Swaminathan Commission Report – जानिए स्वामीनाथन आयोग क्या है?, स्वामीनाथन आयोग रिपोर्ट क्या है?

0

Swaminathan Commission Report – दोस्तों पिछले कई सालों से देश के किसान सरकार से स्वामीनाथन आयोग की रिपोर्ट लागू करने की मांग कर रहे हैं. हालाँकि केंद्र की मोदी सरकार स्वामीनाथन आयोग की 201 सिफारिशों में से 200 सिफारिशों को लागू करने की बात कह चुकी है जबकि किसानों का कहना है कि सरकार ने अभी तक इन सिफारिशों को लागू नहीं किया गया है.

दोस्तों स्वामीनाथन आयोग को लेकर लोगों के मन में कई तरह के सवाल है. जैसे – स्वामीनाथन समिति क्या है?, स्वामीनाथन आयोग कब बना?, स्वामीनाथन आयोग की रिपोर्ट में क्या है?, किसान स्वामीनाथन आयोग की सिफारिशें लागू करने की मांग क्यों कर रहे हैं?, क्या स्वामीनाथन आयोग की सिफारिशें लागू करने से वाकई किसानों की जिंदगी में सुखद बदलाव आएगा. तो दोस्तों आज इस इस आर्टिकल में हम स्वामीनाथन आयोग और स्वामीनाथन आयोग की रिपोर्ट से जुड़ी हर जरूरी जानकारी के बारे में बात करेंगे.

पीएम किसान सम्मान निधि क्या है? कैसे करे आवेदन? किन किसानों को नहीं मिलता लाभ? जानिए सब कुछ

स्वामीनाथन आयोग क्या है (What is Swaminathan Committee)

दोस्तों हमारे देश में किसानों की हालत कितनी ख़राब है, इस बारे में हम सभी अच्छे तरीके से जानते हैं. आए दिन देश के किसी न किसी हिस्से किसान द्वारा आत्महत्या करने की ख़बरें सामने आती रहती है. ऐसे में किसानों के जीवन स्तर को सुधारने के लिए साल 2004 में केंद्र सरकार ने प्रोफेसर एमएस स्वामीनाथन से सम्पर्क किया. स्वामीनाथन की अध्यक्षता में एक कमिटी बनाई गई, जिसे नेशनल कमीशन ऑन फार्मर्स समिति (National Commission on Farmers) कहा जाता है. इसे ही स्वामीनाथन आयोग भी कहा जाता है.

एमएस स्वामीनाथन कौन है? (Who is MS Swaminathan)

दोस्तों प्रोफेसर एमएस स्वामीनाथन तमिलनाडु के रहने वाले के रहने वाले है. उन्हें हरित क्रांति का जनक कहा जाता है. साल 1966 में एमएस स्वामीनाथन ने मेक्सिको के बीजों और पंजाब की घरेलु किस्मों के बीजों को मिलाकर उच्च उत्पादकता वाले गेहूं के बीज विकसित किए. उन्होंने किसानों के उत्थान के लिए कई काम किए है. भारत सरकार द्वारा उन्हें साल 1967 में ‘पद्म श्री’, 1972 में ‘पद्म भूषण’ और 1989 में ‘पद्म विभूषण’ से सम्मानित किया जा चुका है. यहीं कारण है कि सरकार ने किसानों की स्थिति बदलने के लिए उनके नेतृत्व में कमिटी का गठन किया.

जानिए कौन है किसान आंदोलन के चेहरा बने राकेश टिकैत, 2 बार लड़ चुके हैं चुनाव

स्वामीनाथन आयोग कब बना? (Swaminathan Commission formed)

18 नवम्बर 2004 को राष्ट्रीय किसान आयोग यानि स्वामीनाथन आयोग का गठन किया गया था. प्रोफेसर एमएस स्वामीनाथन को इसका अध्यक्ष बनाया गया. स्वामीनाथन आयोग ने लगभग 2 साल तक देश के तमाम कृषि संगठन, जानकार और किसानों से बातचीत की और उनसे किसानों के जीवन में सुधार लाने के लिए जरूरी उपायों के बारे में जाना. साल 2006 में स्वामीनाथन आयोग ने महत्वपूर्ण सिफारिशों के साथ पांच रिपोर्ट तत्कालीन यूपीए सरकार को सौंप दी.

स्वामीनाथन आयोग की रिपोर्ट क्या है? (Swaminathan Commission Report)

स्वामीनाथन आयोग ने किसानों के जीवन में सुधार करने के लिए कई तरह की सिफारिशें की थी, जिनमें से कुछ प्रमुख सिफारिश इस प्रकार है.

  1. कृषि को राज्यों के भरोसे ना छोड़कर इसे समवर्ती सूची में लाया जाए और केंद्र सरकार और राज्य सरकार दोनों किसानों की मदद करने के लिए आगे आए.
  2. फसलों का न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) औसत लागत से 50 फीसदी ज्यादा रखा जाए.
  3. किसानों को अच्छी क्वालिटी का बीज कम से कम दाम पर दिया जाए.
  4. किसानों की मदद और उन्हें जागरूक करने के लिए विलेज नॉलेज सेंटर या ज्ञान चौपाल बनाई जाए.
  5. अतिरिक्त व बेकार पड़ी जमीन को भूमिहीन लोगों में बांट दिया जाए.
  6. गैर-कृषि कार्यों के लिए कृषि भूमि और वनों का डायवर्जन न किया जाए.
  7. किसानों के लिए कृषि जोखिम फंड बनाया जाए ताकि प्राकृतिक आपदा में किसानों की मदद हो सके.
  8. गरीब और जरूरतमंद किसानों के लिए सरकार कर्ज की व्यवस्था करे.
  9. किसानों के कर्ज की ब्याज दर 4 प्रतिशत तक लाई जाए और अगर किसान कर्ज ना चुका पाए तो उसकी वसूली पर रोक लगाईं जाए.
  10. मिट्टी की टेस्टिंग के लिए बड़ा नेटवर्क तैयार करना होगा.
  11. रेन वाटर हार्वेस्टिंग व वाटर शेड परियोजनाओं को बढ़ावा दिया जाए और इसके लिए धन आवंटन किया जाए.
  12. प्रति व्यक्ति भोजन उपलब्धता बढ़े, इसके लिए वितरण प्रणाली में जरूरी सुधार किए जाए.

जानिए कृषि कानून 2020 क्या है? किसानों और सरकार के बीच किस बात पर फंसा है पेंच

Leave A Reply

Your email address will not be published.