Ashok Gehlot Biography – अशोक गहलोत को क्यों कहते है राजनीति का जादूगर, जानिए कहानी

Ashok Gehlot Biography - Wiki, Bio, Family, Career, Wife, Education, Net Worth

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Ashok Gehlot Biography – दोस्तों आज के इस आर्टिकल में कांग्रेस के दिग्गज नेता और राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत (Ashok Gehlot) के बारे में बात करेंगे. अशोक गहलोत को राजस्थान की राजनीति का जादूगर (magician of politics) भी कहते है. अशोक गहलोत तीन बार राजस्थान के मुख्यमंत्री बन चुके हैं. साधारण परिवार में जन्में अशोक गहलोत का नाम आज देश के शीर्ष नेताओं में लिया जाता है. मुख्यमंत्री पद के अलावा अशोक गहलोत ने केंद्रीय मंत्री और कांग्रेस पार्टी में भी अलग-अलग पदों पर काम किया है.

दोस्तों अशोक गहलोत कौन है? (Who is Ashok Gehlot?) यह तो हम सभी जान ही चुके हैं. आगे इस आर्टिकल में हम अशोक गहलोत की जाति (Ashok Gehlot Caste), अशोक गहलोत के परिवार (Ashok Gehlot family), अशोक गहलोत की शिक्षा (Ashok Gehlot Education), अशोक गहलोत के राजनीतिक करियर (Ashok Gehlot Political Career), अशोक गहलोत के विवाद (Ashok Gehlot controversy) और अशोक गहलोत की नेट वर्थ (Ashok Gehlot net worth) सहित अन्य चीजों के बारे में बात करेंगे. तो चलिए शुरू करते है अशोक गहलोत का जीवन परिचय.

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अशोक गहलोत जीवनी (Ashok Gehlot Biography)

दोस्तों अशोक गहलोत का जन्म 3 मई 1951 को राजस्थान के जोधपुर में एक हिन्दू परिवार में हुआ था. जहाँ तक बात है अशोक गहलोत की जाति (Ashok Gehlot Caste) की तो बता दे कि अशोक गहलोत माली जाति से सम्बन्ध रखते हैं, जिनका राजस्थान की राजनीति में ज्यादा वर्चस्व नहीं है. इसके बावजूद अशोक गहलोत ने जाति की राजनीति के मिथक को तोड़ा और 3 बार राजस्थान के मुख्यमंत्री बने.

अशोक गहलोत का परिवार (Ashok Gehlot family)

अशोक गहलोत के पिता का नाम लक्ष्‍मण सिंह गहलोत था. अशोक गहलोत की पत्नी (Ashok Gehlot wife) का नाम सुनीता गहलोत है. अशोक गहलोत और सुनीता गहलोत की शादी 27 नवम्‍बर 1977 को हुई थी. अशोक गहलोत के बेटे (Ashok Gehlot son) का नाम वैभव गहलोत है. वैभव भी राजनीति में है. अशोक गहलोत की बेटी (Ashok Gehlot Daughter) का नाम सोनिया है.

अशोक गहलोत शिक्षा (Ashok Gehlot Education)

अशोक गहलोत ने राजस्थान की जोधपुर यूनिवर्सिटी से शिक्षा हासिल की है. अशोक गहलोत ने अपनी स्कूली शिक्षा पूरी करने के बाद विज्ञान और कानून में स्नातक की शिक्षा प्राप्त की है. इसके बाद अशोक गहलोत ने अर्थशास्त्र में परास्नातक की शिक्षा ली है.

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अशोक गहलोत का राजनीतिक करियर (Ashok Gehlot Political Career)

अशोक गहलोत उन नेताओं में से एक है जो समाज सेवा के जरिए राजनीति में आए है. अशोक गहलोत का बचपन से ही समाज सेवा की ओर रूझान था. साल 1971 में बांग्लादेश की मुक्ति संग्राम के दौरान अशोक गहलोत ने बांग्लादेशी शरणार्थियों के शिविर में जाकर लोगों की सेवा की. अशोक गहलोत ने साल 1968 से 1972 के बीच गाँधी सेवा प्रतिष्ठान के साथ सेवा ग्राम में काम किया. कहा जाता है कि अशोक गहलोत के समाज सेवा के भाव ने इंदिरा गाँधी भी प्रभावित हुई थी.

अशोक गहलोत ने अपने राजनीतिक करियर की शुरुआत कांग्रेस में छात्र संगठन एनएसयूआई (NSUI) से की. अशोक गहलोत ने अपने करियर में सबसे पहला चुनाव जोधपुर विश्वविद्यालय के छात्र संघ अध्यक्ष का लड़ा था. साल 1974 तक अशोक गहलोत राजस्थान NSUI के अध्यक्ष बन चुके थे. NSUI के बाद अशोक गहलोत यूथ कांग्रेस और सेवा दल में शामिल होते हुए कांग्रेस के मुख्य धारा में पहुँच गए.

अशोक गहलोत ने साल 1977 में पहली बार कांग्रेस के टिकट पर जोधपुर से विधानसभा चुनाव लड़ा, लेकिन चुनाव में उन्हें हार मिली. हालांकि इसके बाद भी अशोक गहलोत ने हार नहीं मानी और अगले कुछ सालों तक जोधपुर में घूम-घूमकर मतदाताओं से मिले. इसका परिणाम यह हुआ कि वह साल 1980 में वह जोधपुर से लोकसभा का चुनाव जीतकर सांसद बने.

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साल 1982 में अशोक गहलोत को इन्दोर गाँधी की सरकार में पर्यटन विभाग के उपमंत्री की जिम्मेदारी दी गई. इसके बाद अशोक गहलोत ने साल 1984, साल 1991, साल 1996 और साल 1998 में भी लोकसभा का चुनाव लड़ा और जीतकर सांसद बने. अशोक गहलोत ने इंदिरा गाँधी के बाद राजीव गांधी और नरसिम्हा राव के मंत्रिमंडल में भी मंत्री पद की जिम्मेदारी निभाई है. साल 1991 में अशोक गहलोत ने नरसिम्हा राव की सरकार में कपडा मंत्री रहते हुए कई सराहनीय कार्य किए.

साल 1999 में अशोक गहलोत ने जोधपुर के सरदारपुरा से विधानसभा चुनाव लड़ा और जीतकर विधायक बने. इस चुनाव में कांग्रेस पार्टी को बहुमत मिला और अशोक गहलोत को राजस्थान का मुख्यमंत्री बनाया गया. इसके बाद साल 2003 के विधानसभा चुनाव में कांग्रेस पार्टी को बहुमत नहीं मिला और अशोक गहलोत को विपक्ष में बैठना पड़ा. साल 2008 में कांग्रेस पार्टी एक बार फिर राजस्थान की सत्ता में आई तो अशोक गहलोत फिर से मुख्यमंत्री बने. लेकिन साल 2013 में एक बार फिर कांग्रेस प्रदेश की सत्ता से बाहर हो गई.

साल 2018 में हुए राजस्थान विधानसभा चुनाव में कांग्रेस पार्टी ने एक बार फिर से पूर्ण बहुमत से सरकार बनाई. साल 2018 में सचिन पायलट राजस्थान कांग्रेस के अध्यक्ष हुआ करते थे. ऐसे में उन्होंने मुख्यमंत्री पद के लिए अपना दावा ठोक दिया. हालांकि कांग्रेस के शीर्ष नेतृत्व ने एक बार फिर से अशोक गहलोत पर भरोसा जताया और उन्हें ही तीसरी बार राज्य का मुख्यमंत्री बनाया.

क्यों कहते है राजनीति का जादूगर

दरअसल अशोक गहलोत के पिता लक्ष्मण सिंह बेहतरीन जादूगर थे. वह देश में घूम-घूमकर जादू दिखाया करते थे. अशोक गहलोत भी अपने पिता के साथ घूमे और कई स्टेज पर जादू भी दिखाया. बाद में राजनीति में आने के बाद अशोक गहलोत ने जिस तरह से सफलता प्राप्त की, उसे देखकर ही उन्हें राजनीति का जादूगर कहा जाने लगा.

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अशोक गहलोत के विवाद (Ashok Gehlot controversy)

अशोक गहलोत एक ऐसे नेता है जो विवादों से दूर ही रहते है. हालांकि कई बार वह अपने बयानों को लेकर सुर्खियां बटौर चुके हैं.

एक बार अशोक गहलोत ने राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद के बारे में कहा था कि भाजपा ने जातीय समीकरण बैठाने के लिए उन्हें राष्ट्रपति बनाया है और आडवाणी साहब छूट गए.

साल 2020 में अशोक गहलोत के ‘विज्ञापन चाहते हो तो हमारी खबर दिखाओ’ वाले बयान को लेकर प्रेस काउंसिल ऑफ इंडिया ने स्वत: संज्ञान लिया था.

अशोक गहलोत ने एक बार अपनी ही पार्टी के नेता सचिन पायलेट पर तंज कसते हुए कहा था कि, ‘अच्छी इंग्लिश बोलना, हैंडसम दिखना, स्माइल देना ये काफी नहीं है, कमिटमेंट मायने रखता है.’

अशोक गहलोत नेट वर्थ (Ashok Gehlot net worth)

एक वेबसाइट के अनुसार अशोक गहलोत की कुल सम्पत्ति 37 करोड़ रूपए के करीब हो सकती है.

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