जनसंख्या क्या है ? जनसंख्या नियंत्रण क्या है ? जानें विस्तार से

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What is Population and What is Population Control ? –

बीते कुछ समय से देश में जनसंख्या (population) और जनसंख्या नियंत्रण (population control) को लेकर कई बार चर्चाएँ देखने को मिलती रही हैं. पहले जहाँ देश में बढती हुई आबादी को लेकर चर्चाएँ आम होती थीं तो वहीँ देश के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (prime minister narendra modi) ने बीते साल में ‘जनसंख्या विस्फोट’ (jansankhya visfot) शब्द का इस्तेमाल किया. जिसके बाद से ही देश की जनसंख्या और जनसंख्या नियंत्रण (population control) को लेकर फिर से कवायदें तेज हो गईं.

मालूम हो कि साल 1970 के दौरान जब देश में इमरजेंसी (emergency in India) लगाया गया था, तब जबरदस्ती परिवार नियोजन (family planning) कराया गया था जिसका अनुभव भी अच्छा नहीं रहा था. इस अनुभव के कारण ही राजनेता इस नियोजन का नाम तक ना के बराबर करते हैं. तब से ही देश में जनसंख्या नियंत्रण (population control) को लेकर बातें कम ही सुनाई देती हैं.

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लेकिन क्या सही मायने में आप जानते हैं कि जनसंख्या क्या है ? जनसंख्या नियंत्रण क्या है ? जनसंख्या नियंत्रण के उपाय क्या है ? जनसंख्या नियंत्रण का क्या मतलब है ? जनसंख्या नियंत्रण से जुड़ी सभी बातें विस्तार से :

what is the population ? What is population control? What are the measures of population control? What is meant by population control? Everything related to population control in detail:

जनसंख्या क्या है ? (What is Population?/meaning of polulation)

definition of population – जैसे कि जीव विज्ञान यानि बायोलॉजी में स्पेशल प्रजाति के अंत: जीव प्रजनन के संग्रह को जनसंख्या (population) कहा जाता है. ठीक उसी तरह से मनुष्यों के संग्रह को भी जनसंख्या ही कहा जाता है. जनसंख्या के अंतर्गत आने वाली सभी मनुष्य एक दुसरे का कुछ पहलू साझा करते हैं जो की संख्या के रूप में सभी के लिए अलग हो सकता है.

जनसंख्या के बारे में यह भी कह सकते हैं कि संख्या के यह अंतर काफी स्पष्ट होते हैं और इनके आधार पर किसी तरह का निर्धारण भी नहीं किया जा सकता है.

definition of population- दुसरे शब्दों में जनसंख्या की परिभाषा यह है कि जनसंख्या एक ही तरह की प्रजाति के जीवों की संख्या है. ये एक ही समय के दौरान एक ही तरह के भौगोलिक क्षेत्र में रहते हैं और संतान पैदा करने में सक्षम होते हैं. हालाँकि सभी जीव समान रूप से प्रजनन में सक्षम नहीं होते हैं और सभी में अनुवांशिक भिन्नता भी होती है.

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जनसंख्या नियंत्रण क्या है ? what is population control ?

आर्टिफीसियल तरीकों से जनसंख्या की वृद्धि दर (growth rate of population in india) में बदलाव करने को जनसंख्या नियंत्रण कहा गया है. कुछ समय पहले तक जनसंख्या को बढाने के लिए प्रयास किए जा रहे थे लेकिन अब कुछ समय से जनसंख्या पर नियंत्रण लगाने के प्रयास किए जा रहे हैं.

गौरतलब है कि 1950 से लेकर 1970 तक वैश्विक तौर पर जनसंख्या में वृद्धि देखने को मिली थी जिसके बाद पर्यावरण में बदलाव, गरीबी आदि पर कई बुरे प्रभाव देखने को मिले थे. जिसके चलते जनसंख्या नियंत्रण के लिए प्रयास किए गए थे.

जनसंख्या नियंत्रण के बारे में और बातें : More about population control :

1. साल 2018 के दौरान देश के करीब 125 सांसदों के द्वारा राष्ट्रपति से यह आग्रह किया गया था कि वे देश में दो बच्चों की नीति (two child policy in India) को जल्द से जल्द लागू कर दें.

2. साल 2016 के दौरान की बात करें तो भारतीय जनता पार्टी यानि बीजेपी के सांसद प्रह्लाद सिंह पटेल (prahalad singh patel) ने एक निजी सदस्य बिल (private member bill) पेश किया था, जिसके देश में जनसंख्या नियंत्रण पर ध्यान देने को लेकर बातें लिखी गई थीं.

3. यही नहीं साल 2015 के दौरान गोरखपुर (उत्तर प्रदेश) के सांसद योगी आदित्यनाथ (yogi adityanath) के द्वारा एक ऑनलाइन पोल का आयोजन किया गया था. इस ऑनलाइन पोल के दौरान उन्होंने पूछा था कि ‘क्या मोदी सरकार को जनसंख्या नियंत्रण के लिए किसी नई नीति का निर्माण किया जाना चाहिए?’

4. वहीँ आज हम देखें तो योगी आदित्यनाथ देश की सबसे अधिक आबादी यानि जनसंख्या वाले राज्य के मुख्यमंत्री हैं.

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5. देश को मिली आज़ादी के बाद अब तक करीब 35 बिल सांसदों के द्वारा पेश किए जा चुके हैं जिनमें संख्या पर रोकथाम करने या उसमें बदलाव करने के बारे में लिखा गया है. इन 35 बिलों में 15 बिल तो कांग्रेस सांसदों की तरफ से पेश किए गए हैं. जबकि अन्य दूसरी पार्टियों की तरफ से हैं.

6. जानकारों का जनसंख्या नियंत्रण (population control) को लेकर यह मानना है कि देश के लिए अपने ही नागरिकों की फैमिली की साइज़ पर केन्द्रीय कानून बना पाना संभव नहीं है.

7. साल 1994 के द्वारा जनसंख्या और विकास (population and development) की घोषणा को ध्यान में रखते हुए जब इंडिया ने अंतरराष्ट्रीय सम्मेलन में हस्ताक्षर किए गए थे तो उस दौरान परिवार के आकार के साथ ही दो प्रसव के बीच का समय निर्धारित करने के लिए अधिकार दंपत्ति को ही दिया गया था. यह भी जनसंख्या को कम करने का एक तरीका था.

8. देश के कई राज्यों के द्वारा अपने स्तरों पर छोटे परिवारों को प्रोत्साहित करने के लिए दंडात्मक प्रावधान लागू किए हुए हैं.

9. असम सरकार (Assam government) के द्वारा असम की जनसंख्या और महिला सशक्तिकरण नीति को लागू किए जाने का फैसला किया गया था. इसके अंतर्गत यह कहा गया था कि, असम राज्य के भीतर जनवरी 2021 से कोई भी दो से अधिक बच्चों वाला व्यक्ति सरकारी नौकरी के लिए पात्र नहीं होगा.

10. इसके अलावा भी देश के 12 राज्यों में भी प्रावधान देखने को मिलते हैं. जिनके अंतर्गत दो बच्चों की नीति को पूरा ना करने पर अधिकार से जुड़े परिबंध लगे हैं. इन प्रतिबंधों में पंचायत राज संस्थाओं के चुनाव को लड़ने को लेकर भी रोक लगाने का प्रावधान शामिल है.

11. यूनाइटेड नेशन के आर्थिक और सामाजिक मामलों के विभाग के द्वारा कुछ आंकड़े पेश किए गए थे. इन आंकड़ों के अनुसार यह कहा गया है कि इंडिया की पापुलेशन साल 2030 तक करीब 1.5 बिलियन हो जाएगी, जिसके बाद साल 2050 में यह संख्या करीब 1.64 बिलियन तक पहुंच जाएगी. जबकि चीन के बारे में UN ने जो आंकड़े दिए हैं उसके अनुसार चीन की आबादी साल 2030 तक करीब 1.46 बिलियन हो जाएगी.

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12. वहीँ आंकड़े यह भी कहते हैं कि विश्व की करीब 16 फीसदी आबादी देश में वैश्विक सतह क्षेत्र के केवल 2.45 फीसदी और जल संसाधनों के 4 फीसदी हिस्सो में रहती है.

13. पारिस्थितिकी तंत्र को ध्यान में रखकर जो आंकलन हुए हैं उनमें कई प्रजातियों के विलुप्त होने की बातें और संसाधनों में कमी की बातें सामने आई हैं. जिसके बाद से ही वैश्विक तौर पर जनसंख्या विस्फोट की बातें सुनने को मिल रही हैं.

14. इस मामले में जीव विज्ञान के स्पेशलिस्ट ईओ विल्सन का कहना है कि हर घंटें के दौरान करीब तीन प्रजातियां विलुप्ति की कगार पर पहुंच रही हैं. प्रथ्वी की कार्यप्रणाली के अंतर्गत हर वर्ष के दौरान 10 लाख प्रजातियों में से 1 प्रजाति विलुप्ति की कगार पर है. और यह भी साबित हो चुका है कि इंसान ही सामूहिक विनाश का एक कारक बन चुका है.

15. जनसंख्या नियंत्रण को लेकर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के अपने भाषण में यह कहा था कि समाज का लघु वर्ग अपने परिवारों को छोटा ही रखता है. वह ना केवल सम्मान का हक़दार है बल्कि वह जो कर रहा है वह देशभक्ति है.

16. इस मामले में भारतीय जनता पार्टी (BJP) के सांसद राकेश सिन्हा (rakesh sinha) के द्वारा भी जुलाई 2019 के द्वारा जनसंख्या विनियमन को लेकर एक निजी विधेयक पेश किया गया था. इस विधेयक में यह लिखा हुआ था कि, जनसंख्या विस्फोट हमारे देश के पर्यावरण के साथ ही प्राकृतिक संसाधनों को भी प्रभावित करेगा. इसके साथ ही यह आने वाली पीढ़ी के अधिकारों को भी सीमित कर देगा.

17. राकेश सिन्हा ने इस विधेयक में कहा कि सरकारी कर्मचारियों को चाहिए कि वे दो से अधिक बच्चे पैदा नहीं करें. इनके साथ जिन गरीब लोगों के दो से अधिक बच्चे हैं उन्हें सरकारी जन-कल्याणकारी योजनाओं से वंचित किए जाने का सुझाव दिया गया.

18. भारतीय जनता पार्टी के नेता अश्विनी कुमार उपाध्याय (ashwinin kumar upadhyay) ने पहले ही दिल्ली हाई कोर्ट में एक जनहित याचिका दायर की थी. इसके अंतर्गत जनसंख्या के नियंत्रण को लेकर एक कड़े कानून का निर्माण किए जाने की मांग की गई थी. हालाँकि दिल्ली उच्च न्यायालय (delhi high court) के द्वारा इस मामले को ख़ारिज भी कर दिया गया था. जिसके बाद मामला सुप्रीम कोर्ट (supreme court) में भेजा गया था.

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