History of Air India -जानें एयर इंडिया का इतिहास, कैसे टाटा एयरलाइन्स बनी एयर इंडिया?

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History of Air India in Hindi – दोस्तों एयर इंडिया कंपनी (Air India) के नाम से तो हम सभी अच्छे से वाकिफ हैं. एयर इंडिया को किसी समय टाटा ने शुरू किया था, जो आगे चलकर एक सरकारी एयरलाइन कंपनी (Government Airlines Company Air India) बन गई. करीब 68 साल बाद एअर इंडिया की टाटा ग्रुप के पास चली गई. सरकार ने फाइनेंसियल तौर पर कुछ ठीक नहीं होने के चलते एयर इंडिया को वापस बेच दिया, जहां  टाटा ने इसे खरीदने के लिए सबसे ज्यादा 18 हजार करोड़ रुपए की बोली लगाई थी.

दोस्तों जिस एयर इंडिया के बारे में जानने के लिए हर कोई आतुर हैं क्या आप उस कंपनी के बारे में कुछ जानकारी रखते हैं. कि यह कब शुरू हुई ? और इसका अब तक का सफ़र. यदि नहीं ! तो भी कोई बात नहीं क्योंकि आज हम आपको एयर इंडिया का इतिहास बताने जा रहे हैं. आज के इस आर्टिकल में हम एयर इंडिया के शुरू होने से लेकर, इसकी कहानी और अब तक इतिहास भी बताएँगे. तो चलिए जानते हैं एयर इंडिया का इतिहास क्या है? (what is the History of Air India ?)

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एयर इंडिया का इतिहास (History of Air India) :

सबसे पहले बात करें एयर इंडिया के जन्म की तो एयर इंडिया की शुरुआत अप्रैल 1932 (Foundation of Air India/Tata Airlines) में की गई थी. एयर इंडिया की स्थापना उद्योगपति जेआरडी टाटा के द्वारा की गई थी और इस कारण ही इस कंपनी का नाम भी एयर इंडिया नहीं बल्कि टाटा एयरलाइंस था.

हालाँकि जेआरडी टाटा ने जब पहली बार एयरप्लेन को उड़ाया था तब उनकी उम्र मात्र 15 साल ही थी और यह समय साल 1919 का था. जिसे बाद में टाटा ने पायलट का लाइसेंस भी लिया. उन्होंने तब ही एयरलाइन्स के क्षेत्र में काम करने का मन बनाया था. एयर इंडिया की पहली व्यावसायिक उड़ान 15 अक्टूबर को रही थी. इस दौरान टाटा एयरलाइन्स के पास सिंगल इंजन हैवीलैंड पस मोथ हवाई जहाज था और इस जहाज ने अहमदाबाद से कराची और फिर यहाँ से मुंबई की यात्रा की थी. लेकिन आपको यह जानकर काफी आश्चर्य भी होगा कि इस यात्रा में सवारियों के रूप में 25 किलो चिट्ठ‍ियां भेजी गई थीं.

दरअसल ब्रिटेन का राजसी विमान वाहक उस दौरान इम्पीरियल एयरवेज था और इसके द्वारा चिट्ठियां लंदन से कराची लाई गई थीं, इन चिट्ठियों को ले जाने का काम ही टाटा एयरलाइन्स के द्वारा किया गया था. इसके चलते टाटा एयरलाइन्स के लिए प्रथम व्यावसायिक वर्ष 1933 ही हुआ.

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टाटा एयरलाइन्स ने जब ढोई चिट्ठियां :

टाटा एयरलाइन्स (Tata Airlines) का नाम काफी तेजी से बढ़ा और इसके चलते ही एक साल के दौरान ही टाटा एयरलाइन्स के द्वारा 1 लाख 60 हजार मिल की उडान भरी गई. टाटा ने इस कंपनी को 2 लाख में खड़ा किया था और एक साल के टाटा एयरलाइन्स ने 155 पैसेंजर्स के साथ ही 11 टन से अधिक डाक भी पहुँचाने का काम किया. इसके काम को देखते हुए टाटा एयरलाइन्स के द्वारा नियमित डाक पहुँचाने का काम किया जाने लगा.

टाटा एयरलाइन्स को उस टाइम एक चिट्ठी के लिए महज चार आने दिए जाते थे. यहाँ तक की उस वक्त जो सरकार देश पर राज कर रही थी उसके द्वारा भी जेआरडी टाटा को किसी तरह की वित्तीय मदद नहीं की गई थी.

15 अक्टूबर 1962 के दिन जब एयर इंडिया की 30वीं बरसी मनाई जा रही थी उस दौरान भी प्लेन को जेआरडी टाटा ने ही उड़ाया था और यह सफ़र कराची से मुंबई का था. यही नहीं एयर इंडिया की 50वीं बरसी के दिन भी जेआरडी टाटा ने एयरप्लेन को कराची से मुंबई तक उड़ाया था.

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मिटटी के मकान से होता था टाटा एयरलाइन्स का संचालन :

जब टाटा एयरलाइन्स की शुरुआत हुई थी उस दौरान इसका संचालन मुंबई के जुहू इलाके के समीप ही मौजूद एक मिटटी के मकान से किया जाता था. यहाँ उस समय केवल एक मैदान ही था जिसका इस्तेमाल टाटा एयरलाइन्स के विमान रनवे के रूप में करते थे. यहाँ तक की जब बारिश का मौसम आ जाता था तो यह मैदान भी पानी से भर जाता था और विमानों को समस्या आती थी. 

उस समय टाटा एयरलाइन्स के पर छोटे सिंगल इंजन वाले 2 जहाज हुआ करते थे और इन्हें उड़ाने के लिए दो पायलट और तीन मैकेनिक भी थे. जब मैदान में पानी भर जाता था तो एयरलाइन्स का संचालन पूना से हुआ करता था.

एयर इंडिया का प्राइवेट कंपनी से सरकारी कंपनी बनने का सफ़र (Air India Become Government company) :

यह वह समय था जब भारत में द्वितीय विश्व युद्ध के बाद भारत फिर से एयरलाइन्स की शुरुआत करने में लगा हुआ था. इस दौरान ही सतत एयरलाइन्स सर्विस शुरू होने पर टाटा एयरलाइन्स का नाम एयर इंडिया (Tata Airlines to Air India) कर दिया गया और साथ ही इसे प्राइवेट से सरकारी कंपनी बना दिया गया. जब देश को साल 1947 में अंग्रेजों से आज़ादी मिल गई तो सरकार को एक नेशनल एयरलाइंस की भी जरूरत थी और इस समय एयर इंडिया उनके लिए सबसे अच्छा ऑप्शन था.

इसलिए एयर इंडिया में भारत सरकार के द्वारा 49 फीसदी हिस्सेदारी का अधिग्रहण किया गया. यही नहीं जब साल 1953 के दौरान भारत सरकार के द्वारा एक एयर कॉरपोरेशन एक्ट लाया गया तब उन्होंने टाटा ग्रुप से इस कंपनी में अपनी हिस्सेदारी को और भी बढ़ा दिया और इस तरह से एयर इंडिया एक सरकारी एयरलाइन कंपनी बन गई. हालांकि अब वापस एयर इंडिया टाटा के पास जाने वाली है.

एयर इंडिया का लोगो (Air India Logo) :

इस एयरलाइन्स का लोगो एक लाल रंग का उड़ता हुआ हंस है. इसके साथ ही आपको इस लोगो में ऑरेंज कलर के कोणार्क चक्र भी दिखाई देंगे. एयर इंडिया की खास पहचान इसका शुभंकर ‘महाराजा’ है जिसे पहली बार साल 1946 में देखा गया था.

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