Supreme Court – सुप्रीम कोर्ट में 9 जजों की एक साथ नियुक्ति, जानें जजों के बारे में

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सुप्रीम कोर्ट में नियुक्ति (Appointment to Supreme Court) होना हर एक जस्टिस से लिए एक बड़े सपने जैसा होता है. सुप्रीम कोर्ट के इतिहास में ऐसा पहली बार हुआ है जब साथ में अगस्त 2021 में 9 जजों से एक साथ शपथ ली हो. गर्व की एक बात यह भी रही कि इन 9 जजों में 3 महिलाओं का नाम भी शामिल रहा है.

3 महिला जजों में एक नाम नागरत्ना का भी शामिल है. उन्हें लेकर यह कहा जाता है कि वे साल 2027 में भारत देश की फर्स्ट महिला चीफ जस्टिस भी बन सकती हैं. वहीं इस लिस्ट में पीएस नरसिम्हा का नाम भी है जिनके साल 2028 में चीफ जस्टिस बनने की संभावना है.

आज हम आपको सुप्रीम कौर्ट के उन 9 नए जजों (Supreme Court new 9 Judges) के बारे में बताने जा रहे हैं जिन्होंने साथ में शपथ ली और इतिहास बनाया. तो चलिए जानते हैं उनके बारे में विस्तार से.

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कौन हैं जस्टिस बी वी नागरत्ना ? (Who is Justice BV Nagarathna?)

साल 2008 में नागरत्ना की नियुक्ति बतौर जज कर्नाटक हाईकोर्ट में हुई थी. यहाँ पर उन्होंने एडिशनल जज के रूप में कुछ समय तक काम किया. जिसके बाद साल 2010 में जस्टिस नागरत्ना को परमानेंट पद मिल गया और वे यहाँ जज के रूप में नियुक्त किए गए. साल 2012 में जब देश में फेक न्यूज के मामले लगातार बढ़ रहे थे तब इसके खिलाफ अपनी आवाज़ मजबूत करने वालों में उनका नाम भी शामिल था.

जस्टिस नागरत्ना के साथ ही कुछ और जजों के द्वारा भारत सरकार को यह निर्देश दिए गए थे कि उन्हें मीडिया और ब्रॉडकास्टिंग को लेकर सजग होने की जरूरत है. साथ ही जस्टिस ने सरकार को मीडिया पर उनके नियंत्रण के खतरों को लेकर भी सतर्क रहने के लिए कहा था.

कौन हैं जस्टिस हिमा कोहली ? (Who is Justice Hima Kohli?)

हिमा के बारे में बता दें कि वे इसके पहले हाई कोर्ट में अपनी सेवाएँ दे चुकी हैं. जस्टिस हिमा कोहली हाई कोर्ट में यह चीफ जस्टिस का पद सँभालने वाली पहली महिला जज भी बनी थीं. जस्टिस कोहली का नाम लीगल मामलों और लीगल एजुकेशन की दिशा में अपने ओपिनियन के लिए मशहूर है.

उन्होंने दिल्ली हाई कोर्ट में रहते हुए दृष्टिबाधित लोगों के लिए गवर्नमेंट इंस्टिट्यूटस में सर्विक प्रोवाइड किए जाने को लेकर अपना फैसला भी दिया था जिसके लिए उनकी काफी तारीफ भी हुई थी. इसके साथ ही उनका नाम नाबालिग अपराधियों की पहचान को सिक्योर रखने को सुनाए फैसले के लिए भी जाना जाता है.

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कौन हैं जस्टिस बेला त्रिवेदी ? (Who is Justice Bela Trivedi?)

जस्टिस बेला का नाम गुजरात हाई कोर्ट में अपने फैसलों के लिए जाना जाता है, उन्होंने गुजरात कोर्ट में बतौर एडिशनल जज नियुक्ति ली थी. जिसके बाद वे यही पर 9 फरवरी 2016 को जज बनीं. इसके साथ ही बेला के बारे में यह भी बता दें कि वे राजस्थान हाईकोर्ट में भी एडिशनल जज के पद पर काम कर चुकी हैं. जस्टिस बेला त्रिवेदी का पूरा नाम बेला मनधूरिया त्रिवेदी है.

कौन हैं जस्टिस अभय श्रीनिवास ओका ? (Who is Justice Abhay Srinivas Oka?)

जस्टिस ओका ने बॉम्बे हाई कोर्ट में एडिशनल जज के रूप में काम किया है जिसके बाद उन्हें यहाँ परमानेंट जज के रूप में नियुक्त किया गया था. जबकि वे साल 2019 के दौरान कर्नाटक हाई कोर्ट में भी चीफ जस्टिस के पद पर नियुक्त किए गए थे. वे सिविल, कॉन्स्टिट्यूशनल के साथ ही सर्विस मैटर्स के क्षेत्र में काफी नाम कमा चुके हैं. वे लोगों के मौलिक अधिकारों के साथ ही राज्यों की ज्यादतियों पर अपने फैसलों को लेकर काफी फेमस हैं.

कौन हैं जस्टिस विक्रम नाथ ? (Who is Justice Vikram Nath?)

विक्रम नाथ इलाहबाद हाई कोर्ट में बतौर जज कार्य कर चुके हैं. जिसके बाद वे गुजरात हाई कोर्ट में भी चीफ जस्टिस के पद पर नियुक्त किए गए थे. कुछ समय पहले ही जस्टिस विक्रम नाथ का नाम आंध्र प्रदेश हाईकोर्ट के चीफ जस्टिस के पद के लिए आगे आया था लेकिन केंद्र के द्वारा इसे नकार दिया गया. जस्टिस विक्रम नाथ ने कोरोना महामारी के दौरान भी वर्चुअल कार्यवाही शुरू की थी और ऐसा करने वाले वे देश के पहले जज बने.

कौन हैं जस्टिस जितेंद्र कुमार माहेश्वरी ? (Who is Justice Jitendra Kumar Maheshwari?)

जस्टिस जितेंद्र कुमार आंध्र प्रदेश हाई कोर्ट में चीफ जस्टिस के पद पर रह चुके हैं. इसके साथ ही वे सिक्किम हाई कोर्ट में भी चीफ जस्टिस के पद पर काम कर चुके हैं. वे इन राज्यों के अलावा मध्य प्रदेश में भी जज के रूप में रहे हैं. जस्टिस जितेंद्र कुमार माहेश्वरी का जन्म एमपी के  जौरा में ही हुआ. उन्होंने यहाँ की मेडिकल फैसिलिटीज की कमियों को लेकर PhD कर रखी है.

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कौन हैं जस्टिस पीएस नरसिम्हा ? (Who is Justice PS Narasimha?)

जस्टिस पीएस नरसिम्हा सुप्रीम कोर्ट में शामिल होने वाले ऐसे पहले जज हैं जोकि बार से सुप्रीम कोर्ट में नियुक्त किए गए हैं. उन्हें लेकर यह कहा जा रहा है कि वे साल 2028 में चीफ जस्टिस के पद भी बन सकते हैं. जस्टिस पीएस नरसिम्हा ने साल 2014 से लेकर साल 2018 तक एडिशनल सॉलिसिटर जनरल के रूप में काम किया है. उनका नाम इटली नौसेना और NJAC केस से भी जुड़ा है. इसके आलावा उन्हें BCCI के एक मामले में मध्यस्थ भी बनाया गया था.

कौन हैं जस्टिस एमएम सुंदरेश ? (Who is Justice MM Sundaresh?)

जस्टिस एमएम सुंदरेश ने साल 1985 के दौरान अपने वकालत के करियर की शुरुआत कर दी थी. जिसके लिए उनकी पढ़ाई चेन्नई और मद्रास से हुई है. जस्टिस एमएम सुंदरेश ने चेन्नई से अपनी बीए की पढ़ाई पूरी की और इसके बाद उन्होंने अपनी लॉ की डिग्री मद्रास लॉ कॉलेज से पूरी की. वे केरल हाई कोर्ट के जज के रूप में नियुक्त किए गए थे.

कौन हैं जस्टिस सीटी रवि ? (Who is Justice CT Ravi?)

जस्टिस सुंदरम की तरह ही जस्टिस सीटी रवि भी केरल हाई कोर्ट में जज के रूप में कार्य कर चुके हैं. जस्टिस रवि के पिता के बारे में बता दें कि वे मजिस्ट्रियल कोर्ट में बेंच क्लर्क के रूप में काम करते थे. जस्टिस ने साल 2013 में एक कमेंट दिया था, जिसमें उन्होंने कहा था “कानून की उम्र लंबी होती है, पर जिंदगी छोटी होती है.”

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