों से अपना पद छोड़ दिया, जिसके बाद एस सुदर्शन को संघ का नया प्रमुख और मोहन भागवत को सरकार्यवाह बनाया गया. इसके बाद 21 मार्च 2009 को एस सुदर्शन के पद छोड़ने के बाद मोहन भागवत को संघ का सरसंघचालक बनाया गया.

मोहन भागवत का परिवार (mohan bhagwat family)

दोस्तों जैसा कि हम आपको बता चुके हैं कि मोहन भागवत के दो भाई और एक बहन है. इसके अलावा लोग अगर इन्टरनेट पर सर्च करते हैं कि मोहन भागवत की पत्नी का नाम क्या है? और मोहन भागवत की बेटी का नाम (mohan bhagwat daughter name) क्या है? तो दोस्तों बता दे कि मोहन भागवत ने शादी नहीं की है. वह कुंवारे है.

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