Balbir Singh Rajewal Biography – किसान नेता से लेकर मुख्यमंत्री उम्मीदवार तक, जानिए बलबीर सिंह राजेवाल का सफ़र

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Balbir Singh Rajewal Biography – दोस्तों आज के इस आर्टिकल में हम किसान नेता से राजनीतिक नेता बने बलबीर सिंह राजेवाल (Balbir Singh Rajewal) के बारे में बात करेंगे. बलबीर सिंह राजेवाल का किसान आंदोलन के दौरान खासा चर्चा में रहा था. बलबीर सिंह राजेवाल सहित अन्य किसान नेताओं के नेतृत्व में ही केंद्र सरकार द्वारा लाए कृषि कानूनों के विरोध में एक साल से भी अधिक समय तक किसान आंदोलन चला और इस आंदोलन के आगे केंद्र सरकार को भी झुकना पड़ा. किसान आंदोलन की समाप्ति के बाद बलबीर सिंह राजेवाल ने राजनीति में कदम रखा.

दोस्तों बलबीर सिंह राजेवाल कौन है? (Who is Balbir Singh Rajewal?) यह तो हम सभी जान ही चुके हैं. आगे इस आर्टिकल में हम बलबीर सिंह राजेवाल के इतिहास (balbir singh rajewal history), बलबीर सिंह राजेवाल के करियर (Balbir Singh Rajewal Career), बलबीर सिंह राजेवाल के परिवार (Balbir Singh Rajewal Family), बलबीर सिंह राजेवाल की राजनीतिक पार्टी (Balbir Singh Rajewal Political Party), बलबीर सिंह राजेवाल की नेट वर्थ (Balbir Singh Rajewal Net Worth) सहित अन्य चीजों के बारे में बात करेंगे. तो चलिए शुरू करते है बलबीर सिंह राजेवाल का जीवन परिचय.

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बलबीर सिंह राजेवाल जीवनी (Balbir Singh Rajewal Biography)

दोस्तों बलबीर सिंह राजेवाल का जन्म 20 अगस्त 1943 को पंजाब के लुधियाना के राजेवाल गाँव में एक किसान सिख परिवार में हुआ था. बलबीर सिंह राजेवाल के पिता का नाम आसा सिंह था. बलबीर सिंह राजेवाल के दो भाई भी है.

बलबीर सिंह राजेवाल शिक्षा (Balbir Singh Rajewal Education)

बलबीर सिंह राजेवाल ने अपनी स्कूली शिक्षा खन्ना के एक स्कूल से पूरी की है. इसके बाद बलबीर सिंह राजेवाल ने खन्ना के ही एक कॉलेज में दाखिला ले लिया. वहां से बलबीर सिंह राजेवाल ने B.com की शिक्षा हासिल की है.

बलबीर सिंह राजेवाल करियर (Balbir Singh Rajewal Career)

इंटरनेट पर मौजूद ख़बरों के अनुसार बलबीर सिंह राजेवाल पढ़ाई के बाद फौज में चले गए थे. इसके अलावा राजेवाल ने पंजाब के टेलीफोन विभाग में बतौर टेलेग्राफिस्ट के रूप में भी काम किया है. साल 1968 में बलबीर सिंह राजेवाल ने अपनी नौकरी छोड़ कर खेती करनी शुरू कर दी और दूसरी तरफ किसानों के संघर्ष में एक्टिव हो गए. साल 1972 में चंडीगढ़ में कुछ किसान समूहों ने मिलकर पंजाब खेतीबाड़ी यूनियन बनाई. बलबीर सिंह राजेवाल इस यूनियन के संस्थापकों में से एक थे. साल 1974 में जब किसानों पर दूसरे राज्य में गेहूं बेचने पर प्रतिबंध लगाया गया तो बलबीर सिंह राजेवाल ने उसके खिलाफ आंदोलन छेड़ दिया था.

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साल 1978 में पंजाब खेतीबाड़ी यूनियन (PKU) को राष्ट्रीय स्तर पर ले जाने के लिए इसका नाम बदलकर भारतीय किसान संघ (BKU) कर दिया गया और बलबीर सिंह राजेवाल को भारतीय किसान संघ का सचिव नियुक्त किया गया. भारतीय किसान संघ में रहते हुए बलबीर सिंह राजेवाल ने महेंद्र सिंह टिकैत, शरद अनंतराव जोशी और नारायण स्वामी जैसे किसान नेताओं के साथ काम किया.

साल 1988 में किन्ही कारणों से बलबीर सिंह राजेवाल ने भारतीय किसान संघ से अलग होने का फैसला लिया. इसके बाद भी बलबीर सिंह राजेवाल लगातार किसानों के लिए काम करते रहे. साल 2008 में भारतीय किसान यूनियन (राजेवाल) बना ली. साल 2013 में सूखे से पीड़ित किसानों को राहत दिलाने के लिए बलबीर सिंह राजेवाल ने भूख हड़ताल भी की थी. उनकी यह हड़ताल सफल रही.

साल 2020 में जब केंद्र सरकार तीन कृषि कानून लेकर आई तो कई किसान संगठनों ने इन कानूनों के खिलाफ प्रदर्शन करना शुरू कर दिया. इस आंदोलन में बलबीर सिंह राजेवाल और उनके गुट ने भी सक्रीय रूप से भाग लिया. बलबीर सिंह राजेवाल और अन्य किसान नेताओं के नेतृत्व में यह आन्दोलन एक साल से भी अधिक समय तक चला और अंत में केंद्र सरकार को किसानों की मांगे माननी पड़ी.

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बलबीर सिंह राजेवाल का राजनीतिक करियर (Balbir Singh Rajewal Political Career)

किसानों के लिए काम करते रहने के कारण बलबीर सिंह राजेवाल पंजाब के किसानों के बीच खासे लोकप्रिय रहे है. किसी समय आम आदमी पार्टी की तरफ से भी बलबीर सिंह राजेवाल को मुख्यमंत्री का चेहरा बनाये जाने की अफवाह मीडिया में आयी थी लेकिन अरविन्द केजरीवाल और राजेवाल ने इससे इंकार किया था. हालाँकि किसान आन्दोलन की सफलता के बाद पंजाब के 22 किसान संगठनों ने संयुक्त समाज मोर्चा नाम से एक नई राजनीतिक पार्टी का गठन किया और साल 2022 का पंजाब विधानसभा चुनाव लड़ने का निर्णय लिया. इस संगठन की तरफ से बलबीर सिंह राजेवाल को मुख्यमंत्री पद का उम्मीदवार घोषित किया गया था.

बलबीर सिंह राजेवाल के विवाद (Balbir Singh Rajewal controversy)

  1. बलबीर सिंह राजेवाल को साल 1974 में आंदोलन करने के चलते कई बार जेल जाना पड़ा था.
  2. बलबीर सिंह राजेवाल पर NRI लोगों से पैसा लेने का आरोप भी लग चुका है. जगजीत सिंह दल्लेवाल ने राजेवाल पर यह आरोप लगाते हुए कहा था कि, ‘कुछ लोग मुख्यमंत्री बनने के लिए बहुत उतावले हैं.’ इसके साथ ही दल्लेवाल ने NRI लोगों से किसी भी राजनितिक पार्टी को पैसा न देने की बात कही थी.

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बलबीर सिंह राजेवाल की नेट वर्थ (Balbir Singh Rajewal Net Worth)

एक वेबसाइट के अनुसार बलबीर सिंह राजेवाल के पास पंजाब के लुधियाना में अपने पैतृक गांव राजेवाल में 60 एकड़ जमीन है. इसके अलावा उनकी सम्पत्ति को लेकर फ़िलहाल कोई जानकारी उपलब्ध नहीं है.

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