History of Somnath Temple – मुस्लिम आक्रांताओं ने 6 बार तोड़ा, जानिए सोमनाथ मंदिर का इतिहास

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दोस्तों आज के इस आर्टिकल में हम हिन्दुओं के पवित्र धार्मिक स्थल सोमनाथ मंदिर के इतिहास (History of Somnath Temple) बारे में बात करेंगे. गुजरात प्रांत के काठियावाड़ क्षेत्र में समुद्र के किनारे सोमनाथ मंदिर को हिन्दू धर्म के पवित्र भगवान शिव के 12 ज्योतिर्लिंगों में से पहला माना जाता है. मान्यता है कि किसी समय चन्द्रदेव ने भगवान शिव को अपना स्वामी मानकर यहां पर तपस्या की थी. चन्द्रदेव का एक नाम सोम भी है. इसलिए इस स्थान का नाम सोमनाथ रखा गया.

धार्मिक मान्यताओं से अलग बात करें तो सोमनाथ मंदिर का अपना एक इतिहास रहा है. इतिहास में सोमनाथ मंदिर न जाने कितनी बार तोड़ा और बनाया गया. कितने ही मुस्लिम आक्रान्ताओं ने सोमनाथ मंदिर पर हमला किया. मंदिर की संपत्ति लूटी और मंदिर को नष्ट कर दिया. हालांकि हर बार मंदिर का खंडन होने के बाद इसका वापस से जीर्णोद्धार किया गया.

दोस्तों सोमनाथ मंदिर के इतिहास की बात करें तो उसको लेकर लोगों के मन में कई तरह के सवाल है. जैसे – सोमनाथ मंदिर कब बना था?, सोमनाथ मंदिर किसने बनवाया था?, सोमनाथ मंदिर पर सर्वप्रथम आक्रमण कब हुआ?, सोमनाथ मंदिर को कितनी बार लूटा गया?, सोमनाथ मंदिर को महमूद गजनवी ने कब लूटा था? इनके अलावा भी कई तरह के सवाल अक्सर लोगों के मन में आते हैं. इस आर्टिकल के जरिए हम इन्ही सवालों के जवाब जानेंगे.

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सोमनाथ मंदिर का इतिहास (History of Somnath Temple)

सोमनाथ मंदिर को लेकर मान्यता है कि ईसा के पूर्व से इस जगह पर मंदिर बना हुआ था. 649 ईस्वी में वैल्लभी के मैत्रिक राजाओं ने इसी जगह पर मंदिर का पुनर्निर्माण करवाया. मंदिर को लेकर हिन्दू धर्म के लोगों में गहरी आस्था थी. सोमनाथ मंदिर पर सबसे पहले हमला हुआ 725 ईस्वी में. उस समय सिन्ध के मुस्लिम सूबेदार अल जुनैद ने सोमनाथ मंदिर पर हमला कर दिया और मंदिर को तोड़ दिया. इसके बाद 815 ईस्वी में प्रतिहार राजा नागभट्ट ने मंदिर का पुनः निर्माण करवाया.

सोमनाथ मंदिर पर महमूद गजनवी का (Mahmud Ghaznavi attack on Somnath temple)

11वीं शताब्दी में एक अरब यात्री अल बरूनी भारत की यात्रा पर आए. जब उन्होंने सोमनाथ मंदिर को देखा तो वह इसकी भव्यता से बहुत प्रभावित हुए. उन्होंने अपनी यात्रा वृतान्त में सोमनाथ मंदिर की भव्यता और वैभव के बारे में बहुत कुछ लिखा. इससे प्रभावित होकर महमूद गजनवी ने सन 1025 में सोमनाथ मंदिर पर हमला कर दिया. महमूद गजनवी ने ना सिर्फ मंदिर को नुकसान पहुंचाया बल्कि मंदिर की सम्पत्ति लूट कर ले गया.

5000 लोगों ने दी जान

कहा जाता है कि महमूद गजनवी ने 5000 लोगों के साथ मिलकर सोमनाथ मंदिर पर आक्रमण किया था. उस समय मंदिर के अंदर लोग पूजा कर रहे थे. इसके अलावा जब आसपास के गांवों में रहने वाले लोगों को सोमनाथ मंदिर पर आक्रमण की खबर लगी तो वह भी मंदिर की सुरक्षा करने के लिए निहत्थे ही दौड़ पड़े. इस दौरान महमूद गजनवी ने हजारों निहत्थे लोगों को मरवा दिया.

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सोमनाथ मंदिर पर अलाउद्दीन खिलजी का हमला (Alauddin Khilji’s attack on Somnath temple)

हालांकि महमूद गजनवी के हमले के बाद भी सोमनाथ मंदिर का यश कम नहीं हुआ. गुजरात के राजा भीमदेव और मालवा के राजा भोज ने मिलकर एक बार फिर से सोमनाथ मंदिर का पुननिर्माण करवाया. साल 1297 में दिल्ली सल्तनत के सुल्तान अलाउद्दीन खिलजी ने गुजरात पर कब्ज़ा कर लिया. इसके बाद अलाउद्दीन खिलजी के सेनापति नुसरत खां ने एक बार फिर से सोमनाथ मंदिर को नष्ट करके सारी सम्पत्ति लूट ली.

सोमनाथ मंदिर पर मुजफ्फर शाह का हमला (Muzaffar Shah attack on Somnath temple)

नुसरत खां के आक्रमण के बाद हिन्दू राजाओं ने मिलकर एक बार फिर से सोमनाथ मंदिर का भव्य निर्माण करवाया. लेकिन साल 1395 में गुजरात के सुल्तान मुजफ्‍फर शाह की नजर सोमनाथ मंदिर पर पड़ गई और मुजफ्‍फर शाह ने सोमनाथ मंदिर को नष्ट करवाकर मंदिर की सारी सम्पत्ति लूट ली.

सोमनाथ मंदिर पर अहमद शाह का हमला (Ahmed Shah attack on Somnath temple)

मुजफ्‍फर शाह के हमले के बाद हिन्दू राजाओं ने मिलकर एक बार फिर से सोमनाथ मंदिर को खड़ा किया. लोगों की आस्था की बदौलत मंदिर ने जल्द ही भव्य रूप धारण कर लिया. हालांकि साल 1412 में मुजफ्‍फर शाह के बेटे अहमद शाह ने भी अपने पिता के पदचिन्हों पर चलते हुए सोमनाथ मंदिर को नुकसान पहुँचाया और मंदिर की सम्पत्ति लूट की.

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सोमनाथ मंदिर पर औरंगजेब का हमला (Aurangzeb attack on Somnath temple)

यह लोगों की आस्था का ही नतीजा था कि जब भी मंदिर पर हमला हुआ, उसके बाद इसे और भी भव्य तरीके से बनवाया गया. साल 1665 में सोमनाथ मंदिर पर औरंगजेब ने हमला करवाया और मंदिर को खंडित कर दिया. औरंगजेब के शासनकाल में सोमनाथ मंदिर को दो बार तोड़ा गया. हालाँकि इसके बावजूद लोगों की आस्था कम नहीं हुई और लोग यहाँ रोजाना आकर पूजा-पाठ करते थे. जब औरंगजेब को पता चला कि मंदिर टूटने के बाद भी लोग वहां पूजा करने के लिए आ रहे हैं तो औरंगजेब ने एक सैन्य टुकड़ी भेजकर लोगों को मरवा दिया.

सरदार वल्लभ भाई पटेल ने बनवाया सोमनाथ मंदिर (Sardar Vallabhbhai Patel built Somnath temple)

वर्तमान में जो सोमनाथ मंदिर है, उसे साल 1950 में देश के पहले गृहमंत्री सरदार वल्लभ भाई पटेल ने बनवाया था. दिसंबर 1995 को भारत के राष्ट्रपति शंकर दयाल शर्मा ने इसे राष्ट्र को समर्पित किया.

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