पोक्सो एक्ट क्या है? जानिए पॉक्सो एक्ट में सजा के प्रावधान सहित पूरी जानकारी

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What is POCSO Act – दोस्तों आज के इस आर्टिकल में हम पास्को एक्ट (POCSO Act) के बारे में बात करेंगे. यह एक ऐतिहासिक कानून हैं, जिसे बच्चों के खिलाफ होने वाले यौन अपराधों को रोकने के लिए बनाया गया है. पास्को एक्ट के तहत कठोर सजा का प्रावधान है. हम अक्सर अख़बारों या टीवी पर बच्चों के खिलाफ यौन हिंसा को अंजाम देने वाले आरोपियों पर पुलिस द्वारा पास्को एक्ट लगाने के ख़बरें देखते हैं. यह हमारे देश का एक महत्वपूर्ण कानून हैं, लेकिन आज भी कई लोग हैं जो इस कानून के बारे में जानते नहीं है या फिर बहुत कम जानकारी रखते हैं.

पास्को एक्ट को लेकर लोगों के मन में कई तरह के सवाल उठते हैं. जैसे – पास्को एक्ट धारा क्या है? (What is POCSO Act Section), पास्को एक्ट की सजा क्या है? (what is the punishment of POCSO act), पॉक्सो एक्ट की क्या खासियत है? (What are features of POCSO Act), पास्को एक्ट से बचने के क्या उपाय है? (What are remedies to avoid Pocso Act?) तो चलिए आज इस आर्टिकल के जरिए हम इन्ही सभी सवालों के जवाब जानेंगे.

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पास्को एक्ट का पूरा नाम (POCSO Act Full Form)

POCSO Act का पूरा नाम The Protection Of Children From Sexual Offences Act (प्रोटेक्शन आफ चिल्ड्रेन फ्राम सेक्सुअल अफेंसेस एक्ट) है. इस एक्ट को महिला और बाल विकास मंत्रालय की ओर से साल 2012 में बनाया गया था. पोक्सो एक्ट-2012 के तहत कुल 46 धाराएं है.

पास्को एक्ट क्या है? (What is POCSO Act)

यह एक ऐसा कानून है, जिसे नाबालिग बच्चों के खिलाफ होने वाले यौन अपराधों को रोकने के लिए बनाया गया है. नाबालिग बच्चों के खिलाफ यौन उत्पीड़न, यौन शोषण और पोर्नोग्राफी जैसे अपराध करने वाले आरोपियों के खिलाफ पास्को एक्ट के तहत कार्रवाई की जाती है.

पॉक्सो एक्ट में सजा का प्रावधान (Punishment provision in POCSO Act)

पॉक्सो एक्ट के तहत नाबालिग बच्चों यानि 18 साल से कम उम्र के बच्चों के खिलाफ यौन अपराध करने पर आरोपी को अधिकतम उम्रकैद और न्यूनतम 7 साल की सजा देने का प्रावधान है. इसके अलावा 12 से कम उम्र की बच्ची के साथ दुष्कर्म जैसा गंभीर अपराध करने पर आरोपी को मौत की सजा देने का भी प्रावधान किया गया है.

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क्या सिर्फ लड़की के खिलाफ यौन अपराध ही शामिल है?

पॉक्सो एक्ट के तहत नाबालिग बच्चों के खिलाफ यौन अपराध करने पर कार्रवाई की जाती है. इस कानून को लड़की-लड़कों में बांटा नहीं गया है. नाबालिग लड़की या लड़के के खिलाफ यौन अपराध होने पर आरोपी के खिलाफ पॉक्सो एक्ट के तहत कार्रवाई की जाती है.

पास्को एक्ट से बचने के क्या उपाय है? (What are remedies to avoid Pocso Act)

अगर किसी ने नाबालिग बच्चों के खिलाफ यौन अपराध किया है तो फिर पास्को एक्ट से बचने का कोई उपाय नहीं है. आरोपी के खिलाफ पास्को एक्ट के तहत की कार्रवाई की जाती है. हाँ यदि यह साबित हो जाए कि पीड़ित की उम्र 18 वर्ष से अधिक है तो पास्को एक्ट हटाया जा सकता है. इसके अलावा दूसरा कोई रास्ता नहीं है.

पॉक्सो एक्ट में मेडिकल जांच (Medical examination under POCSO Act)

इस एक्ट के तहत रिपोर्ट दर्ज होने के 24 घंटे के भीतर मामले को बाल कल्याण समिति के सामने लाया जाता है. इसके अलावा पीड़ित बच्चे के माता-पिता या अन्य किसी अभिभावक की मौजूदगी में बच्चे का मेडिकल परिक्षण करना अनिवार्य है. यही पीड़ित लड़की है तो किसी महिला चिकित्सक द्वारा ही उसकी मेडिकल जाँच की जाती है.

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पॉक्सो एक्ट के प्रावधान (provisions of POCSO Act)

  1. अगर कोई व्यक्ति किसी नाबालिग के साथ उसकी सहमती या असहमति से यौन कृत्य करता है तो उसे पॉक्सो एक्ट के तहत सजा दी जाती है.
  2. 18 साल से कम उम्र की अपनी जीवनसाथी के साथ भी ऐसा कृत्य करने पर पॉक्सो एक्ट के तहत सजा देने का प्रावधान है.
  3. पॉक्सो एक्ट पूरे भारत में लागू है.
  4. पॉक्सो एक्ट के तहत पूरी सुनवाई कैमरे के सामने होती है. इसके अलावा सुनवाई के दौरान पीड़ित के साथ माता-पिता या किसी अन्य भरोसेमंद व्यक्ति का होना जरूरी है.
  5. अगर अपराधी ने ऐसा अपराध किया हो जो पॉक्सो एक्ट के अलावा किसी अन्य कानून के तहत भी अपराध हो तो अपराधी को उस कानून के तहत सजा दी जाएगी जो सबसे कठोर हो.
  6. पॉक्सो एक्ट के तहत अगर किसी व्यक्ति को किसी नाबालिग के खिलाफ यौन अपराधों की जानकारी है और इसके बावजूद वह पुलिस को इसकी जानकारी नहीं देता है तो उसे भी छह महीने की जेल और आर्थिक दंड दिया जा सकता है.
  7. पॉक्सो एक्ट के तहत बच्चे की पहचान गुप्त रखी जाती है. साथ ही यह भी तय किया जाता है कि बच्चे के साथ किसी तरह का कोई जुल्म ना हो. यानि सुनवाई के दौरान उसे किसी तरह की परेशानी ना हो.
  8. बच्चे का उपचार और पुनर्वास के लिए न्यायालय चाहे तो मुआवजा राशि भी निर्धारित कर सकता है.
  9. पॉक्सो एक्ट के तहत दर्ज मामलों का एक साल के अंदर ही निपटान जरूरी है.

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पोक्सो एक्ट में मीडिया के लिए प्रावधान (Provision for media in POCSO Act)

  1. पोक्सो एक्ट के तहत दर्ज हुई मामलों की रिपोर्टिंग करने के लिए मीडियाकर्मियों को भी कुछ विशेष सावधानियां रखनी होती है. पोक्सो एक्ट के तहत बताया गया है कि ऐसे मामलो में मीडियाकर्मियों क्या करना चाहिए और क्या नहीं.
  2. पोक्सो एक्ट के तहत मीडियाकर्मियों के पास अगर यौन अपराधों से संबंधी कोई सामग्री (जैसे – वीडियो या कोई तथ्य) है तो उसे वह सामग्री पुलिस को उपलब्ध करवाना होगी.
  3. मीडियाकर्मियों को इस बात का पूरा ध्यान रखना है कि वह पीड़ित के खिलाफ ऐसी कोई टिप्पणी नहीं करेंगे, जिससे उसकी प्रतिष्ठा का हनन हो.
  4. मीडियाकर्मियों को पीड़ित की पहचान को गुप्त रखना है. मीडियाकर्मियों पीड़ित का नाम, फोटो, परिवार या पड़ोसियों की जानकारी, स्कूल का नाम या ऐसी कोई जानकारी प्रकाशित नहीं कर सकते, जिससे पीड़ित की पहचान उजागर होने का खतरा हो.
  5. किसी मीडियाकर्मी द्वारा इन प्रावधानों का उल्लंघन करे पर मीडिया स्टूडियों का प्रकाशक या मालिक संयुक्त रूप से और व्यक्तिगत रूप से उत्तरदायी होगा. इसके तहत अपराधी पाए जाने पर 6 माह से 1 वर्ष की जेल या जुर्माने या दोनों हो सकते है.
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