Sonia Gandhi Biography – इटली के छोटे से गाँव से गाँधी परिवार की बहू बनने तक…

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Sonia Gandhi Biography – दोस्तों आज के इस आर्टिकल में हम भारत की दिग्गज राजनीतिक हस्ती और कांग्रेस की पूर्व अध्यक्ष सोनिया गांधी (Sonia Gandhi) के बारे में बात करेंगे. दोस्तों सोनिया गांधी आज किसी पहचान की मोहताज नहीं है. सोनिया गांधी लंबे समय तक कांग्रेस की अध्यक्ष रही है. 21वीं शताब्दी में कांग्रेस को वापस से खड़ा करने का सबसे अधिक श्रेय सोनिया गांधी को ही जाता है. सोनिया गांधी के नेतृत्व में ही कांग्रेस ने साल 2004 में लोकसभा का चुनाव जीतकर सरकार बनाई थी.

दोस्तों सोनिया गांधी कौन है? (Who is Sonia Gandhi?) यह तो हम सभी जानते ही है, लेकिन सोनिया गाँधी को लेकर लोगों के मन में अक्सर कई सवाल उठते है. जैसे – सोनिया गांधी कहां की रहने वाली है? (Where is Sonia Gandhi from?), सोनिया गांधी शादी से पहले क्या करती थी?, (What did Sonia Gandhi do before marriage?), सोनिया गांधी के पिता कौन थे? (Who was father of Sonia Gandhi?), सोनिया गांधी का असली नाम (real name of sonia gandhi) क्या था?

आज के इस आर्टिकल में हम इन सभी सवालों के जवाब जानेंगे. साथ ही हम इस आर्टिकल में हम सोनिया गांधी के परिवार (Sonia Gandhi family), सोनिया गांधी की शिक्षा (Sonia Gandhi Education), सोनिया गांधी की प्रेम कहानी (sonia gandhi love story), सोनिया गांधी के राजनीतिक जीवन (Sonia Gandhi Political Life) और सोनिया गांधी की सम्पत्ति (Sonia Gandhi Property) सहित अन्य चीजों के बारे में बात करेंगे. तो चलिए शुरू करते है सोनिया गांधी का जीवन परिचय.

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सोनिया गांधी जीवनी (Sonia Gandhi Biography)

दोस्तों कांग्रेस की पूर्व राष्ट्रीय अध्यक्ष सोनिया गांधी का जन्म 9 दिसम्बर 1946 को इटली के लूसिआना शहर के कॉनट्रडा मैनी जिला के एक छोटे से गाँव में हुआ था. सोनिया गांधी का असली नाम (Sonia Gandhi real name) अन्टोनिया एड्विज अल्बीना मैनो है. सोनिया गांधी का धर्म (Sonia Gandhi Religion) रोमन कैथौलिक है.

सोनिया गांधी का परिवार (Sonia Gandhi family)

सोनिया गांधी के पिता का नाम (sonia gandhi father name) स्तेफेनो मैनो है. सोनिया की माता का नाम पाओला है. सोनिया की 2 बहने भी है. सोनिया गांधी के पति का नाम राजीव गाँधी है. 25 फ़रवरी 1968 को राजीव गाँधी और सोनिया गांधी की शादी हुई थी. राजीव गाँधी भारत के पूर्व प्रधानमंत्री है. उनकी मां इंदिरा गाँधी भी देश की पूर्व प्रधानमंत्री है. सोनिया गांधी के दो बच्चे है. सोनिया गांधी के बेटे का नाम राहुल गाँधी और बेटी का नाम प्रियंका गाँधी है.

सोनिया गांधी के पिता (Sonia Gandhi’s father)

जैसा कि हमने आपको बताया है कि सोनिया गांधी के पिता का नाम स्तेफेनो मैनो है. स्तेफेनो मैनो का कंस्ट्रक्शन का बिजनेस था. इनके पिता ने द्वितीय विश्व युद्ध में हिटलर की तरफ से सोवियत सेना के खिलाफ लड़ाई लड़ी थी. साल 1983 में सोनिया गांधी के पिता का निधन हो गया था.

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सोनिया गांधी की शिक्षा (Sonia Gandhi Education)

सोनिया गांधी ने अपनी स्कूली शिक्षा अपनी बहन मारिया के घर पर रहकर पूरी की है. सोनिया गांधी ने साल 1964 में कैम्ब्रिज के बेल एजुकेशनल ट्रस्ट लैंग्वेज स्कूल में दाखिला लिया. सोनिया गांधी अपनी पढ़ाई के दौरान उसी विश्वविद्यालय के रेस्तरां में एक वेट्रेस के रूप में काम किया करती थीं.

सोनिया गांधी की प्रेम कहानी (sonia gandhi love story)

वेट्रेस के रूप में काम करने के दौरान ही सोनिया गांधी की मुलाकात राजीव गाँधी से हुई थी. राजीव गाँधी उस समय वहां के ट्रिनिटी कॉलेज से इंजीनियरिंग कर रहे थे. कहा जाता है कि राजीव गाँधी को पहली नजर में ही सोनिया गांधी से प्यार हो गया था. राजीव गाँधी अक्सर उस रेस्तरां में जाया करते थे. इस दौरान दोनों के बीच करीबी बढ़ती गई. कहा जाता है कि उस समय तक सोनिया गांधी को पता नहीं था कि राजीव गाँधी भारत की प्रधानमंत्री इंदिरा गाँधी के बेटे है. कैंब्रिज में पढ़ने वाले एक भारतीय छात्र ने उन्हें सबसे पहले यह बात बताई थी. सोनिया-राजीव के रिश्ते को उनके परिवार ने भी स्वीकार लिया था और 25 फ़रवरी 1968 को इन्होने हिन्दू रीति-रिवाज से शादी कर ली.

शादी के सोनिया गांधी भारत में आकर रहने लगी. साल 1983 में सोनिया गांधी के भारतीय नागरिकता लेने को लेकर खासा विवाद हुआ था. सोनिया गांधी पर आरोप लगा था कि उन्होंने भारतीय नागरिकता लेने के लिए भारतीय कानून का उल्लंघन किया है. हालांकि तब प्रणब मुखर्जी ने सोनिया गांधी का बचाव करते हुए दलील दी थी कि 27 अप्रैल 1983 को सोनिया गांधी ने ईटालियन एम्बेसी में अपने इटालियन पासपोर्ट का आत्मसमर्पण कर दिया था.

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सोनिया गांधी का राजनीतिक सफ़र (Sonia Gandhi Political Journey)

सोनिया गांधी की शुरुआत में राजनीति में कोई दिलचस्पी नहीं थी, लेकिन मुसीबत के समय में वह हमेशा अपने परिवार के साथ खड़ी रही. वैसे तो सोनिया गांधी राजनीति में नहीं आना चाहती थी, लेकिन बाद में हालात ही कुछ ऐसे बने कि उन्हें राजनीति में आना पड़ा. सबसे पहले साल 1980 में राजीव के छोटे भाई संजय गांधी की प्लान क्रेश में मृत्यु हो गई. इसके बाद साल 1984 में सोनिया गांधी की सास इंदिरा गाँधी की हत्या हो गई. इसके बाद साल 1991 में सोनिया गांधी के पति राजीव गाँधी की भी हत्या हो गई. ऐसे में गाँधी परिवार से उस समय एक ही बड़ा चेहरा सोनिया गांधी बची थी.

राजीव गाँधी की मृत्यु के बाद सोनिया गांधी ने राजनीति में आने या प्रधानमंत्री बनने से इंकार कर दिया, जिसके बाद कांग्रेस की ओर से पीवी नरसिम्हा राव अगले पांच सालो के लिए प्रधानमंत्री बन गए. दूसरी तरफ सोनिया गाँधी अपने बच्चों के साथ भारत में ही रही. साल 1996 में हुए आम चुनाव में कांग्रेस पार्टी हार गई. इसके साथ ही पार्टी में विवाद भी होने लगे. ऐसे में पार्टी को बचाने के लिए कांग्रेस के वरिष्ठ नेताओं के आग्रह पर सोनिया गांधी ने साल 1997 में कांग्रेस की प्राथमिक सदस्य बनी. कांग्रेस में शामिल होने के 62 दिन बाद ही साल 1998 में सोनिया गांधी का अध्यक्ष बनाया गया. हालाँकि उस समय भी कांग्रेस के अंदर कुछ लोगों ने सोनिया गांधी के विदेशी मूल के होने के चलते सवाल खड़े किए. इस कारण कांग्रेस में 2 गुट बन गए. बाद में सोनिया गांधी का विरोध करने वालों ने कांग्रेस छोड़कर दूसरी पार्टी बना ली.

सोनिया गांधी ने साल 1999 में कर्नाटक की बेल्लारी और उत्तरप्रदेश की अमेठी लोकसभा सीट से चुनाव लड़ा. दोनों ही सीटों पर सोनिया गांधी की जीत हुई, लेकिन आम चुनाव में कांग्रेस की हार हुई. इसी के साथ अटल बिहारी वाजपेयी देश के प्रधानमंत्री बने. हालाँकि इसके बावजूद सोनिया गांधी ने हार नहीं मानी और अगले पांच सालों में कांग्रेस पार्टी को नए सिरे से खड़ा किया. यह सोनिया गांधी का ही कमाल था कि कांग्रेस ने साल 2004 में हुए आम चुनाव में अटल बिहारी वाजपेयी की नेतृत्व वाली भाजपा को हरा दिया और केंद्र में अपनी सरकार बनाई. सोनिया गांधी ने इस बार रायबरेली से चुनाव लड़ा और जीत हासिल की.

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लोकसभा चुनाव में कांग्रेस को मिली जीत के बाद लग रहा था कि सोनिया गांधी ही देश की अगली प्रधानमंत्री बनेगी. कांग्रेस पार्टी में भी ज्यादातर नेता यही चाहते थे, लेकिन दूसरी तरफ उनके विदेशी मूल का होने के कारण विपक्षी पार्टियों ने इसका विरोध करना शुरू कर दिया. कई लोगों का मानना था कि विदेशी मूल की होने के कारण सोनिया गांधी का प्रधानमंत्री बनना ठीक नहीं होगा. बीजेपी नेता सुषमा स्वराज ने तो अपने बाल मुडवाने तक की धमकी दे डाली थी. इन्हीं सभी चीजों को देखते हुए सोनिया गांधी ने प्रधानमंत्री बनने से इंकार कर दिया और मनमोहन सिंह को देश का प्रधानमंत्री बनाया गया.

साल 2009 में सोनिया गांधी के नेतृत्व में कांग्रेस पार्टी ने एक बार फिर आम चुनाव में बड़ी जीत हासिल की थी, जिसके बाद एक बार फिर से मनमोहन सिंह की सरकार बनी. कांग्रेस ने अपने दम पर 206 सीट हासिल की थी. इसी के साथ सोनिया गांधी लगातार तीसरी बार सांसद भी बनी. इसके बाद साल 2014 में भी सोनिया गांधी रायबरेली से जीतकर चौथी बार सांसद बनी लेकिन कांग्रेस पार्टी महज 44 सीटों पर सिमट गई और भाजपा को चुनाव में बहुमत मिला. इसी के साथ नरेन्द्र मोदी देश के प्रधानमंत्री बने. इसके बाद साल 2017 में सोनिया गांधी ने कांग्रेस के अध्यक्ष पद से इस्तीफा दे दिया और राहुल गाँधी कांग्रेस के अध्यक्ष बने. साल 2019 के लोकसभा चुनाव में भी सोनिया गांधी ने तो जीत हासिल की, लेकिन कांग्रेस पार्टी का प्रदर्शन कुछ ख़ास नहीं रहा. नरेन्द्र मोदी एक बार फिर देश के प्रधानमंत्री बने.

सोनिया गाँधी विवाद (Sonia Gandhi Controversy)

  1. अप्रैल 1983 में दिल्ली की मतदाता सूची में सोनिया गाँधी का नाम होने के चलते विवाद हो गया था. विपक्ष का आरोप था कि उन्होंने भारतीय कानून का उल्लंघन किया है, क्यूंकि उस समय उन्हें भारतीय नागरिकता प्राप्त नहीं हुई थी. हालाँकि बाद में प्रणब मुखर्जी ने इस मामले में सोनिया गाँधी का बचाव किया था.
  2. साल 2004 में सोनिया गाँधी के विदेश मूल का होने के चलते उनके प्रधानमंत्री बनने का खासा विरोध हुआ था. जिसके बाद ही सोनिया गाँधी ने प्रधानमंत्री बनने से इंकार कर दिया था और मनमोहन सिंह को देश का प्रधानमंत्री बनाया गया.
  3. सन 2006 में सोनिया गाँधी के खिलाफ ऑफिस ऑफ़ प्रॉफिट का विवाद सामने आया था, जिसके चलते उन पर लोकसभा में सांसद के पद से और राष्ट्रीय सलाहकार परिषद के अध्यक्ष पद से इस्तीफ़ा देने का दबाब डाला गया था. लेकिन मौजूद सरकार ने इसके कानून में फेरबदल कर दिए, जिससे सोनिया जी अपने पद पर विराजमान रही.
  4. नेशनल हेराल्ड मामले में सोनिया गांधी, उनके बेटे और पूर्व कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी सहित कई कांग्रेसी नेताओं पर भ्रष्टाचार के आरोप लगे हुए है.

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सोनिया गांधी की सम्पत्ति (Sonia Gandhi Property)

साल 2019 में लोकसभा चुनाव में दी गए हलफनामे के अनुसार सोनिया गांधी के पास उस समय करीब 12 करोड़ रूपए की सम्पत्ति थी.

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