PR Sreejesh Biography : भारतीय हॉकी टीम के मजबूत गोलकीपर पीआर श्रीजेश

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PR Sreejesh Biography in Hindi – 

हॉकी के क्षेत्र में भारतीय हॉकी टीम (Indian Hockey Team) काफी अच्छा प्रदर्शन कर रही है और देश का नाम रोशन करने में कोई कसर नहीं छोड़ रही है. हम भारतीय हॉकी टीम के एक सदस्य पीआर श्रीजेश (Parattu Raveendran Sreejesh) के बारे में आज बात करने जा रहे हैं. पीआर श्रीजेश का पूरा नाम परत्तु रविन्द्रन श्रीजेश है और वे भारतीय पुरुष फ़ील्ड हॉकी के खिलाड़ी (Parattu Raveendran Sreejesh is an Indian professional field hockey player) के रूप में खुद को स्थापित कर चुके हैं.

पीआर श्रीजेश (PR Sreejesh) भारत की तरफ से हॉकी खेलते है. वे हॉकी इंडिया लीग में उत्तर प्रदेश विजर्ड की तरफ से खेले हैं. पिछले काफी समय से यह ही देखने को मिल रहा है कि श्रीजेश भारतीय हॉकी टीम के एक मजबूत पिलर की तरह खड़े हुए हैं और टीम को मजबूत बना रहे हैं. वे ओलंपिक में (PR Sreejesh in Olympics) भी भारत को रिप्रेजेंट कर चुके है. खासकर टोक्यो ओलंपिक में जब भारतीय हॉकी टीम में कांस्य पदक जीता तो उसमें गोलकीपर पीआर श्रीजेश का महत्वपूर्ण योगदान रहा. 

आज के इस आर्टिकल में हम बात करने जा रहे हैं पीआर श्रीजेश की बायोग्राफी (PR Sreejesh Biography in hindi) के बारे में. इसके साथ ही आज पीआर श्रीजेश के खेल करियर (PR Sreejesh career) और उनसे जुडी खास बातों पर भी हम ध्यान देंगे. तो चलिए जानते हैं विस्तार से :

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1. पीआर श्रीजेश यानि परत्तु रविन्द्रन श्रीजेश का जन्म (Parattu Raveendran Sreejesh DOB) 8 मई 1986 को हुआ था. उनका जन्म केरल के एर्नाकुलम के किझक्कम्बलम गांव में हुआ था. वे एक किसान फैमिली से बिलोंग करते हैं. इस कारण उनका ध्यान खेल की तरफ ना होकर खेती की तरफ अधिक रहा है.

2. शुरुआत में पीआर श्रीजेश (PR Sreejesh Hockey) का ध्यान हॉकी की तरफ बिलकुल भी आकर्षित नहीं होता था लेकिन युवा होने के साथ ही उन्हें एथलेटिक्स ने अपनी तरफ खींचा और वे इस ओर अपना ध्यान लगाने लगे. जिसके बाद में श्रीजेश ने तिरुवनंतपुरम के जीवी राजा स्पोर्ट्स स्कूल में खेलों में भाग लेना शुरू कर दिया.

3. पीआर श्रीजेश ने इस दौरान ना केवल स्प्रिंट बल्कि लंबी कूद और वॉलीबॉल में भी हिस्सा लेना शुरू कर दिया. इतना कुछ करने के बाद भी पीआर श्रीजेश के कोच ने उन्हें हॉकी के लिए मनाया और उन्हें हॉकी की तैयारी करवाना शुरू कर दिया.

4. हॉकी के खेल की शुरुआत करने के दौरान उनके कोच जयकुमार और रमेश कोलप्पा थे. दोनों ने पीआर श्रीजेश में कई स्किल्स देखे और यह समझ लिया था कि एक दिन पीआर श्रीजेश हॉकी में बड़ा नाम बना सकते हैं. इसके बाद ही दोनों कोच ने उनके हॉकी के खेल को नेक्स्ट लेवल पर ले जाने का फैसला कर लिया था.

5. पीआर श्रीजेश एक इंटरव्यू में यह कह चुके हैं कि उनके दोनों कोचों का उन्हें हॉकी सिखाने में बहुत योगदान रहा है. उन्होंने श्रीजेश को हॉकी में ध्यान लगाने के बारे में और खेल को गम्भीरता से खेलने के बारे में प्रशिक्षण दिया.

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6. वे अपनी बात में ही यह भी कह चुके हैं कि उनके गुरु ने ही उन्हें यह बताया था कि टीम में गोलकीपर (PR Sreejesh goalkeeper in Indian professional field hockey) का काम कभी भी श्रेय नहीं पाता है लेकिन उसका काम किसी भी टीम की हार और जीत के बीच एक अंतर जरुर ला सकता है. पीआर श्रीजेश ने अपने गुरु की इस बात को गांठ बांध लिया और आज हम सभी यह बात जानते ही हैं कि श्रीजेश भारतीय टीम के स्टार गोलकीपर (Indian Hockey Team Goalkeeper PR Sreejesh) बनकर देश का नाम रोशन कर रहे हैं.

7. पीआर श्रीजेश ने हॉकी में अपना खेल दिखाना शुरू कर दिया था लेकिन उनकी लाइफ में मोड़ आया साल 2012 के दौरान. इस समय भारतीय हॉकी टीम लंदन ओलंपिक से वापस आ चुकी थी. उनका प्रदर्शन काफी खराब रहा था और ओलंपिक में भारतीय टीम सभी मैचों में खराब प्रदर्शन कर चुकी थी.

8. जिसके बाद भारतीय हॉकी टीम मैनेजमेंट के द्वारा कई सीनियर खिलाडियों को टीम से बाहर कर दिया गया और नेक्स्ट ओलंपिक (PR Sreejesh in olympics) के लिए युवा खिलाडियों को चुना था. इन खिलाडियों में सरदार सिंह, मनप्रीत सिंह, वीआर रघुनाथ, बीरेंद्र लकड़ा, एसवी सुनील, रूपिंदरपाल सिंह और पीआर श्रीजेश का नाम शामिल था.

9. टीम में इस बदलाव ने प्रदर्शन के मामले में भी सबको चौंका दिया था. टीम ने साल 2014 में एशियाई खेलों (Asian Games 2014) के दौरान गोल्ड मैडल हासिल कर भारत के 16 साल के इंतजार को खत्म किया था. इसके साथ ही साल 2015 के दौरान भारतीय हॉकी टीम ने एफआईएच हॉकी विश्व लीग फाइनल में भी अच्छा प्रदर्शन किया और कांस्य पदक को अपने नाम किया. बीते 33 सालों में भारतीय हॉकी टीम का यह पहला इंटरनेशनल अवार्ड था.

10. इसके बाद से हॉकी टीम में लगातार कई सुधार देखने को मिले और साल 2016 में रियो ओलंपिक (Rio Olympics 2016 PR Sreejesh) के दौरान टीम क्वार्टर फाइनल तक पहुंचने में कामयाब हुई. जीत का श्रेय पीआर श्रीजेश को दिया गया क्योंकि मैचों के दौरान कई ऐसे मौके आए जब स्टार गोलकीपर ने टीम को मुश्किल घड़ियों से बाहर निकाला.

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11. जब ग्लासगो में भारतीय हॉकी टीम ने साल 2014 के कॉमनवेल्थ गेम्स में रजत पदक जीता था तब भी वे इस टीम का हिस्सा थे. इसके साथ ही वे कुछ समय के लिए टीम के कप्तान भी बने थे. साल 2016 में रियो ओलंपिक के दौरान भी टीम की कमान उन्हें ही सौंपी गई थी. 

12. साल 2015 के दौरान पीआर श्रीजेश को हॉकी में उनके योगदान के लिए अर्जुन पुरस्कार (PR Sreejesh Arjun Award) से सम्मानित किया गया और इसके बाद साल 2017 के दौरान उन्हें पद्मश्री (PR Sreejesh Padma Shri) से सम्मानित किया गया था.

13. पीआर श्रीजेश हमेशा अपनी टीम के लिए एक दीवार की तरह खड़े रहे हैं और हमेशा टीम का अपनी कुशलता के साथ साथ दिया है. वे साल 2006 से ही भारतीय हॉकी टीम के नियमित सदस्य भी बने हुए हैं.

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