What is Bankruptcy : दिवालिया होना क्या है? किसी व्यक्ति और देश के दिवालिया होने में क्या अंतर है?

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What is Bankruptcy ? in Hindi –

हमारे सामने अक्सर ही किसी न किसी व्यक्ति को लेकर यह खबर सामने आ जाती है कि कोई व्यक्ति दिवालिया हो गया है या किसी व्यक्ति को दिवालिया घोषित कर दिया गया है. जैसे हम अब तक कई ऐसे नाम देख चुके हैं जिन्हें बैंकों के द्वारा दिवालिया (Declared Bankrupt) घोषित किया गया है और अब उन पर मौजूद कर्ज की भरपाई के लिए बैंकों के द्वारा उनकी संपत्ति को नीलाम किया जाएगा या बेचा जाएगा. दिवालियापन को लेकर देश में भारतीय दिवाला और दिवालियापन बोर्ड की स्थापना 1 अक्टूबर 2016 को हुई थी. जोकि इस तरह के मामलों पर पैनी नजर रखता है.

लेकिन क्या सही मायने में हम इस बात से अवगत हैं कि दिवालिया होना किसे कहते हैं ? (What is Bankruptcy) कोई भी व्यक्ति दिवालिया कब होता है ? (When does a person declare Bankrupt?) या दिवालिया होने की स्थिति में क्या होता है? नहीं ना ! तो आज का यह आर्टिकल आपके लिए काफी खास होने वाला है क्योंकि आज के इस आर्टिकल में हम दिवालिया से जुडी सभी जानकारी आपके सामने रखने वाले हैं. तो चलिए बात करते हैं दिवालिया (What is Bankruptcy?) के बारे में विस्तार से :

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‘दिवालिया होना’ का मतलब क्या होता है ? What is Bankruptcy ?

जब किसी व्यक्ति पर किसी अन्य के द्वारा कर्ज अधिक हो जाता है और वह व्यक्ति उस कर्ज को चुकाने में असमर्थ होता है तो उसे न्यायालय में अपने दिवालिया होने के लिए आवेदन करना होता है. जब कोर्ट के द्वारा उक्त व्यक्ति को दिवालिया घोषित कर दिया जाता है तो उसे सभी जगहों पर दिवालिया माना जाता है.

दिवालिया होने का अर्थ है कि आपने जो भी कर्ज लिया है (चाहे वह किसी बैंक से हो या किसी अन्य संस्था से या किसी विशेष जगह से) आप वह कर्ज चुकाने में असमर्थ हैं और आप खुद की वित्तीय स्थिति को सबके सामने रखना चाहते हैं और यदि आपकी कोई संपत्ति है तो जिस व्यक्ति से अपने कर्ज लिया है वह उसे बेच सकता है और अपनी रकम हासिल कर सकता है.

उदाहरण : विजय माल्या का नाम हम सभी के सामने इसका सबसे बेहतरीन उदाहरण है. माल्या पर बैंक का करोड़ों का कर्ज होने के बाद उसके द्वारा कोर्ट में दिवालिया होने की अर्जी दी गई थी जिसके बाद कोर्ट के द्वारा विजय माल्या को दिवालिया घोषित किया गया. जिसके साथ ही बैंक को यह अधिकार भी मिला कि वह माल्या की संपत्ति बेचकर कर्ज की भरपाई कर सके.

खुद को कैसे दिवालिया घोषित किया जाता है ? (How do I declare myself bankrupt?)

जैसा की हम आपको पहले ही बता चुके हैं कि दिवालिया होने का मतलब होता है कि आपके द्वारा किसी से भी जो कर्ज लिया गया है उसका भुगतान अब आप नहीं कर सकते हैं. और अपनी वित्तीय स्थिति के खराब होने के चलते आप खुद को सबके सामने दिवालिया घोषित करना चाहते हैं. लेकिन खुद को दिवालिया घोषित किया जाना इतना भी आसान नहीं है.

दरअसल आपको खुद को दिवालिया घोषित करवाने के लिए कोर्ट में एक आवेदन देना होता है कि आप उधार या कर्ज चुकाने में असमर्थ हैं. इसके लिए कम से कम राशि 500 रुपए भी हो सकती है. यानि यदि अपने किसी से पांच सौ रुपए भी उधार लिया है और आप उसे नहीं चूका पा रहे हैं तो आप इसके लिए आवेदन कर सकते हैं.

इसके अलावा यदि कोई आपका पैसा नहीं दे रहा है तो आप उसके खिलाफ कोर्ट में जा सकते हैं और दिवालियापन का केस दर्ज करा सकते हैं. लेकिन ध्यान रहे कि इसकी प्रोसेस काफी लम्बी और पेचीदा होती है.

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दिवालिया घोषित किए जाने के बाद क्या होता है ? (What happens after the bankruptcy is declared?)

जब कोई भी व्यक्ति दिवालिया घोषित हो जाता है तो उसके पास या उसके नाम से जो भी संपत्ति मौजूद होती है उसकी बिक्री की जाती है. यह बिक्री करने की जिम्मेदारी कोर्ट से नियुक्त किए गए अधिकारी की होती है. इस बिक्री के बाद जो भी रकम मिलती है उसे ऋणदाताओं के मध्य बांट दिया जाता है. लेकिन इसके साथ ही एक और बात जो जुडी हुई है वह यह कि जो भी व्यक्ति कर्ज देता है वह कर्ज लेने वाले को कर्ज चुकाने के लिए बाध्य नहीं कर सकता है.

हालाँकि जब उसकी संपत्ति की बिक्री की जाती है तो सबसे पहले ऋणदाताओं को उनका पैसा दिया जाता है. यदि इसके बाद भी पैसा बच जाता है तो उसे केंद्र सरकार और राज्य सरकार के बीच बांट दिया जाता है.

दोस्तों ! यह तो हमने जाना कि यदि कोई व्यक्ति दिवालिया हो जाता है तो क्या होता है ? लेकिन क्या आप यह जानते हैं कि एक देश भी दिवालिया हो सकता है ? शायद नहीं ! तो चलिए अब बात करते हैं कि देश दिवालिया कब होता है ? दिवालिया होने पर देश का क्या होता है ? आदि. What is Bankrupcy for a Country ?

कोई भी देश दिवालिया कब होता है ? When does a country go bankrupt?

जिस तरह किसी व्यक्ति के द्वारा समय पर कर्ज नहीं चुकाया जाता है तो वह दिवालिया घोषित कर दिया जाता है, ठीक उसी तरह किसी देश के द्वारा जब अपने कर्जदार को उसके समय पर कर्ज नहीं चुकाया जाता है तो उसे भी दिवालिया कहा जाता है. लेकिन देश के मामलों में यह कई आर्थिक मामलों पर निर्भर करता है. किसी देश का दिवालिया होना तब निश्चित किया जाता है जब देश अपने बांड्स बेचना चाहता है लेकिन उन्हें ख़रीदने वाला कोई नहीं होता.

जब कोई देश कहीं से कर्ज लेता है और उसे चुकाने में असमर्थ रहता है तो वह अपनी नीतियों में बदलाव करता है. यही नहीं देश के द्वारा और भी कई तरह की कोशिशें की जाती है ताकि वह ऐसी स्थिति से निकल सके. लेकिन जब लाख कोशिश करने के बाद भी कोई देश पैसा नहीं लौटा पाता है तो वह खुद को दिवालिया घोषित कर देता है.

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देश को कर्ज या ऋण कैसे मिलता है और कौन देता है ? (How does the country get the loan and who gives it?)

कोई भी देश ऋण लेने के लिए सरकारी बांड्स को किसी अन्य देश के सामने गिरवी रखता है. इन बांड्स पर जितना भी मूल्य अंकित होता है उस पर हर साल के अनुसार ब्याज भी देना होता है. और जब लोन की अवधि खत्म हो जाती है तो बांड्स पर अंकित मूल्य को अदा किया जाता है. इसके लिए देश के बजट में से गवर्नमेंट को उसके ब्याज के लिए रास्ता बनाना होता है जबकि मूल राशि के लिए नए बांड्स बनाकर बेचे जाते हैं.

हालाँकि दिवालिया होने से बचने के लिए एक तरकीब यह बताई जाती है कि ऐसे समय में सरकार चाहे तो अपने बांड्स की अवधि को बढ़ा सकती है और इस समय में नए नोट की छपाई कर ऋणदाताओं को दे सकती है.

देश के दिवालिया होने पर क्या होता है ? What is Bankruptcy for a country and what happened then ?

कोई भी देश जब दिवालिया होता है तो उसके लिए सबसे बड़ा नुकसान यह है कि उसकी साख खत्म हो जाती है यानि मार्केट में उस देश की क्रेडिट या वैल्यू खत्म हो जाती है. इसके बाद किसी भी देश के द्वारा उस देश में पैसा इन्वेस्ट नहीं किया जाता है क्योंकि हर किसी को नुकसान होने का डर रहता है.

यही नहीं इंटरनेशनल बैंक भी ऐसे देश को कर्ज या उधार देने से कतराने लगती है और यदि लोन दिया भी जाता है तो उसकी अवधि कम कर दी जाती है. 

हालाँकि कुछ केस में देश का खुद को दिवालिया घोषित किया जाना फायदेमंद भी रहा है. जैसे अर्जेंटिना को देखें तो उसके द्वारा एक समय में खुद को दिवालिया बताया गया था. जिसके बाद फॉरेन इनवेस्टर यहाँ कोई भी इन्वेस्टमेंट करने से डरने लगे थे. ऐसे में देश के लिए कर्ज माफ़ी के लिए और कोई रस्ते खुले नहीं थे. इस बारे में अमेरिकी लेखक पॉल ब्लूस्टिन ने किताब ‘And the Money Kept Rolling In’ में लिखा है.

दिवालिया क्या होता है ? (What is Bankruptcy?) इस बारे में आपको यह जानकारी कैसी लगी ? हमें कमेंट्स के माध्यम से जरुर बताएं.

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