Yadadri Temple : तेलंगाना में बन रहा विशाल यदाद्री मंदिर, निर्माण में लगेगा 140 किलो सोना

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Sri Lakshmi Narasimha Swamy Temple or Yadadri  Tempke or Yadagirigutta temple Information in Hindi –

हमारे देश में मंदिरों के लिए लोगों के दिलों में एक अलग ही जगह बन चुकी है. चाहे हम बात राम मंदिर (Ram Temple) की कर लें या तिरुपति बालाजी (Tirupati Balaji) की, सभी मंदिरों के लिए लोगों में आस्था की कोई कमी नहीं है. ऐसा ही एक भव्य मंदिर और तैयार हो रहा है तेलंगाना में, जिसका नाम होगा ‘यदाद्री’ मंदिर (Yadadri Mandir). यह मंदिर देश के कई विशाल मंदिरों के जैसा बनाया जाने वाला है जिसमें श्री लक्ष्मी नरसिम्हा स्वामी विराजमान होंगे.

यदाद्री मंदिर के बारे में एक खास बात यह बता दें कि पिछले 100 सालों में कृष्णशिला यानि कि ब्लैक ग्रेनाइट स्टोन (Black Granite Stone) के द्वारा निर्मित किया जाने वाला यह विश्व का सबसे विशाल मंदिर बनने वाला है. इसके अलावा मंदिर से जुड़ी जो एक और खास बात है वह ये कि खूबसूरती के मामले में भी यह सभी को पीछे छोड़ने के लिए तैयार है.

आज के इस आर्टिकल में हम आपको यदाद्री मंदिर के बारे (Information of Yadadri Temple) में ही जानकारी दने वाले हैं और यदाद्री मंदिर से जुड़ी हर जानकारी आप तक पहुंचा रहे हैं. तो यदाद्री मंदिर के बारे में जानने के लिए बने रहिए हमारे साथ :

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1. सबसे पहले बात करें यदाद्री मंदिर के निर्माण (Yadadri Temple Construction) में लगने वाले खर्च के बारे में तो यदाद्री मंदिर प्रोजेक्ट के लिए तेलंगाना सरकार 1200 करोड़ रुपए खर्च (Yadadri Temple Budget) कर रही है. इस राशि में से करीब 1 हजार करोड़ रुपए तो मंदिर में लगाए जा चुके हैं.

2. यदाद्री मंदिर (Yadadri Mandir cost) को पूर्णरूप से शास्त्रों के अनुसार और हर बारीकी को ध्यान में रखते हुए बनाया जा रहा है. मंदिर के हर एंगल और पहलू पर पूरा ध्यान दिया जा रहा है.

3. मंदिर के निर्माण में करीब 140 किलो सोने (140 kg gold in Yadadri Mandir Nirman) का भी इस्तेमाल किया जा रहा है. यदाद्री मंदिर के गृर्भगृह की गुंबद को भी काफी विशाल बनाया जा रहा है और इस विमान गोपुरम यानि गुम्बद में 125 किलो सोना लगाया जा रहा है. जिसकी कीमत 60 से 65 करोड़ तक होगी.

4. जैसा कि हम आपको पहले ही यह बता चुके हैं कि इस यदाद्री मंदिर में ब्लैक ग्रेनाइट स्टोन का भी इस्तेमाल हो रहा है. और इन्हें कुछ इस तरह से लगाया जा रहा है कि करीब 1000 साल तक इनमे कोई खराबी नहीं आएगी.

5. तेलंगाना के यदाद्री भुवनगिरी जिले में मौजूद गुफा में भगवान ज्वाला नरसिंह, गंधभिरदा नरसिंह और योगनंदा नरसिंह की मूर्तियाँ है जिनका इतिहास 1000 साल से भी अधिक पुराना बताया जाता है. गुफा की ऊंचाई 12 फीट और लम्बाई 30 फीट बताई जाती है. भगवान नरसिंग का मंदिर यदाद्रीगुट्टा पहाड़ी पर 510 फीट की ऊंचाई पर है.

6. यदाद्री मंदिर निर्माण के बारे में बात करें तो इसे यदाद्री टेम्पल डेवलपमेंट अथॉरिटी (Yadadri Temple Development Authority) के द्वारा बनाया जा रहा है. जिसके चेयरमैन तेलंगाना के मुख्यमंत्री के चन्द्रशेखर राव (Telangana Chief Minister K Chandrasekhar Rao) हैं. उनके साथ इस अथॉरिटी में 17 मेम्बर्स भी हैं.

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7. मंदिर के निर्माण से पहले एक टीम के द्वारा दक्षिण में निर्मित वैष्णव सम्प्रदाय के मंदिरों पर स्टडी भी की गई, जिसके बाद ही यदाद्री के लिए एक कांसेप्ट बनाना शुरू किया गया. इसके लिए साल 2015 से ही आनंद साईँ ने डिजाईन का काम शुरू किया था.

8. यदाद्री के निर्माण से पहले यह निर्णय लिया गया था कि मौजूदा गर्भगृह को हाथ नहीं लगाया जाएगा, जबकि अन्य पूरे एरिया को पूरी तरह बदला जाएगा.

9. पत्थरों के इस्तेमाल के पहले ही राजस्थान और हैदराबाद की लैब्स में उनकी टेस्टिंग की गई. इसके बाद आन्ध्र में मौजूद एक जिले का सिलेक्शन किया गया क्योंकि इस जगह के पत्थर सस्टेनेबिलिटी के मामले में अच्छे साबित हुए.

10. मंदिर में नक्काशी के काम के लिए प्रोफेशनल्स को ही चुना गया है. ये ऐसे लोग हैं जो कई पीढ़ियों से यही काम कर रहे हैं. इस काम के लिए 500 लोगों का चयन किया गया है. इसके लिए एक टीम का गठन किया गया है. ये मंदिर में रहकर काम करेंगे और इसलिए इनके रुकने और खाने पीने का इंतजाम भी 4 वर्ष तक के लिए किया गया है.

11. यदाद्री मंदिर का निर्माण शुरू हो चुका है और इसके लिए पहले पिलर साल 2016 अप्रैल माह में डाला गया था. इस काम को पूरा करने के लिए टीम को 5 साल का टारगेट दिया गया है.

12. मंदिर में ब्लैक ग्रेनाइट को जोड़ने के लिए लाइम मोर्टार मैथड (lime mortar method) का उपयोग किया जा रहा है. इसके अंतर्गत गुड़, एलोवेरा, चूना, नारियल का जूट आदि के मिश्रण ने बनाया गया 10 हजार मीट्रिक टन लाइम मोर्टार का इस्तेमाल होगा. यह सीमेंट से कई गुना अधिक स्ट्रोंग होता है.

13. यदाद्री के लिए 6 गोपुरम यानि द्वार का निर्माण किया जा रहा है और हर द्वार के शिखर पर सोने के कलश की स्थापना होगी. यही नहीं यहाँ के आर्किटेक्चर में द्रविड़, पल्लव, चोल, चालुक्य और काकतीय सभ्यताएँ भी दिखाई देंगी.

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