300 साल पुराना है बाघंबरी गद्दी मठ का इतिहास, बलवीर गिरि गद्दी के नए मुखिया

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दोस्तों आज के इस आर्टिकल में हम बाघंबरी गद्दी मठ और मठ के नए उत्तराधिकारी महंत बलवीर गिरी के बारे में बात करेंगे. जैसा कि हम जानते है कि 20 सितंबर 2021 को अखिल भारतीय अखाड़ा परिषद के अध्यक्ष, निरंजनी अखाड़ा के सचिव और बाघंबरी गद्दी मठ के प्रमुख महंत नरेंद्र गिरि के निधन के बाद सामने आए उनके कथित सुसाइड नोट में उन्होंने अपने शिष्य बलबीर गिरि (Balbeer Giri) को अपना उत्तराधिकारी बनाया था.

दोस्तों आज के इस आर्टिकल के जरिए हम जानेंगे कि महंत बलवीर गिरी कौन है? (Who is Mahant Balveer Giri?), जिन्हें बाघंबरी गद्दी मठ का नया उत्तराधिकारी कहा जा रहा है. महंत बलवीर गिरी कहां के रहने वाले है? (Where is Mahant Balveer Giri from?) इसके अलावा हम जानेंगे कि बाघंबरी गद्दी मठ क्या है?  (What is Baghambari Gaddi Math?) और बाघंबरी गद्दी मठ के पास कितनी सम्पत्ति है? (Baghambari Gaddi Math Property)

बलवीर गिरि कौन है? (Who is Mahant Balveer Giri?)

बता दे कि बलवीर गिरि मूल रूप से उत्तराखंड के रहने वाले है. साल 2005 में उन्होंने संत बनने का फैसला किया था. वह 15 सालों तक महंत नरेंद्र गिरि के शिष्य रहे. महंत नरेंद्र गिरि ने बलवीर गिरि को हरिद्वार आश्रम का प्रभारी बनाया था.

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बलवीर गिरि को बनाया उत्तराधिकारी

बता दे कि किसी समय महंत नरेंद्र गिरि ने अपने दूसरे शिष्य आनंद गिरी को अपना उत्तराधिकारी चुना था, लेकिन जब बाद में दोनों के बीच विवाद हुआ तो महंत नरेंद्र गिरि ने उस वसीयत को रद्द कर दिया था. इसके बाद उन्होंने अपने कथित सुसाइड नोट में अपनी मृत्यु के लिए आनंद गिरी को जिम्मेदार ठहराते हुए बलवीर गिरि को अपना उत्तराधिकारी बनाया था.

बाघंबरी गद्दी मठ और निरंजनी अखाड़ा क्या है?  (What is Baghambari Gaddi Math and Niranjani Akhara)

बता दे कि निरंजनी अखाड़े की स्थापना करीब 900 साल पहले हुई थी जबकि बाघंबरी गद्दी मठ 300 साल पुरानी है. बाघंबरी गद्दी मठ और निरंजनी अखाड़ा के अंतर्गत देश में कई जगह मंदिर, आश्रम सहित अन्य गतिविधियां चलती रहती है. बाघंबरी गद्दी मठ और निरंजनी अखाड़ा के अधीन अरबों रुपए के सम्पत्ति है. बाघंबरी गद्दी मठ से जुड़े महत्वपूर्ण निर्णय मठ के महंत द्वारा लिए जाते है. किसी समय महंत नरेंद्र गिरि इसके प्रमुख थे और अब आनंद गिरी को इसका उत्तराधिकारी बनाया गया है.

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बाघंबरी गद्दी मठ और निरंजनी अखाड़े की सम्पत्ति (Bagambari Gaddi and Niranjani Akhara Monastery Property)

  1. प्रयागराज के अल्लापुर इलाके में बाघंबरी गद्दी और मठ है, जो करीब 5 से 6 बीघे जमीन में है. यहां निरंजनी अखाड़े के नाम एक स्कूल और गौशाला भी है. दारागंज में भी अखाड़े की जमीन है.
  2. प्रयागराज के संगम तट पर लेटे हुए हनुमान जी का मंदिर, बाघंबरी मठ का ही मंदिर है. जहां प्रयागराज और संगम आने वाले सभी श्रद्धालु मत्था जरूर टेकते हैं.
  3. प्रयागराज में 100 बीघा और मिर्जापुर के महुआरी में भी 400 बीघे से ज्यादा की जमीन बाघंबरी मठ के नाम है.
  4. मिर्जापुर के नैडी में 70 बीघा और सिगड़ा में 70 बीघा जमीन अखाड़े की है.
  5. सिर्फ प्रयागराज और इसके आसपास के इलाके में ही निरंजन अखाड़े के नाम करीब 300 करोड़ रुपए से अधिक की सम्पत्ति है.
  6. कुंभ नगरी उज्जैन और ओंकारेश्वर में निरंजन अखाड़े के पास 250 बीघा जमीन, आधा दर्जन मठ और दर्जनभर आश्रम है.
  7. कुंभ नगरी नासिक में भी निरंजन अखाड़े के पास 100 बीघा से अधिक जमीन, दर्जनभर आश्रम और मंदिर हैं.
  8. बड़ोदरा, जयपुर, माउंटआबू में भी निरंजन अखाड़े के पास करीब 125 बीघा जमीन सहित मंदिर और आश्रम है.
  9. हरिद्वार में भी दर्जनभर मठ-मंदिर निरंजन अखाड़े के अधीन है.
  10. इनके अलावा नोएडा, वाराणसी सहित देश के कई हिस्सों में निरंजन अखाड़ेकी जमीन, मंदिर और मठ है.
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