कौन थे शिवाजी गणेशन? जिन्हें कहा गया भारत का सबसे प्रभावशाली मेथड एक्टर

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Who was Sivaji Ganesan in Hindi –

हमारे देश में जब कभी मेथड एक्टिंग की बात होती है तो शिवाजी गणेशन (Method Actor Sivaji Ganesan) का नाम उन एक्टर्स की लिस्ट में शामिल हो ही जाता है. शिवाजी गणेशन ने अपनी एक्टिंग से लोगों के दिलों में एक अलग और अनूठी पहचान बनाई है. उनकी एक्टिंग की बदौलत ही उन्होंने नाम कमाया और इसके चलते ही गूगल ने भी अपने डूडल में उन्हें जगह दी और अपना डूडल शिवाजी गणेशन को समर्पित (Google Doodle of Sivaji Ganesan) किया.

शिवाजी गणेशन देश के सबसे प्रभावशाली एक्टर्स में से एक माने जाते हैं. आज के इस आर्टिकल में हम शिवाजी गणेशन कौन थे (Who was Sivaji Ganesan?) ? से लेकर शिवाजी गणेशन की बायोग्राफी (Sivaji Ganesan Biography), शिवाजी गणेशन का एक्टिंग की दुनिया में योगदान आदि के बारे में बात कर रहे हैं. तो चलिए जानते हैं शिवाजी गणेशन की जीवनी को करीब से.

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कौन थे शिवाजी गणेशन ? Who was Sivaji Ganesan ?

जैसा कि हम आपको पहले ही यह जानकारी दे चुके हैं कि शिवाजी गणेशन एक इंडियन मेथड एक्टर थे. और उनका नाम देश के सबसे प्रभावशाली एक्टर्स में शुमार है. उन्हें एक्टिंग करने का ऐसा शौक था कि इसके लिए उन्होंने काफी कम उम्र में ही घर भी छोड़ दिया था. एक्टिंग की दुनिया में अपने योगदान के लिए उन्हें दादा साहब फाल्के अवार्ड भी दिया जा चुका है.

शिवाजी गणेशन की बायोग्राफी (Sivaji Ganesan Biography) : 

मेथड एक्टिंग की दुनिया में नाम बनाने वाले शिवाजी गणेशन का जन्म 1 अक्टूबर 1928 (Sivaji Ganesan dob) के दिन हुआ था. भारत के राज्य तमिलनाडु के दक्षिणपूर्वी राज्य के विल्लुपुरम में जन्मे शिवाजी गणेशन ने बचपन से ही एक्टिंग में ही अपना करियर बनाने का सपना देखा था.

यही वजह रही कि उन्होंने 7 साल की उम्र में ही अपने घर को छोड़ दिया था और एक थिएटर ग्रुप को ज्वाइन कर लिया. यहाँ शामिल होने के बाद शिवाजी गणेशन ने कई भूमिकाओं में अभिनय करना शुरू कर दिया. इस दौरान उन्होंने बच्चों और महिलाओं के किरदार निभाना शुरू कर दिया.

साल 1945 के दौरान दिसम्बर माह के जब वे राजा शिवाजी के नाटकीय चित्रण में अभिनय कर रहे थे तब उन्होंने अपने नाम के साथ शिवाजी को भी जोड़ लिया और इस नाटक के बाद से ही उन्हें शिवाजी के नाम से ही पहचाना जाने लगा. शिवाजी गणेशन इस समय तक अभिनय की दुनिया में अपना नाम बना चुके थे.

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शिवाजी गणेशन ने अपना फिल्म करियर साल 1952 में फिल्म ‘पराशक्ति’ से शुरू किया था. इस फिल्म में ही उनके अभिनय को सराहना मिली और इसके बाद उन्हें कई फिल्मों में अपने अभिनय का जादू चलाते हुए देखा गया. उन्होंने 300 से भी अधिक तमिल फिल्मो (tamil actor Sivaji Ganesan) में अभिनय किया.

शिवाजी गणेशन को उनकी साफ़ आवाज, स्पष्ट संवाद और उत्कृष्ट अभिनय कौशल के लिए जाना जाता था. अपने प्रदर्शन के चलते ही उन्होंने इंटरनेशनल स्तर पर भी अपनी पहचान को कायम किया. उन्होंने एक फिल्म ‘पसमालर’ में काम किया जोकि साल 1961 में रिलीज की गई थी. यह फिल्म शिवाजी गणेशन की सबसे प्रसिद्ध फिल्मों में से एक रही.

शिवाजी गणेशन की 100वीं फिल्म को साल 1964 में प्रसारित किया गया था और इस फिल्म में 9 अलग-अलग भूमिकाएं निभाई थीं. इस फिल्म से उन्होंने खुद को साबित तो किया ही, साथ ही उनका हर किरदार भी लोगों के दिल में घर कर गया. साल 1960 में उन्हें फिल्म ‘वीरपांडिया कट्टाबोम्मन’ के लिए अंतरराष्ट्रीय फिल्म समारोह में सर्वश्रेष्ठ अभिनेता का पुरस्कार मिला था और ऐसा करने वाले वे पहले भारतीय कलाकार थे.

फ़्रांस के द्वारा शिवाजी गणेशन को साल 1995 में उनके सर्वोच्च सम्मान “शेवेलियर ऑफ़ द नेशनल ऑर्डर ऑफ़ द लीजन ऑफ़ ऑनर” से सम्मानित किया गया था. जिसके दो साल बाद यानि साल 1997 में भारत सरकार ने शिवाजी गणेशन को सिनेमा के सर्वोच्च पुरस्कार “दादा साहब फाल्के पुरस्कार” से सम्मानित किया था.

शिवाजी गणेशन ने राजनीति में भी अपना हाथ अजमाया और वे साल 1955 तक द्रविड़ आंदोलन की राजनीति में रहने के बाद साल 1961 में कांग्रेस से जुड़ गए. जिसके बाद साल 1982 में उन्हें संसद के ऊपरी सदन का सदस्य भी बनाया गया लेकिन कुछ मतभेदों के चलते उन्होंने साल 1987 में कांग्रेस का साथ छोड़ दिया और नई पार्टी ‘तमिल प्रोग्रेसिव फ्रंट’ की शुरुआत की. लेकिन इसमें कुछ अधिक हासिल नहीं होने के चलते उन्होंने राजनीति से अपने हाथ खींच लिए.

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शिवाजी के बारे में एक खास बात यह भी बता दें कि जब मिस्र के राष्ट्रपति कमल अब्देल नासिर ने भारत यात्रा की थी तब शिवाजी गणेशन एकमात्र ऐसे शख्स थे जिन्हें भारत के तत्कालीन प्रधानमंत्री जवाहरलाल नेहरू (Jawahar Lal Nehru) ने उनसे मिलने की अनुमति दी थी.

शिवाजी गणेशन का निधन (Sivaji Ganesan Death) :

लॉस एंजिल्स टाइम्स के द्वारा “दक्षिण भारत के फिल्म उद्योग के मार्लन ब्रैंडो” के रूप में शिवाजी गणेशन को वर्णित किया गया था. शिवाजी गणेशन का निधन 21 जुलाई 2001 को 72 साल की उम्र में हुआ था.

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