Sania Mirza Biography – ग्रैंड स्लैम जीतने वाली पहली भारतीय महिला खिलाड़ी हैं सानिया मिर्ज़ा

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Sania Mirza Biography in Hindi – 

बात चाहे ओलिंपिक खेलों की हो या फिर नेशनल गेम्स की, सानिया मिर्ज़ा (sania mirza) ने हर जगह अपने अच्छे प्रदर्शन से अपना नाम बनाया है. सानिया मिर्ज़ा एक ऐसी भारतीय खिलाड़ी (Tennis Player Sania Mirza) हैं जिन्होंने महज 18 साल की उम्र में ही शानदार खेल प्रदर्शन से सबको चौंका दिया था. उन्हें भारत की लोकप्रिय खिलाड़ी महिलाओं में स्थान दिया जाता है.

कम उम्र में ही अपनी पहचान बनाने वाली सानिया ने नेशनल के साथ ही अंतराष्ट्रीय स्तर पर भी अपने खेल को सबके सामने रखा और या मानने पर मजबूर कर दिया कि उनमें एक अलग ही दम और बात है जो उन्हें कामयाब बनाए रखती है. सानिया मिर्जा (sania mirza) को टेनिस खेल में दिए योगदान को देखते हुए भारत सरकार ने साल 2006 में उन्हें पद्मश्री (sania mirza Padma shri) सम्मान से भी नवाजा है. पद्मश्री को पाने वाली सानिया मिर्ज़ा सबसे कम उम्र की महिला खिलाड़ी भी बन चुकी हैं.

आज हम बात कर रहे हैं देश का गौरव बन चुकी सानिया मिर्ज़ा की बायोग्राफी के बारे में. हम जाएंगे सानिया मिर्ज़ा के जन्म से लेकर उनकी पढ़ाई, खेल करियर और पारिवारिक जीवन के बारे में. तो चलिए जानते हैं विस्तार से :

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सानिया का प्रारम्भिक जीवन :-

सानिया मिर्ज़ा का जन्म 15 नवम्बर 1986 (sania mirza age 34) को सपनों के शहर मुंबई में हुआ था. जबकि सानिया की प्रारंभिक शिक्षा हैदराबाद के एन. ए. एस. आर. स्कूल में हुई हैं. इसके बाद की पढ़ाई भी सानिया मिर्ज़ा ने यहीं हैदराबाद के सेंट मैरी कॉलेज से की थी. सानिया का ग्रेजुएशन इसी कॉलेज से हुआ है.

टेनिस स्टार सानिया (tennis mirza sania mirza) के पिता का नाम इमरान मिर्ज़ा है और वे एक खेल संवाददाता थे. इसके चलते ही हमेशा से ही सानिया मिर्ज़ा को खेल के लिए अपने पिता से काफी सपोर्ट मिला और साथ ही आगे बढ़ने का प्रोत्साहन भी मिला. जबकि सानिया की मां का नाम नसीमा हैं जोकि मुंबई में ही एक प्रिंटिंग बिज़नस से ताल्लुक रखने वाली कंपनी में काम करती थीं.

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सानिया मिर्ज़ा का खेल करियर (sania mirza sports career) :

सानिया मिर्ज़ा ने महज 6 साल की उम्र से ही निज़ाम क्लब, हैदराबाद में टेनिस खेलना शुरू कर दिया था. इस दौरान सानिया ने महेश भूपति (mahesh bhupati) के पिता और टेनिस प्लेयर सीके भूपति से ट्रेनिंग लेना शुरू किया था.

सानिया के पिता की आर्थिक स्थिति इतनी अच्छी नहीं थी कि वे सानिया के लिए प्रोफेशनल ट्रेनिंग दिलवा सकें इस कारण उन्होंने कुछ व्यापारिक समुदायों से स्पोंसरशिप लेना शुरू किया. इन नामों में जीवेके इंड्रस्ट्रीज और एडीडास शामिल रहे जिन्होंने सानिया को महज 12 साल की उम्र में ही स्पोंसर किया था.

यह उस वक्त की बात है जब सानिया की उम्र 14 साल भी नहीं थी और उन्होंने खेल की दुनिया में अपने कदम रख दिए थे. 

सानिया ने सबसे पहले 14 की उम्र से कम के समय में अपना पहला आई.टी.एफ. जूनियर टूर्नामेंट, इस्लामाबाद (sania mirza junior tournament) में खेला था. साल 2002 की बात है जब भारत के शीर्ष टेनिस खिलाड़ी लिएंडर पेस की नजर बुसान एशियाड के पहले ही सानिया मिर्ज़ा के खेल पर पड़ी. इस दौरान सानिया की उम्र महज 16 साल थी और इस दौरान ही पेस ने यह निश्चय किया था कि वे सानिया मिर्ज़ा के साथ डबल्स में उतरेंगे.

जिसके बाद सानिया ने यहाँ देश को कांस्य पदक दिलाया और इसके बाद 17 वर्ष की होने के साथ ही सानिया मिर्ज़ा ने विंबलडन का जूनियर डबल्स चैंपियनशिप खिताब भी जीता और भारत का नाम रोशन किया.

साल 2003 के दौरान सानिया को पोपुलिरिटी मिलना अधिकता के साथ शुरू हुई. ऐसा इसलिए क्योंकि इस दौरान ही सानिया मिर्ज़ा को भारत की तरफ से खेलों में वाइल्ड कार्ड एंट्री मिली थी. इस एंट्री के साथ ही सानिया ने भी अपने खेल का प्रदर्शन करना भी शुरू कर दिया और सबको इम्प्रेस किया.

साल 2005 में अक्टूबर माह के दौरान टाइम पत्रिका ने सानिया का नाम एशिया के 50 नायकों में शामिल किया था. यह सानिया ही नहीं देश के लिए भी गर्व का समय था.

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विम्बलडन में डबल्स के दौरान सानिया मिर्ज़ा ने जीत को अपने नाम किया. जिसके बाद साल 2004 के दौरान सानिया का प्रदर्शन और भी बेहतर हो गया और इसके लिए सानिया मिर्ज़ा को साल 2005 में अर्जुन पुरस्कार से सम्मानित किया गया. जिसके बाद साल 2009 में सानिया मिर्जा भारत की तरफ से ग्रैंड स्लैम जीतने वाली पहली महिला खिलाड़ी भी बनीं (Sania Mirza first Indian woman player to win Grand Slam).

सानिया मिर्ज़ा और शोएब मालिक का निकाह (Sania Mirza and Shoaib Malik Marriage) :

इस बारे में कम ही लोग जानते हैं कि टेनिस स्टार सानिया मिर्ज़ा ने साल 2009 के दौरान अपने बचपन के दोस्त सोहराब मिर्जा (sania mirza and shoahrab mirza) के साथ सगाई की थी. हालाँकि कुछ समय के बाद ही उन्होंने यह सगाई तोड़ दी थी और यह बयान दिया था कि बेशक वे अच्छे दोस्त हैं लेकिन जीवनसाथी के रूप में उनकी बात नहीं बन पाएगी.

जिसके कुछ समय बाद सानिया मिर्ज़ा का नाम शोएब मलिक (sania and shoaib) के साथ जुड़ने लगा और दोनों साथ दिखाई देने लगे. फिर सानिया मिर्जा और शोएब मालिक ने 12 अप्रेल 2012 को निकाह कर लिया. सानिया मिर्ज़ा भारत से हैं और शोएब मलिक पाकिस्तान से बिलोंग करते हैं इस कारण उन्हें कई बातों और विवादों का भी सामना करना पड़ा. सानिया और शोएब का निकाह हैदराबाद के ताज कृष्णा होटल में मुस्लिम रीति रिवाजो के साथ हुआ था.

कड़ी प्रतिक्रियाओं का भी किया सानिया ने सामना :

सानिया का शोएब संग निकाह को लेकर उन्हें कई लोगों से कड़ी प्रतिक्रियाएं भी मिली लेकिन उन्होंने किसी की परवाह नहीं की और हर जगह अपने पति का साथ दिया. पाकिस्तान के साथ ही इस शादी को लेकर भारत में भी लोगो ने बहुत गुस्सा भी दिखाया लेकिन प्लेयर ने भी भी बात की परवाह नहीं की.

कई लोगों ने उन्हें पाकिस्तान की बहू बताया और यंहा तक कह दिया कि उन्हें भारत की और से नहीं खेलने दिया जाना चाहिए. लेकिन सानिया ने इस तरह की बात पर ध्यान नहीं दिया और अपने खेल पर ध्यान दिया और वो भारत की तरफ से खेलती रहीं.

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सानिया मिर्ज़ा की फिटनेस का राज (Sania Mirza Fitness) :

टेनिस स्टार सानिया मिर्जा को आज भी कोर्ट में अपना पूरा दमखम दिखाते हुए देखा ही जाता है. इन सबके उनकी फिटनेस को वजह माना जाता है. यह बात तो हम सभी जानते ही हैं कि सानिया बेहद ही फिट हैं और नियमित रूप से जिम जाती हैं और एक्सरसाइज़ करती हैं.

सानिया मिर्ज़ा ने रचा इतिहास :

टेनिस प्लेयर सानिया मिर्ज़ा ने विबंलडन का खिताब जीत कर इतिहास रच दिया. वे आस्ट्रेलियन ओपन में हंगरी की पेत्रा मैंडुला को हराने के साथ ही किसी ग्रैंड स्लैम टूर्नामेंट के तीसरे राउंड में पहुँचने वाली भारत की पहली महिला खिलाड़ी बनी थीं. जिसके बाद सानिया मिर्ज़ा को साल 2014 में तेलंगाना का ‘ब्रांड अम्बेसडर’ बनाया गया.

सानिया मिर्ज़ा की खूबसूरती के भी कायल हैं लोग (Sania Mirza beautiful photos and videos) :

इस बात से इंकार नहीं किया जा सकता है कि सानिया जितना अच्छा खेल प्रदर्शन करती हैं उतनी ही वे खूबसूरत भी हैं. खूबसूरती के मामले में वे किसी बॉलीवुड एक्ट्रेस से कम नहीं हैं और अपने फोटोज और वीडियोज से सोशल मीडिया पर छाई ही रहती हैं.  

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