Delta Plus Variant – कोरोना का डेल्टा प्लस वैरिएंट क्या है? कैसे बचें डेल्टा प्लस वैरिएंट से ?

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कोरोना (corona) की लहर देश में लगातार अपने नए रूप दिखा रही है. हालाँकि कोरोना के केसेस (corona cases) में कमी आ रही है लेकिन साथ ही इसके नए वैरिएंन्ट्स सामने आ रहे हैं जो चिंता बढ़ा रहे हैं. कोरोना की दूसरी लहर में एक नया कोरोना वैरिएंट डेल्टा प्लस (corona delta plus variant) सामने आया है.

यह वैरिएंट भी खतरनाक बताया जा रहा है. इसके पहले कोरोना का तेजी से फैलने वाला डेल्टा वैरिएंट (corona delta variant) सामने आया था जोकि अब डेल्टा प्लस वैरिएंट (corona delta plus variant) में तब्दील हो रहा है.

क्या आप जानते हैं कि यह कोरोना डेल्टा प्लस वैरिएंट क्या है ? कोरोना डेल्टा प्लस वैरिएंट कैसे बना है ? कोरोना डेल्टा प्लस वैरिएंट कितना खतरनाक है ? कोरोना डेल्टा प्लस वैरिएंट से कैसे बचा जाए ? यदि नहीं तो चलिए हम आपको बताते हैं इसके बारे में विस्तार से :

कोरोना डेल्टा प्लस वैरिएंट क्या है ? what is corona delta plus variant ?

डेल्टा प्लस वैरिएंट कोरोना के वायरस (corona virus) का एक नया रूप है. कोरोना डेल्टा प्लस वैरिएंट, कोरोना के डेल्टा वैरिएंट में आए बदलावों के कारण बना है. कोरोना का डेल्टा वैरिएंट (corona delta variant) यानि B.1.617.2 है जिसे सबसे पहले हमारे देश में पाया गया था. इसके बाद कुछ और देशों में भी इसके प्रभावों को पाया गया.

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इसके बाद जो कोरोना का डेल्टा प्लस वैरिएंट (corona delta plus variant) सामने आया है उसके स्पाइक प्रोटीन में K417N का बदलाव देखने को मिला है. कोरोना डेल्टा प्लस वैरिएंट को पहले B.1.617.2.1 ही कहा जाता था. इसके केस सबसे पहले यूरोप में देखे गए थे. स्पाइक प्रोटीन (Spike Protein) कोरोना का जरूरी हिस्सा है और इसके कारण ही हमारे शारीर में वायरस घुसता है और हमें इन्फेक्टेड करता है.

कोरोना डेल्टा प्लस वैरिएंट कैसे बना है ? How is the Corona Delta Plus variant made?

कोरोना का डेल्टा वैरिएंट (delta variant) यानि B.1.617.2 स्ट्रेन के म्यूटेशन के कारण ही कोरोना का डेल्टा प्लस वैरिएंट (corona delta plus variant) बना है. इस वैरिएंट को ही K417N कहते हैं. कोरोना के डेल्टा वैरिएंट (corona delta variant) में ही कुछ बदलाव हुए हैं और इसके कारण ही को नया वैरिएंट सामने आया है वह स्पाइक प्रोटीन की मदद से मानव के शरीर में प्रवेश करता है.

इस कारण शरीर में संक्रमण फैलता है. यह संक्रमण वायरस का ही एक हिस्सा है. वैरिएंट K417N म्यूटेशन की वजह से ही वायरस हमारे इम्यून सिस्टम (immune system) को चकमा देता है और इन्फेक्शन बढाता है.

कोरोना डेल्टा प्लस वैरिएंट कितना खतरनाक है ? How dangerous is the Corona Delta Plus variant?

कोरोना की दूसरी लहर के लिए डेल्टा वैरिएंट (delta variant) को ही जिम्मेदार बताया जाता है. पहले हमारे शरीर को कोरोना के डेल्टा वैरिएंट से ही खतरा था लेकिन अब इस डेल्टा वैरिएंट के विकसित रूप डेल्टा प्लस वैरिएंट से अधिक खतरा बताया जा रहा है. संभावना यह बताई जा रही है कि कोरोना की तीसरी लहर (corona 3rd wave) के पीछे कोरोना का डेल्टा प्लस वैरिएंट (corona delta plus variant) ही है.

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ऐसा इसलिए कहा जा रहा है क्योंकि एक्सपर्ट्स ने भी इसे लेकर चिंता जताई है. इस मामले में INSACOG के पूर्व सदस्य प्रोफेसर शाहिद जमील ने कहा है कि कोरोना का डेल्टा प्लस वैरिएंट (corona delta plus variant) हमारे इम्यून सिस्टम (immune system) के साथ ही वैक्सीन को भी चकमा दे सकता है.

सीधी भाषा में कहे तो जिस वैक्सीन को कोरोना को रोकने में सबसे अधिक कारगर बताया जा रहा है. यह डेल्टा प्लस वैरिएंट उस वैक्सीन को मात दे सकता है. इसलिए इसे काफी खतरनाक बताया जा रहा है.

इस मामले में प्रोफ़ेसर आगे अपनी बात रखते हुए कहते हैं कि वैक्सीन के भी इसके सामने फ़ैल होने की संभावना इसलिए है क्योंकि डेल्टा प्लस वैरिएंट (delta plus variant) में डेल्टा वैरिएंट (delta variant) की विशेषता होने के साथ ही K417N का म्यूटेशन भी मौजूद है.

कोरोना डेल्टा प्लस वैरिएंट से कैसे बचा जाए ? How to avoid Corona Delta Plus variant?

जैसा अभी तक हमें बताया गया था कि कोरोना से बचने के उपाय के लिए वैक्सीन लगाने के साथ ही सावधानियां बरतना बेहद जरुरी है. ऐसा ही डेल्टा प्लस वैरिएंट (corona delta plus variant) के लिए भी करने के लिए कहा जा रहा है. इस सावधानियों में मास्क का इस्तेमाल, हाथों की सफाई, सोशल डिस्टेंसिंग आदि का ध्यान रखना बेहद जरुरी है. इसके साथ ही काम होने पर ही घर से बाहर निकलना भी शामिल है.

डेल्टा प्लस वैरिएंट से जुड़ी और बातें : More about the Delta Plus variant:

1. डेल्टा वैरिएंट अब डेल्टा प्लस वैरिएंट (delta variant into delta plus variant) में तब्दील हो चुका है. इसके केसेस अब देश के कई हिस्सों से सामने आए हैं. देश के कई राज्यों जैसे महाराष्ट्र, तमिलनाडु, पंजाब और मध्य प्रदेश में इसके मरीज हैं.

2. केरल में एक 4 साल का बच्चा भी इस वैरिएंट से संक्रमित हो चुका है.

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3. डेल्टा वैरिएंट को कोरोना की दूसरी के दौरान एक्टिव देखा गया था. इसके बाद अब यह वैरिएंट डेल्टा प्लस वैरिएंट बन गया है और इसमें म्यूटेशन भी जुड़ चुका है. जिसे इम्यून सिस्टम और वैक्सीन (immune system and vaccine) को भी चकमा देने वाला बता रहे हैं.

4. कोरोना के इस काल में अब तक जितने वैरिएंट आए हैं उनमें डेल्टा वैरिएंट को सबसे खतरनाक बताया जा रहा है. इससे पहले आए अल्फ़ा वैरिएंट को खतरनाक माना गया था तो वहीँ यह डेल्टा प्लस उससे 60 प्रतिशत अधिक तेजी से फैलता है.

5. डेल्टा वैरिएंट से मिलते-जुलते कप्पा वैरिएंट (kappa variant) को भी खतरनाक बताया गया है. यह अधिक नहीं फैला है लेकिन यह भी वैक्सीन को चकमा दे सकता है.

6. डेल्टा वैरिएंट के दो म्यूटेशन हैं 452R और 478K, और ये दोनों ही इम्यून सिस्टम को चकमा देने में कामयाब हो सकते हैं. वैक्सीन की दोनों डोज़ लेने पर इसका प्रभाव देखा जा सकता है लेकिन एक डोज़ का इसपर असर कम है.

7. एक रिपोर्ट में यह बात सामने आई है कि वैक्सीन (corona vaccine) का पहला डोज़ डेल्टा वैरिएंट से 23 परसेंट सुरक्षा देता है और वहीँ दोनों वैक्सीन के डोज़ अल्फा वेरिएंट के खिलाफ 51 पर्सेंट सुरक्षा देते हैं.

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8. रिपोर्ट में ही यह भी कहा जाता है कि डेल्टा के वैरिएंट (delta variant) व्यक्ति को तेजी से बीमार करने में सक्षम है. डेल्टा से संक्रमित होने के बाद करीब 12 फीसदी लोग 3 से लेकर 4 दिनों में ही अधिक बीमार हो सकते हैं. पहले यह आंकड़ा 2 से 3 प्रतिशत ही था.

9. कुछ समय पहले तक कोरोना का वैरिएंट जिस देश से सामने आता था उस वैरिएंट को उसके नाम से ही जाना जाता था. लेकिन विश्व स्वास्थ्य संगठन यानि World Health Organisation (WHO) के द्वारा अब कोरोना के वैरिएंट्स को कई नाम दिए जा रहे हैं. जैसे : डेल्टा, कप्पा, अल्फा, बीटा, गामा (delta, kappa, alpha, beta, gamma) आदि.

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