UAPA Act क्या है? जानिए UAPA कानून के बारे में विस्तार से

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UAPA कानून क्या है ? (what is UAPA Act) यह हम में से कईयों के लिए अब भी एक सवाल है. चाहे हम इस कानून के बारे में यह बेसिक थ्योरी जानते हो कि इस एक्ट के अंतर्गत गिरफ्तारी से अच्छे-अच्छे लोगों की रूह तक कांप जाती है. UAPA एक्ट के अंतर्गत उन लोगों पर कार्रवाई की जाती है जो गैरकानूनी गतिविधियों या आतंकी गतिविधियों (illegal activities or terrorist activities) से जुड़े होते हैं.

लेकिन इसके बावजूद भी UAPA एक्ट के बारे में कई ऐसी बातें हैं जिनसे हम अंजान हैं. तो चलिए जानते हैं UAPA एक्ट क्या होता है ? से लेकर UAPA एक्ट में कितनी सजा होती है ? UAPA का फुल फॉर्म क्या है ? UAPA एक्ट में कितने दोषी पाए गए ? जैसे कई सवालों के जवाब. तो चलिए करते है इस बारे में बात :

UAPA एक्ट क्या है ? what is Unlawful Activities (Prevention) Act ?

साल 1967 में देश की एकता और संप्रभुता को खतरे में डालने वाली गतिविधियों की रोकथाम के लिए इस एक्ट का निर्माण किया गया था. हालाँकि इसे बनाने के बाद साल 2004, साल 2008, साल 2012 और साल 2019 के दौरान इस कानून में कई अहम बदलाव देखने को मिल चुके हैं. ऐसी किसी भी गतिविधि में संलिप्त पाए जाने पर उक्त व्यक्ति के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जाती है.

दूसरे शब्दों में UAPA कानून (UAPA law) का निर्माण देश में होने वाली आतंकी गतिविधियों पर लगाम लगाने के लिए किया गया है. इस कानून के तहत पुलिस के द्वारा ऐसे लोगों को चिन्हित किया जाता है जो आतंकी गतिविधियोंन में शामिल होने हैं या आपराधिक प्रवत्ति के होते हैं या ऐसी गतिविधियों को बढ़ावा देते हैं.

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क्या है UAPA एक्ट का फुल फॉर्म ? what is full form of UAPA ?

UAPA का फुल फॉर्म Unlawful Activities (Prevention) Act यानि गैरकानूनी गतिविधियां रोकथाम अधिनियम
है.

UAPA एक्ट से जुडी खास बातें :

1. इस एक्ट के अंतर्गत राष्ट्रीय जाँच एजेंसी यानि एनआईए यानी राष्ट्रीय जांच एजेंसी को कई पावर्स दी जाती हैं. इन पावर्स से यदि एनआईए महानिदेशक चाहे तो किसी भी मामले में सम्बन्धित शख्स की सम्पत्ति की जब्ती के आदेश भी दे सकता है.

2. UAPA एक्ट को साल 1967 में पारित किया गया था. इसे संविधान के अनुच्छेद 19(1) के अंतर्गत मिलने वाली आज़ादी पर कुछ सीमाएं तय करने के लिए बनाया गया था. देखने को मिला है कि बीते कुछ समय में POTA और TADA जैसे एक्ट्स को भी खत्म कर दिया गया है, लेकिन UAPA एक्ट पहले से अब अधिक मजबूत हो गया है.

3. UAPA एक्ट को लेकर अगस्त 2019 में संशोधन बिल पार्लियामेंट में पेश किया गया था. इसके अंतर्गत यह कानून और भी अधिक मजबूत हो गया. अब इसके अंतर्गत जाँच के आधार पर किसी व्यक्ति को आतंकवादी घोषित किया जा सकता है.

4. यानि यदि NIA को किसी पर आतंकी गतिविधियों में शामिल होने का शक हो तो उसे आतंकवादी घोषित किया जा सकता है.

5. जब किसी व्यक्ति पर आतंकवादी होने के आरोप लग जाता है तो उसे हटाने के लिए उक्त व्यक्ति को कोर्ट नहीं बल्कि सरकार द्वारा गठित रिव्यू कमेटी के पास जाना होता है. यहाँ जाने के बाद आप कोर्ट में अपील कर सकते हैं.

6. प्रावधानों के नजरिये से भी UAPA एक्ट बहुत स्ट्रोंग है. इस कारण ही अपराधियों के साथ ही इस कानून का इस्तेमाल एक्टिविस्ट्स और आंदोलनकारियों पर भी किया जा सकता है.

7. UAPA एक्ट के अंतर्गत यदि आप ‘भारत के खिलाफ असंतोष’ फैलाते हैं तो भी यह एक अपराध है और यह गैरकानूनी है.

8. कई धाराओं जैसे धारा 18, 19, 20, 38 और 39 के अंतर्गत किसी भी व्यक्ति पर UAPA एक्ट के अंतर्गत केस बनाया जा सकता है. हालाँकि जब आरोपी के द्वारा आतंकी संगठन को ज्वाइन करने की बात पता चलती है तो धारा 38 लगती है और आंतकी संगठनों की मदद पर धारा 39 लगाई जाती है.

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9. UAPA एक्ट के अंतर्गत ही यदि किसी व्यक्ति पर धारा 43D (2) लगाई गई है तो पुलिस कस्टडी के समय में भी दोगुना किया जा सकता है. UAPA एक्ट के अंतर्गत पुलिस को 30 दिन की कस्टडी और न्यायिक हिरासत का समय 90 दिन का हो सकता है.

10. बताया यह भी जाता है कि यदि UAPA एक्ट के तहत किसी व्यक्ति की गिरफ्तारी होती है तो उस व्यक्ति को अग्रिम जमानत भी नहीं मिलती है. इतना ही यदि पुलिस के उसे छोड़े जाने के बाद भी अग्रिम जमानत नहीं दी जाती है. 

11. यदि आरोपी की सदस्यता किसी आतंकवादी संगठन से या गैरकानूनी संगठन से पाया जाता है तो इसके तहत उसे कड़ी सजा भी भुगतना पड़ सकती है.

12. UAPA एक्ट और राजद्रोह को लेकर धारा 124ए के अंतर्गत सवसे अधिक केस साल 2016 से साल 2019 के बीच दर्ज हुए हैं.

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13. UAPA एक्ट में आरोपी को कम से कम 7 साल की सजा का प्रावधान है. इस कानून के अंतर्गत कई लोगों पर केस भी दर्ज हैं.

14. इसका उपयोग आतंकवादी संगठन जैश-ए-मोहम्मद के सरगना मसूद अजहर, लश्कर-ए-तैय्यबा के मुखिया हाफिज सईद, आतंकी जकी-उर-रहमान लखवी और आतंकी दाउद इब्राहिम के खिलाफ हो चुका है.

15. UAPA के तहत मामला दर्ज होने के बाद ऐसे लोगों को पुलिस रिकॉर्ड में भारत-विरोधी संगठनों के ओवरग्राउंड वर्कर्स (OGW) के तौर पर दर्ज किया जाएगा.

16. मीडिया रिपोर्ट के अनुसार ऐसे लोगों को भविष्य में गवर्नमेंट-फंडेड किसी भी स्कीम के लाभ से वंचित किया जा सकता है.

17. ऐसे लोगों को सरकारी नौकरी नहीं मिलती है.

18. पुलिस रिकॉर्ड्स में OGW के तौर पर दर्ज होने की वजह से सरकारी नौकरी मिलनी तो दूर, इन्हें प्राइवेट नौकरी मिलना भी मुश्किल हो जाता है.

19. यहां तक कि ड्राइविंग लाइसेंस और पासपोर्ट जैसे डॉक्युमेंट्स के लिए उन्हें पुलिस क्लियरेंस मिलने में मुश्किल आती है.

20. इस कानून के तहत आरोपी की संपत्ति भी जब्त की जा सकती है.

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