Amar Jawan Jyoti : क्या है अमर जवान ज्योति ? कब हुई शुरुआत ? कैसे जलती है निरंतर लौ ?

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What is Amar Jawan Jyoti ? Amar Jawan Jyoti History in Hindi –

अमर जवान ज्योति के बारे में शायद ही कोई ऐसा भारतीय होगा जिसे जानकारी नहीं होगी. साल 1971 में इस भारतीय स्मारक का निर्माण किया गया था, जिसे भारत-पाकिस्तान के बीच हुए युद्ध में शहीद हुए भारतीय सेना के जवानों की याद में बनाया गया था. इस स्मारक यानि ‘अमर जवान ज्योति’ को बनवाने में उस समय की प्रधानमंत्री इंदिरा गाँधी ने आर्थिक सहायता की थी.

बीते 50 सालों से भी अधिक समय से नई दिल्ली के इंडिया गेट की पहचान बन चुकी अमर जवान ज्योति का उद्घाटन 26 जनवरी 1972 को 23वें भारतीय गणतंत्र दिवस के मौके पर इंदिरा गाँधी के द्वारा किया गया था. तब से लेकर अब तक यह अमर जवान ज्योति निरंतर जल रही है. अमर जवान ज्योति एक भारतीय स्मारक है जहां हर गणतंत्र दिवस के मौके प्रार भारत के राष्ट्रपति से लेकर प्रधानमंत्री, और अन्य सेना प्रमुख पुष्पांजलि अर्पित करते हैं और भारत-पाकिस्तान के युद्ध में शहीद हुए सैनिकों को श्रद्धांजलि अर्पण करते हैं.

आज के इस आर्टिकल में हम अमर ज्योति संस्थान की शुरुआत कब और कैसे हुई ? अमर जवान ज्योति क्यों जलती रहती है? अमर जवान ज्योति क्या है ? अमर जवान ज्योति कितने घंटे चलती है ? अमर जवान ज्योति का पूरा इतिहास, अमर जवान ज्योति कहां पर है ? आदि के बारे में बात करने वाले हैं. तो चलिए जानते हैं अमर जवान ज्योति (#AmarJawanJyoti) के बारे में विस्तार से.

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अमर जवान ज्योति का इतिहास : History of Amar Jawan Jyoti :

बात उस समय की है जब पाकिस्तान और बांग्लादेश एक ही थे. उस समय देश की प्रधानमंत्री इंदिरा गाँधी थीं. पाकिस्तान के द्वारा यह मांग की जा रही थी कि उनकी राष्ट्रीय भाषा ‘उर्दू’ को बनाया जाए लेकिन बांग्लादेश यह बात मानने को तैयार नहीं था. वे चाहते थे कि उनकी राष्ट्रीय भाषा बंगाली हो.

जिसके बाद पाकिस्तान ने बांग्लादेश में कत्लेआम शुरू कर दिया, जिसे रोकने के लिए भारत की तरफ से पूर्वी पाकिस्तान (बांग्लादेश) में अपने सैनिक भेजे गए थे. इसके बाद 3 दिसम्बर 1971 से 16 दिसंबर 1971 तक इंडो-पाक युद्ध चलता रहा और इसमें हजारों भारतीय सैनिक शहीद हुए. लेकिन बांग्लादेश को पाकिस्तान से मुक्त करा दिया गया.

अमर जवान ज्योति का क्या महत्व है ? (significance of Amar Jawan Jyoti?)

साल 1971 में इस अमर जवान ज्योति स्मारक का निर्माण शुरू किया गया था, जिसके निर्माण में इंदिरा गाँधी ने आर्थिक सहायता की थी. भारतीय शहीद जवानों की याद में इस स्मारक का निर्माण किया गया था. भारतीय सैनिकों के शहीद होने का दुःख पूरे देश को था और इस समय में इंदिरा गाँधी के द्वारा शहीद स्मारक बनाने की बात सबके सामने रखी गई थी. जिसकी काफी सयाहना भी हुई थी.

बात करें अमर जवान ज्योति के महत्व की तो किसी भी सैनिक के शहीद होने से बड़ा दुःख कोई नहीं हो सकता है. यह ज्योति किसी भी सैनिक के शहादत की प्रतीक है. इसकी तुलना किसी भी अन्य चीज से नहीं की जा सकती है.

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अमर जवान ज्योति पर कौनसे प्रतीक मौजूद हैं ?

देश की राजधानी नई दिल्ली के राजपथ पर इंडिया गेट के नीचे अमर जवान ज्योति स्मारक का निर्माण किया गया था. स्मारक पर एक चबूतरा बनाया गया हैं जिसपर अमर जवान लिखा गया है. साथ ही स्मारक के ऊपर ‘L1A1’ आत्म-लोडिंग आटोमेटिक राइफल भी लगाई गई है और इसपर एक फौजी का हेलमेट लटकाया हुआ है. अमर जवान ज्योति स्मारक के आसपास चार कलश भी रखे हुए है और यहाँ स्थापना से लेकर अब तक चौबीस घंटे ज्योति जलती रहती है.

अमर जवान ज्योति क्या है ? (What is Amar Jawan Jyoti ?)

अमर जवान ज्योति एक भारतीय स्मारक है. जिसपर स्वर्ण अक्षरों में अमर जवान लिखा हुआ है. इस स्मारक पर साल 1971 से लेकर अब तक पूरे समय अग्नि प्रज्वलित रहती है. शुरुआत में इस ज्योति को एलपीजी (LPG) से जलाया जाता था लेकिन साल 2006 से इस ज्योति को सीएनजी (CNG) से जलाया जा रहा है.

अमर जवान ज्योति का विलय (Merger of Amar Jawan Jyoti) :

बीते 50 सालों से लगातार प्रज्वलित हो रही अमर जवान ज्‍योति को विलय किया जा रहा है. यह अमर जवान ज्योति अब तक नई दिल्ली के इंडिया गेट पर मौजूद थी जिसे अब विलय राष्‍ट्रीय युद्ध स्‍मारक स्थित अमर जवान ज्‍योति में किया जाएगा.

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