Mulayam Singh Yadav Biography – पत्नी के होते हुए भी अपनी कार्यकर्ता को दिल दे बैठे थे मुलायम

Mulayam Singh Yadav Biography - Wiki, Bio, Wife, Family, controversy, Net Worth

0

Mulayam Singh Yadav Biography – दोस्तों आज के इस आर्टिकल में हम भारतीय राजनीति के दिग्गज नेताओं में से एक और समाजवादी पार्टी के संस्थापक मुलायम सिंह यादव (Mulayam Singh Yadav) के बारे में बात करेंगे. मुलायम सिंह यादव पूर्व केंद्रीय मंत्री और उत्तरप्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री रहे है. मुलायम सिंह यादव की राजनीति का केंद्र भले ही उत्तरप्रदेश हो लेकिन देश की राजनीति में उनका बड़ा कद है. मुलायम सिंह यादव ने अपने कामों के जरिए लोगों के दिलों में अलग जगह बनाई है. हालांकि मुलायम सिंह यादव अपने राजनीतिक जीवन में कई बार विवादों में भी रहे है. कई बार वह अपने बयानों को लेकर सुर्खियां बटोर चुके है.

दोस्तों मुलायम सिंह यादव कौन है (Who is Mulayam Singh Yadav) यह तो हम सभी जानते ही है. आगे इस आर्टिकल में हम मुलायम सिंह यादव की पत्नी (Mulayam Singh Yadav Wife), मुलायम सिंह यादव के बच्चों (Mulayam Singh Yadav Children), मुलायम सिंह यादव के परिवार (Mulayam Singh Yadav Family), मुलायम सिंह यादव की शिक्षा (Mulayam Singh Yadav Education), मुलायम सिंह यादव के राजनीतिक करियर (Mulayam Singh Yadav Political Career), मुलायम सिंह यादव के विवादित बयान (Mulayam Singh Yadav controversial statement) सहित अन्य चीजों के बारे में बात करेंगे. तो चलिए शुरू करते है मुलायम सिंह यादव का जीवन परिचय.

lal krishna advani biography – साल 2005 में की थी सबसे बड़ी राजनीतिक चूक

मुलायम सिंह यादव जीवनी (Mulayam Singh Yadav Biography)

दोस्तों मुलायम सिंह यादव का जन्म 22 नवम्बर 1939 को उत्तरप्रदेश के इटावा जिले के सैफई गाँव में हुआ था. मुलायम सिंह यादव के पिता का नाम सुघर सिंह और माता का नाम मूर्ति देवी है. मुलायम सिंह यादव के पांच भाई-बहन भी है. जिनके नाम रतनसिंह, अभयराम सिंह, शिवपाल सिंह यादव, रामगोपाल सिंह यादव और कमला देवी है.

मुलायम सिंह यादव शिक्षा (Mulayam Singh Yadav Education)

मुलायम सिंह यादव ने अपनी स्कूली शिक्षा पूरी करने के बाद इटावा के के.के. कॉलेज से स्नातक और आगरा के भीमराव अंबेडकर कॉलेज से राजनीति शास्त्र में एमए की शिक्षा हासिल की है.

मुलायम सिंह यादव राजनीतिक करियर (Mulayam Singh Yadav Political Career)

साल 1954 में जब डॉ राम मनोहर लोहिया ने फरुखाबाद में बढे हुए नहर रेट के विरोध में आन्दोलन किया तो मुलायम सिंह यादव भी इस आन्दोलन में शामिल हो गए. उस समय मुलायम की आयु महज 15 वर्ष थी. इस आन्दोलन में भाग लेने के लिए मुलायम को गिरफ्तार भी किया गया था. मुलायम सिंह यादव पहली बार साल 1967 में विधानसभा के सदस्य चुने गए. यह चुनाव उन्होंने संयुक्त सोशलिस्ट पार्टी के टिकट पर लड़ा था. इसके बाद मुलायम सिंह यादव 1974, 1977, 1985, 1989, 1991, 1993, 1996, 2004 और 2007 में भी विधानसभा का चुनाव जीते और विधायक बने.

Indira Gandhi Biography : देश की पहली महिला प्रधानमंत्री इंदिरा गाँधी की जीवन गाथा

साल 1977 में मुलायम सिंह यादव को राज्य मंत्री बनाया गया. साल 1980 में मुलायम सिंह यादव कुछ समय के लिए लोक दल के अध्यक्ष भी रहे. साल 1982 में मुलायम सिंह यादव को उत्तर प्रदेश विधानसभा में नेता विपक्ष चुना गया. 5 दिसंबर 1989 को मुलायम सिंह यादव भारतीय जनता पार्टी के सहयोग से पहली बार उत्तरप्रदेश के मुख्यमंत्री बने. हालांकि भाजपा ने जब रामजन्मभूमि यात्रा शुरू की तो मुलायम सिंह और भारतीय जनता पार्टी के बीच दूरियां आ गई. मुलायम ने भाजपा की यात्रा को सांप्रदायिक करार दिया. 1990 में यूपी का सीएम रहने के दौरान मुलायम सिंह यादव ने विवादित बाबरी ढांचे को बचाने के लिए कारसेवकों पर गोली चलाने का आदेश दिया था, जिसमें 16 लोगों की जान चली गई थी और दर्जनों लोग घायल हुए थे. इस कारण भाजपा ने मुलायम की सरकार से समर्थन वापस ले लिया, लेकिन कांग्रेस ने समर्थन देकर उनकी सरकार को बचा लिया.

साल 1990 में मुलायम सिंह यादव चंद्रशेखर के साथ जनता दल में शामिल हो गए. मुलायम सिंह 24 जनवरी 1991 तक उत्तरप्रदेश के मुख्यमंत्री रहे. कांग्रेस द्वारा समर्थन वापस लेने के कारण उन्हें अपने पद से इस्तीफा देना पड़ा. इसके बाद साल 1992 में मुलायम सिंह यादव ने समाजवादी पार्टी की स्थापना की. इसके अगले साल 1993 में समाजवादी पार्टी (सपा) ने अपना पहला चुनाव बहुजन समाज पार्टी (बसपा) के साथ मिलकर चुनाव लड़ा था. इस चुनाव में सपा और बसपा के गठबंधन को जीत हासिल हुई. सपा ने 109 सीटों पर जीत हासिल की जबकि बसपा को 67 सीटों पर जीत नसीब हुई. हालांकि इस गठबंधन को पूर्ण बहुमत तो नहीं मिला, लेकिन जनता दल और कांग्रेस के समर्थन से मुलायम सिंह यादव एक बार फिर से मुख्यमंत्री बने.

मुलायम सिंह यादव 5 दिसंबर 1993 से 3 जून 1995 तक उत्तरप्रदेश के मुख्यमंत्री बने. बाद में बसपा द्वारा समर्थन वापस लेने के कारण मुलायम सिंह यादव की सरकार गिर गई थी. बसपा के समर्थन वापसी के ऐलान के बाद मुलायम सिंह की सरकार गिरना तय हो चुका था. ऐसे में मुलायम सिंह के समर्थक भड़क गए और मायावती के साथ चर्चित गेस्ट हाउस कांड हुआ था. उत्तरप्रदेश के मुख्यमंत्री पद से इस्तीफा देने के बाद मुलायम ने साल 1996 में मैनपुरी से लोकसभा का चुनाव लड़ा और जीत हासिल की. इसी के साथ मुलायम सिंह यादव केंद्र सरकार में रक्षा मंत्री भी बने.

Sardar Patel Biography – उस मीटिंग की कहानी, जिसके कारण प्रधानमंत्री नहीं बन सके सरदार

29 अगस्त 2003 को मुलायम सिंह तीसरी बार उत्तरप्रदेश के मुख्यमंत्री बने. वह 11 मई 2007 तक उत्तरप्रदेश के मुख्यमंत्री बने रहे. साल 2007 में हुए चुनाव में समाजवादी पार्टी को हार का सामना करना पड़ा और मायावती उत्तरप्रदेश की मुख्यमंत्री बने. इसके पांच साल बाद साल 2012 में हुए विधानसभा चुनाव में समाजवादी पार्टी को पूर्ण बहुमत मिला. इसके बाद मुलायम सिंह यादव ने अपने बेटे अखिलेश यादव को उत्तरप्रदेश का मुख्यमंत्री बना दिया. साल 2014 में मुलायम सिंह यादव ने लोकसभा चुनाव के दौरान दो सीटों आज़मगढ़, मैनपुरी से चुना लड़ा और दोनों ही सीटों पर जीत दर्ज की. हालांकि उनकी पार्टी की बुरी तरह से हार हुई.

मुलायम सिंह यादव परिवार (Mulayam Singh Yadav Family)

मुलायम सिंह यादव ने अपने जीवनकाल में दो बार शादियां की है. मुलायम सिंह यादव की पहली पत्नी (Mulayam Singh Yadav First Wife) का नाम मालती देवी है. मुलायम सिंह यादव की दूसरी पत्नी का नाम साधना यादव है. मुलायम सिंह यादव के दो बेटे है अखिलेश यादव और प्रतिक यादव. अखिलेश यादव, मुलायम की पहली पत्नी के बेटे है जबकि प्रतिक यादव साधना यादव के. अखिलेश यादव की पत्नी का नाम डिंपल यादव है जबकि प्रतिक यादव की पत्नी का नाम अपर्णा यादव है.

मुलायम सिंह यादव और साधना सिंह (Mulayam Singh Yadav and Sadhna Singh)

मीडिया रिपोर्ट के अनुसार साल 1982 के दौरान मुलायम सिंह यादव और साधना सिंह एक-दूसरे के करीब आए. उस समय मुलायम सिंह यादव एक बड़े नेता बन चुके थे जबकि साधना सिंह साधारण कार्यकर्ता थी. इसके अलावा मुलायम सिंह यादव और साधना सिंह उस समय शादीशुदा भी थे. साल 1988 में साधना सिंह ने एक बेटे प्रतिक को जन्म दिया. यह बेटा उन्हें उनके पहले पति चंद्र प्रकाश गुप्ता से हुआ था. हालांकि साल 1990 में चंद्र प्रकाश गुप्ता और साधना सिंह अलग-अलग हो गए. इसके बाद मुलायम सिंह यादव और साधना सिंह एक-दूसरे के और भी नजदीक आ गए. 90 के दशक में मुलायम और साधना की प्रेम कहानी की चर्चा राजनीतिक गलियारों में आम हो गई. हालांकि मुलायम के कद को देखते हुए कोई खुलकर बात नहीं करता.

Captain Amarinder Singh Biography – पाक महिला मित्र को लेकर विवादों में रहे है अमरिंदर सिंह

साल 1994 में प्रतीक यादव के स्कूल फॉर्म में पिता के नाम पर एमएस यादव और पते की जगह मुलायम सिंह यादव के ऑफिस का एड्रेस दिया हुआ था. यह भी कहा जाता है कि साल 2000 में प्रतीक के अभिभावक के रूप में मुलायम का नाम दर्ज हुआ था. साल 2003 में मुलायम की पहली पत्नी मालती का निधन हो गया. इसके बाद साधना सिंह चाहती थी कि मुलायम उन्हें सार्वजनिक रूप से अपनी पत्नी माने. लेकिन अखिलेश यादव के दबाव के कारण मुलायम राजी नहीं हुए. ऐसे में अमर सिंह ने इसमें महत्वपूर्ण भूमिका निभाई. साल 2007 में अमर सिंह ने सार्वजानिक रूप से मुलायम सिंह से आग्रह किया कि वो साधना सिंह को अपनी पत्नी के रूप में स्वीकार करे. इसके बाद मुलायम सिंह यादव ने साधना सिंह को अपनी पत्नी के रूप में स्वीकार किया. साथ ही प्रतिक यादव को अपने बेटे के रूप में स्वीकार किया. कहा जाता है कि इसके बाद से ही अखिलेश यादव अमर सिंह को पसंद नहीं करते थे.

मुलायम सिंह यादव के विवादित बयान (Mulayam Singh Yadav controversial statement)

साल 2012 में मुलायम सिंह यादव ने दिल्ली गैंग रेप (बलात्कार) की घटना के बाद बयान दिया था कि, ‘लड़के हैं, गलती हो जाती हैं.’ उनके इस बयान को लेकर खासा विवाद हुआ था.

एक और बलात्कार मामले के दौरान मुलायम सिंह ने फिर से एक विवादास्पद बयान दिया था, जिसके बाद संयुक्त राष्ट्र महासचिव ने उनके बयान को गलत बताया था.

साल 2014 में मुजफ्फरनगर दंगों को लेकर चल रहे तनाव के बीच एक सामूहिक कार्यक्रम किया था, जिसके कारण उन्हें आलोचनाओं का सामना करना पड़ा था.

साल 2015 में मुलायम सिंह यादव ने सामूहिक बलात्कारों को अव्यवहारिक बताते हुए कहा था कि, ‘एक महिला के साथ चार पुरुष रेप कर ही नहीं सकते हैं. ऐसा संभव ही नहीं है.’ उनके इस बयान के कारण उत्तर प्रदेश स्थित कुलपहर अदालत के न्यायिक मजिस्ट्रेट ने मुलायम सिंह के खिलाफ समन भेजते हुए बुलाया था.

Amit Shah Biography -भारतीय राजनीति के चाणक्य है अमित शाह, गृहमंत्री बनने के बाद किए महत्वपूर्ण…

मुलायम सिंह यादव नेट वर्थ (Mulayam Singh Yadav Net Worth)

मुलायम सिंह यादव ने साल 2019 में लोकसभा चुनाव लड़ा था और जीत हासिल की थी. नामांकन दाखिल करते समय मुलायम सिंह यादव ने शपथ पत्र में अपने पास 16 करोड़ 52 लाख 44 हजार 300 रुपये की चल-अचल संपत्ति की घोषणा की थी.

Leave A Reply

Your email address will not be published.