Savita Punia Biography – महिला हॉकी टीम की दीवार कहलाती हैं सविता पुनिया

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Savita Punia Biography in HIndi –

भारतीय महिला हॉकी टीम का अहम हिस्सा बन चुकी सविता पुनिया (Savita Punia is an Indian field hockey player) आज अपने खेल से ही पहचानी जाती हैं. वे वुमन हॉकी टीम (Indian Hockey Team) में बतौर गोलकीपर भागीदारी निभा रही हैं और उन्हें उनके खेल को देखते हुए ‘wall of Indian womens Hockey team’ भी कहा जाता है.

सविता पुनिया को हर परिस्थिति में भारतीय महिला हॉकी टीम (Indian women’s hockey team) के साथ मजबूती से खड़ा देखा जाता है और इसलिए ही उन्हें यह नाम भी दिया गया था. ओलंपिक में सविता पुनिया (Savita Punia In Olympics) का खेल प्रदर्शन भी काफी शानदार रहा है.

सविता पुनिया (Savita Punia) को काफी धैर्यवान भी माना जाता है क्योंकि वे गोल की स्थिति में पहले सिचुएशन को अच्छे से समझ लेती हैं और उसके अनुसार ही कोई भी कदम उठाती हैं, अधिकतर मौकों पर सविता के फैसले सही भी साबित होते हैं.

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आज के इस आर्टिकल में हम सविता पुनिया के जीवन से जुड़े सभी किस्सों के बारे में बात करने जा रहे हैं. हम आज बात करेंगे सविता पुनिया की बायोग्राफी (Savita Punia Biography in Hindi) और सविता पुनिया के खेल करियर (Savita Punia Career) के बारे में. तो चलिए जानते हैं-

1. सविता पूनिया का जन्म (Savita Punia date of birth) 11 जून 1990 को हरियाणा में हुआ था. वे भारतीय वुमन हॉकी टीम (Indian women’s hockey team) का हिस्सा हैं और हरियाणा से महिला हॉकी की खिलाडी के रूप में अपना खेल दिखा रही हैं.

2. वे महिला हॉकी टीम में एक गोल कीपर (goalkeeper of the India national field hockey team) हैं और साल 2016 के ग्रीष्मकालीन ओलंपिक खेलों का हिस्सा भी रह चुकी हैं.

3. सविता को बचपन से ही हॉकी का शौक रहा है और उन्हें हॉकी खेलने के लिए उनके दादा जी महिंद्र सिंह ने हमेशा ही प्रेरित किया. जब सविता स्कूल में थीं तब उनके स्कूल के खेलों में एक खेल हॉकी भी था और उन्हें यह खेल काफी पसंद था. सविता इस बारे में कहती हैं कि उन्हें दादा को हॉकी का खेल पहुत प्रिय था, यदि ऐसा नहीं होता तो वे आज शायद जूडो या बैडमिंटन खेल का हिस्सा होतीं.

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4. सविता पुनिया (Savita Punia) की मां का निधन साल 2001 के दौरान हो गया था. और इस कारण घर के अधिकतर काम उन्हें ही करना पड़ते थे. उनकी मां जब बीमार थीं उस दौरान सविता ने पूरे घर की जिम्मेदारी अपने कंधों पर उठा ली थी.

5. उनके दादाजी खुले विचारों वाले थे और हमेशा यही चाहते थे कि सविता देश के लिए हॉकी खेलें और भारत का नाम रोशन करें. जैसा अक्सर देखने को मिलता है कि परिवार के विरोध के बाद खिलाडी आगे बढ़ता है ऐसा कुछ भी सविता के साथ नहीं था. और यही उनके लिए आगे बढने की एक प्रेरणा बन गया था.

6. सविता हरियाणा में सिरसा के जोधकन गांव की रहवासी हैं और यहाँ से हॉकी में आगे बढने का लक्ष्य लेकर उन्होंने हिसार में भारतीय खेल प्राधिकरण केंद्र (Sports Authority of India Center) में एडमिशन ले लिया था. लेकिन यहाँ आना-जान आसान नहीं था. क्योंकि उन्हें घर से सेंटर तक 2 घंटे भीड़ से भरी बस में जाना पड़ता था.

7. जब सविता खेल छात्रावास में थीं तब उनकी लम्बाई अपनी टीम में सबसे अधिक थी. और इसे देखते हुए ही सविता पुनीया को टीम में गोलकीपर बनाया गया था.

8. सविता पुनिया ने साल 2007 के दौरान भारतीय सीनियर नेशनल कैंप (Indian Senior National Camp) में अपनी जगह पक्की कर ली थी लेकिन इसके बावजूद उन्हें चार साल का इंतजार करना पड़ा. उन्हें कैंप में चार साल के इंतजार के बाद साल 2011 में इंटरनेशनल लेवल पर खेलने का मौका मिला.

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9. उन्होंने हॉकी टीम में अपने अच्छे खेल का प्रदर्शन किया और देश की सफलता में एक अहम योगदान दिया. इसके साथ ही साल 2013 के दौरान ही वे एशिया कप (Asia Cup) में भारतीय टीम का हिस्सा रहीं. इस दौरान टीम ने कांस्य पदक को अपने नाम किया. इस जीत के साथ ही सविता पुनिया को पहचान मिलना भी शुरू हो गया.

10. साल 2015 में बेल्जियम में आयोजित किए गए FIH हॉकी वर्ल्ड लीग के दौरान सविता ने अपने खेल का शानदार प्रदर्शन किया और साथ ही भारत ने भी रियो ओलंपिक 2016 के लिए भी क्वालीफाई कर लिया. यह वह समय था जब 36 सालों में पहली बार भारतीय हॉकी टीम ने ओलंपिक (Indian Hockey Team in Olympics) में जगह सुनिश्चित की थी.

11. इस ओलंपिक में सविता पुनिया ने अपने खेल से अपनी पहचान और जगह दोनों को मजबूत करना शुरू कर दिया. जिसके बाद उन्हें एशियाई चैंपियंस ट्रॉफी 2016, एशिया कप 2017,एशियाई खेल 2018 में भारतीय महिला हॉकी टीम के अव्वल खिलाडी के तौर पर देखा जाने लगा.

12. अपने अच्छे प्रदर्शन और गोल रोकने की क्षमता को देखते हुए ही उन्हें ‘वॉल ऑफ़ इंडियन महिला हॉकी टीम’ (wall of Indian womens Hockey team) भी कहा जाता है.

13. साल 2018 में सविता पुनिया को हॉकी में अपने बेहतरीन प्रदर्शन के लिए अर्जुन पुरस्कार (Savita Punia got Arjun Award) से भी सम्मानित किया जा चुका है.

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