मां के हाथ से बनी रोटी हुई गुम तो बेटे ने मांगी मदद, DCP ने भोजन का बैग ढूंढ़कर बेटे तक पहुंचाया
चाहे कोई महंगा रेस्टोरेंट हो या फिर सड़क किनारे कोई ढाबा, वहां हम पैसे देकर खाना तो खा सकते है, लेकिन उसमें वह स्वाद कभी नहीं मिल सकता जो मां के हाथ से बने खाने में होता है. मां के हाथ से बने खाने में जो स्वाद होता है वह आखिर किसी को कहाँ…