What is Sharia Law – जानिए शरिया कानून या शरीयत कानून क्या है? कैसे है सजा के प्रावधान

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What is Sharia Law – दोस्तों जैसा कि हम जानते हैं कि भारत एक धर्मनिरपेक्ष राष्ट्र है. भारत में सभी धर्मों को समान रूप से देखा जाता है. भारत में सभी लोगों के लिए एक समान नियम बने हुए है. भारत में जो भी कानून बने हुए है उन्हें किसी विशेष धर्म को देखकर नहीं बनाया गया है. भारत के संविधान में सभी लोगों को पूरी आजादी के साथ अपना जीवन जीने की छुट दी गई है. हालांकि अगर कहीं कोई व्यक्ति गलत काम करता है तो उसे भारतीय संविधान के हिसाब से ही सजा भी दी जाती है.

दोस्तों आज के इस आर्टिकल में हम बात करेंगे शरीयत कानून या शरिया कानून के बारे में. दरअसल हमारे देश में अलग-अलग मौकों पर कई बार देश में शरीयत कानून या शरिया कानून लागू करने की मांग उठ चुकी है. इसके सबसे बड़े दो कारण है. पहला कारण तो यह है कि कुछ मुस्लिम संगठन या मुस्लिम कट्टरपंथियों की तरफ से ऐसी विवादित मांग उठाई जाती है या फिर कभी देश के कमजोर कानून और कम सजा की दुहाई के बीच शरीयत कानून या शरिया कानून लाने की बात की जाती है.

दरअसल हमारे देश का कानून इतना कठोर नहीं है. गुनहगार को सज़ा दिलाने में सालों लग जाते है. कई बार तो गुनहगार कानून की कमजोरियों का फायदा उठाकर बच भी जाते हैं. ऐसे में कई लोग मांग करते हैं कि अगर देश में शरीयत कानून या शरिया कानून आ गया तो अपराधियों पर लगाम लगेगी. आज इस आर्टिकल में हम जानेंगे कि शरीयत कानून क्या है? या शरिया कानून क्या है? (What is Sharia Law), शरिया कानून का क्या मतलब है? (What is meant by Sharia Law) और शरिया कानून के क्या नियम है? (What are rules of Sharia Law). तो चलिए शुरू करते है.

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शरिया कानून क्या है? (What is Sharia Law)

दोस्तों शरिया कानून या शरीयत कानून इस्ला‍मिक समाज के अंदर रहने के नियमों का एक समूह है. पूरी दुनिया में इस्लामिक समाज शरिया कानून के तहत संचालित किया जाता है. हालांकि शरिया कानून को लेकर कई तरह के मतभेद भी है. शरिया कानून में बताया गया है कि एक मुसलमान को किस तरह से अपनी सामाजिक, धार्मिक, राजनीतिक, आर्थिक और सांस्कृतिक जिंदगी को जीना है. इसके अलावा शरिया कानून में अपराध करने पर कठोर सजा देने का भी प्रावधान है.

भारत में शरीयत कानून (Sharia Law in India)

दोस्तों भारत में वैसे तो सभी धर्मों, जातियों के लोगों को जीने के समान अधिकार दिए गए हैं, लेकिन मुस्लिम धर्म को मानने वाले लोगों को घरेलू, पारिवारिक, शादी, तलाक, बच्चों, पति-पत्नी, माता-पिता से संबंधित मामलों का समाधान शरीयत के कानून के अनुसार निकालने का अधिकार दिया गया है. हालांकि अपराधी को सजा देने के लिए भारतीय कानूनों का ही पालन किया जाता है.

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शरीयत कानून कैसे बना (how sharia law was made)

मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार सातवीं शताब्दी में अरब में इस्लाम के प्रचार-प्रसार के साथ ही कुरान के नियम वहां रहने वाले कबिलाई समाज का संचालन करने लगे. इस तरह कुरान में उल्लेखित और अलिखित रीति-रिवाज को शरिया कानून या शरीयत कानून कहा जाता है.

शरीयत कानून में सजा के नियम (Punishment rules in Sharia law)

मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार शरिया कानून या शरीयत कानून में सजा ने नियम बहुत ही कठोर होते हैं. शरीयत कानून में बलात्कार को सबसे जघन्यतम अपराध माना जाता है. शरीयत कानून के तहत बलात्कार के अपराधी को सरेआम मौत की सजा दी जाती है. उसका सरेआम सर कलम कर दिया जाता है. शरिया कानून के अनुसार चोरी करने वाले व्यक्ति के हाथ काट दिए जाते हैं.

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इसके अलावा पत्नी के पति से संबंध ना रखने पर महिला को पत्थरों से तब तक मारा जाता है जब तक उसकी मौत ना हो जाए. महिला द्वारा पुरुष का अपमान करने पर महिला को 70-100 कोड़े मारने की सजा दी जाती है. सउदी अरब में राष्ट्रदोह के एक मामले में 37 लोगों का एक साथ सिर कलम करने की ख़बरें भी सामने आई थी. इसके अलावा सउदी अरब से ही ड्रग स्मगलिंक करने वाले को भी सरेआम सिर काट कर मार देने के खबरें भी सामने आ चुकी है.

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