Swami Prasad Maurya Biography – स्वामी प्रसाद मौर्य कौन है?, कैसा रहा उनका राजनीतिक सफ़र

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Swami Prasad Maurya Biography – दोस्तों आज के इस आर्टिकल में हम उत्तरप्रदेश के कद्दावर नेता और उत्तरप्रदेश की सरकार में पूर्व कैबिनेट मंत्री स्वामी प्रसाद मौर्य (Swami Prasad Maurya) के बारे में बात करेंगे. स्वामी प्रसाद मौर्य का नाम उत्तरप्रदेश के बड़े नेताओं में लिया जाता है. स्वामी प्रसाद मौर्य पांच बार विधान सभा के सदस्य रहे हैं. स्वामी प्रसाद मौर्य बसपा प्रमुख मायावती और भाजपा नेता योगी आदित्यनाथ की सरकार में मंत्री रहे है. स्वामी प्रसाद मौर्य ने योगी आदित्यनाथ मंत्रालय में श्रम, रोजगार और समन्वय के लिए कैबिनेट मंत्री के रूप में कार्य किया था.

दोस्तों स्वामी प्रसाद मौर्य कौन है? (Who is Swami Prasad Maurya?) यह तो हम सभी जानते ही है. आगे इस आर्टिकल में हम स्वामी प्रसाद मौर्य के परिवार (Swami Prasad Maurya’s family), स्वामी प्रसाद मौर्य की जाति (Caste of Swami Prasad Maurya), स्वामी प्रसाद मौर्य के राजनीतिक सफर (Political Journey of Swami Prasad Maurya), स्वामी प्रसाद मौर्य के विवाद (Controversies of Swami Prasad Maurya), स्वामी प्रसाद मौर्य की संपत्ति (Swami Prasad Maurya’s property) सहित अन्य चीजों के बारे में बात करेंगे. तो चलिए शुरू करते है स्वामी प्रसाद मौर्य का जीवन परिचय.

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स्वामी प्रसाद मौर्य जीवनी (Swami Prasad Maurya Biography)

दोस्तों उत्तरप्रदेश के कद्दावर नेता स्वामी प्रसाद मौर्य का जन्म 2 जनवरी 1954 को उत्तरप्रदेश के प्रतापगढ़ जिले के चकवड गाँव में हुआ था. वहीँ बात करें स्वामी प्रसाद मौर्य की जाति (Caste of Swami Prasad Maurya) की तो बता दे कि वह पिछड़ा वर्ग के बड़े नेता है और मौर्य समाज से आते हैं.

स्वामी प्रसाद मौर्य का परिवार (Swami Prasad Maurya’s family)

स्वामी प्रसाद मौर्य के पिता का नाम बदलू मौर्य है जबकि उनकी माता का नाम जगन्नाथी मौर्य है. स्वामी प्रसाद मौर्य की पत्नी का नाम शिवा मौर्य है. स्वामी प्रसाद मौर्य की बेटी (daughter of swami prasad maurya) का नाम संघमित्रा मौर्य है. संघमित्रा मौर्य बदायूं से भाजपा सांसद है. स्वामी प्रसाद मौर्य के बेटे (son of swami prasad maurya) का नाम उत्कृष्ट मौर्य है और वह भी राजनेता है.

स्वामी प्रसाद मौर्य की शिक्षा (Education of Swami Prasad Maurya)

स्वामी प्रसाद मौर्य ने अपनी स्कूली शिक्षा पूरी करने के बाद इलाहाबाद यूनिवर्सिटी में दाखिला लिया था. स्वामी प्रसाद मौर्य ने एमए और एलएलबी तक की पढ़ाई की है.

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स्वामी प्रसाद मौर्य का राजनीतिक सफर (Political Journey of Swami Prasad Maurya)

अपनी पढ़ाई के दौरान ही स्वामी प्रसाद मौर्य बसपा के संस्थापक रहे काशीराम के सम्पर्क में आ गए थे. उनके साथ ही वह गरीब, दलित और पिछड़ों को हक दिलाने की राजनीति करने लगे. स्वामी प्रसाद मौर्य ने अपने करियर की शुरुआत लोकदल से की थी. साल 1980 में स्वामी प्रसाद मौर्य युवा लोकदल इलाहाबाद के संयोजक बन गए. जून 1981 से सन 1989 तक महामंत्री के पद पर रहे. लोकदल के बाद स्वामी प्रसाद मौर्य जनता दल में शामिल हो गए. लोकदल और जनता दल के टिकट पर स्वामी प्रसाद मौर्य ने चुनाव भी लड़ा. स्वामी प्रसाद मौर्य साल 1991 में जनता दल के टिकट पर पहली बार विधायक बने.

साल 1996 में जब मायावती उत्तरप्रदेश की मुख्यमंत्री बनी तो स्वामी प्रसाद मौर्य बसपा में शामिल हो गए. साल 1996 में ही स्वामी प्रसाद मौर्य ने बसपा के टिकट पर डलमऊ सीट से विधानसभा का चुनाव लड़ा और जीतकर विधायक बने. इसके बाद साल 2002 में ही स्वामी प्रसाद मौर्य ने डलमऊ सीट से जीत हासिल की. साल 2007 में जब उत्तरप्रदेश में बसपा की लहर चल रही थी, तब स्वामी प्रसाद मौर्य डलमऊ से चुनाव हार गए. हालांकि मायावती ने स्वामी प्रसाद मौर्य को हारने के बाद भी अपनी कैबिनेट में मंत्री बनाया. इसके लिए स्वामी प्रसाद मौर्य को साल 2009 में कुशीनगर की पडरौना सीट से उपचुनाव लड़ाया गया और वह जीतकर विधायक बने. इसी के साथ स्वामी प्रसाद मौर्य की गिनती मायावती के करीबी नेताओं में होने लगी.

साल 2012 में हुए विधानसभा चुनाव में भी स्वामी प्रसाद मौर्य ने पडरौना सीट से चुनाव जीता, लेकिन प्रदेश में समाजवादी पार्टी की सरकार बनी और अखिलेश यादव मुख्यमंत्री बने. ऐसे में मायावती ने स्वामी प्रसाद मौर्य को बसपा के विधायक दल का नेता बनाया. साल 2016 में स्वामी प्रसाद मौर्य ने बसपा छोड़ दी और 8 अगस्त 2016 को भाजपा में शामिल हो गए. स्वामी प्रसाद मौर्य ने साल 2017 में हुए विधानसभा चुनाव में पडरौना सीट पर भाजपा के टिकट पर चुनाव लड़ा और जीतकर विधायक बने. इसी के साथ वह पांच साल तक योगी आदित्यनाथ की सरकार में मंत्री भी रहे. हालांकि साल 2022 में विधानसभा चुनाव से कुछ समय पहले ही स्वामी प्रसाद मौर्य ने योगीमंत्रिमंडल और भाजपा से इस्तीफा दे दिया.

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स्वामी प्रसाद मौर्य के विवाद (Controversies of Swami Prasad Maurya)

साल 2014 में स्वामी प्रसाद मौर्य ने हिन्दू देवी-देवताओं पर आपत्तिजनक टिप्पणी की थी. इस मामले को लेकर खासा विवाद भी हुआ था. इस मामले में अपर मुख्य दंडाधिकारी ने स्वामी प्रसाद मौर्य के खिलाफ गिरफ्तारी वारंट भी जारी कर दिया था.

स्वामी प्रसाद मौर्य की संपत्ति (Swami Prasad Maurya’s property)

एक वेबसाइट के अनुसार साल 2017 में विधानसभा चुनाव के दौरान स्वामी प्रसाद मौर्य ने बताया था कि उनके पास 23,70,203 रूपए की चल संपत्ति और 1,16,20,500 रूपए की अचल संपत्ति है.

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F&Q

Q – स्वामी प्रसाद मौर्य कौन है?

A – स्वामी प्रसाद मौर्य उत्तरप्रदेश के कद्दावर नेता और उत्तरप्रदेश की सरकार में पूर्व कैबिनेट मंत्री रहे है.

Q – स्वामी प्रसाद मौर्य का जन्म कब और कहाँ हुआ था?

A – स्वामी प्रसाद मौर्य का जन्म 2 जनवरी 1954 को उत्तरप्रदेश के प्रतापगढ़ जिले के चकवड गाँव में हुआ था.

Q – स्वामी प्रसाद मौर्य की बेटी का नाम क्या है?

A – स्वामी प्रसाद मौर्य की बेटी का नाम संघमित्रा मौर्य है. संघमित्रा मौर्य बदायूं से भाजपा सांसद है.

Q – स्वामी प्रसाद मौर्य की संपत्ति कितनी है?

A – 2017 में विधानसभा चुनाव के दौरान स्वामी प्रसाद मौर्य ने बताया था कि उनके पास 23,70,203 रूपए की चल संपत्ति और 1,16,20,500 रूपए की अचल संपत्ति है.

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